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संवाद न्यूज एजेंसी
सिरसा। चौधरी देवीलाल विश्वविद्यालय सिरसा के वाइस चांसलर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली सीनियर एसोसिएट प्रोफेसर के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन हाईकोर्ट के फैसले से पहले कोई फैसला नहीं ले सकेगा। पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने विश्वविद्यालय प्रशासन को नोटिस जारी कर इस संबंध में आदेश दिए हैं। इस मामले की अगली सुनवाई 4 अक्तूबर को होगी।
बता दें कि सीडीएलयू की एक महिला सीनियर एसोसिएट प्रोफेसर ने 7 फरवरी 2024 को सीडीएलयू के वाइस चांसलर प्रो. अजमेर मलिक के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। महिला प्रोफेसर का आरोप था कि जब वह विश्वविद्यालय के एक विभाग की चेयरपर्सन थीं तब वीसी उसे बार-बार अपने कार्यालय में बुलाते और कहते थे कि प्रमोशन के लिए तो लोग क्या कुछ नहीं करते, आप हो कि आते ही नहीं। जांच के बाद पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि महिला प्रोफेसर आरोपी के खिलाफ कोई पर्याप्त सबूत पेश नहीं कर पाई है। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने आरटीआई के जरिए पुलिस से जांच रिपोर्ट प्राप्त की। इस रिपोर्ट को कार्यकारी परिषद की बैठक में रखा। इसके बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने महिला प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई करने का मन बना लिया।
हाईकोर्ट ने सीडीएलयू प्रशासन को जारी किया नोटिस
पुलिस की जांच रिपोर्ट से असंतुष्ट महिला प्रोफेसर ने सिरसा कोर्ट में आरोपी के खिलाफ आपराधिक शिकायत दायर कर दी और पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सीडीएलयू प्रशासन के खिलाफ याचिका दायर की। इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस विनोद एस भारद्वाज ने सीडीएलयू प्रशासन को आदेश जारी किया है कि जब तक हाईकोर्ट इस मामले की सुनवाई पूरी नहीं कर लेता तब तक विश्वविद्यालय प्रशासन महिला प्रोफेसर के प्रति कोई फैसला नहीं ले सकता।
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Sirsa News: सीडीएलयू के वीसी पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली प्रोफेसर को हाईकोर्ट से राहत