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सिरसा। मंडी डबवाली में शुक्रवार को पुलिस ने एक अवैध नशामुक्ति केंद्र का भंडाफोड़ करते हुए 29 नशा पीड़ितों को छुड़वाया। इस केंद्र में नशा पीड़ितों को बंधक बनाकर रखा गया था। पुलिस ने इस मामले में नशामुक्ति केंद्र का संचालन करने वाले दो आरोपियों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने कहा कि मामले की छानबीन जारी है। इस मामले में आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। वहीं, तीन फरवरी को भी पुलिस ने मंडी डबवाली के चौहान नगर में एक नशामुक्ति केंद्र पर छापा मारकर 21 लोगों को मुक्त कराया था।
एएसपी डबवाली रमेश कुमार को सूचना मिली थी कि कबीर बस्ती स्थित एक मकान में अवैध रूप से नशामुक्ति केंद्र चल रहा है। इस केंद्र पर कई नशा पीड़ितों को बंधक बनाकर रखा गया है। इस सूचना के बाद एएसपी ने टीम के साथ मकान में छापा मारा। इस दौरान यहां पर हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के रहने वाले 29 नशा पीड़ित मिले। इन सभी पीड़ितों को कमरों में बंदकर रखा गया था। एएसपी रमेश कुमार ने बताया कि ये नशा मुक्ति केंद्र पुलिस जिला डबवाली के गांव जोगेवाला निवासी सुरजीत सिंह और पंजाब के जिला बठिंडा के फूस मंडी निवासी इकबाल सिंह ने खोल रखा था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ करने में जुटी हुई है।
एक कमरे में 8 से 10 लोगों को रखा जाता था
शुरुआती जांच में पता चला है कि ये नशा मुक्ति केंद्र काफी समय से चल रहा था। आरोपी सुरजीत सिंह व इकबाल नशा पीड़ितों के परिजनों को नशा छुड़ाने की गारंटी देते थे। नशा पीड़ित के घरवालों से हर माह 10 से 15 हजार रुपये लिए जाते थे। जांच में यह बात भी सामने आई है कि इस केंद्र में नशा पीड़ितों से बहुत ही बुरा बर्ताव किया जाता था। एक कमरे में 8 से 10 लोगों को रखा जाता था। मुक्त कराए गए लोगों ने पुलिस को बताया कि उन्हें दिन में एक बार ही खाना दिया जाता था।
जिले में चल रहे हैं करीब 50 अवैध केंद्र
बता दें कि प्रदेश में सबसे ज्यादा मादक पदार्थ की तस्करी सिरसा जिले में होती है। यहां नशा पीड़ितों की संख्या बहुत ज्यादा है। इसी कारण काफी लोगों ने रुपये कमाने के लालच में अवैध रूप से नशामुक्ति केंद्र खोल रखे हैंं। यहां पर नशा पीड़ितों को रखने की एवज में उसके घरवालों से प्रति माह 20 हजार रुपये तक वसूल किए जाते हैं। बताया जाता है कि जिलेभर में करीब 50 अवैध नशा मुक्ति केंद्र चल रहे हैं। ये केंद्र राजस्थान व पंजाब सीमा से लगते इलाकों में हैं।
नागरिक अस्पताल में है 10 बिस्तरों का नशा मुक्ति केंद्र
नागरिक अस्पताल में बने नशामुक्ति केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक वर्ष 2018 से लेकर 2021 तक 74 हजार से अधिक नशा पीड़ित उपचार के लिए यहां पहुंचे। इनमें महिला, किशोर व युवा शामिल हैं। सिरसा में स्वास्थ्य विभाग के तहत कुल 10 नशा मुक्ति केंद्र संचालित हो रहे हैं। इनमें से 3 सरकारी और सात प्राइवेट केंद्र हैं। सिरसा नागरिक अस्पताल में 10 बिस्तरों का है, कालांवाली में 15 व डबवाली में 10 बिस्तरों का नशा मुक्ति केंद्र है।
पंजाब व राजस्थान से सटा है सिरसा जिला
बता दें कि सिरसा जिला पंजाब व राजस्थान से सटा हुआ है। इसलिए यहां बड़े पैमाने पर नशा फैल गया है। पंजाब से सटे इलाकों में युवा चूरापोस्त, अफीम, स्मैक, हेरोइन, नशे की दवाओं के बाद अब आयोडेक्स, चरस जैसा नशा करने लगे हैं। इसके बाद भी सिरसा में कोई बड़ा नशा मुक्ति केंद्र नहीं गै।
कालांवाली केंद्र में नहीं हैं चिकित्सक
कालांवाली के नशामुक्ति केंद्र में इलाज कराने काफी नशा पीड़ित आते हैं, लेकिन यहां सुविधाओं का अभाव है। यहां एक काउंसलर, एक योग थेरेपिस्ट, एक स्टाफ नर्स, 2 वार्ड ब्यॉय, एक टियर एजुकेटर व एक अटेंडेंट के सहारे काम चलाया जा रहा है। यहां कोई चिकित्सक नहीं है।
पुलिस ने गुप्त सूचना पर कबीर बस्ती स्थित एक मकान में चल रहे नशा मुक्ति केंद्र पर छापा मारा है। ये नशा मुक्ति केंद्र अवैध पाया गया है। यहां पर 29 नशा पीड़ित बंधक के रूप में मिले। उक्त सभी को मुक्त कराकर इनके परिजनों को सौंप दिया गया है। ये सभी युवा हैं और ज्यादातर हरियाणा व पंजाब के रहने वाले हैं। अवैध नशा मुक्ति केंद्र खोलने वाले दो आरोपियों को हिरासत में लिया गया है।
रमेश कुमार, एएसपी डबवाली।
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Sirsa News: अवैध नशामुक्ति केंद्र पर बंधक बना
कर रखे 29 लोगों को मुक्त कराया