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Sirsa News: बिना मौसम की सब्जियों की खेती बनी किसानों के लिए फायदे का सौदा Latest Haryana News

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A profitable deal for farmers

सिरसा के एक खेत में लगाया गया पॉलीनेट हाउस।

सिरसा। ऑफ सीजन यानी बिना मौसम की सब्जियों की खेती में किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है। बारिश न होने से घीया, तुरई, करेला, खीरा और गोभी 30 से लेकर 70 रुपये किलो तक किसान बेच रहे हैं। हालांकि ऑफ सीजन की खेती में पारंपरिक खेती से ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, वहीं मुनाफा भी ज्यादा होता है।

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जिला बागवानी विभाग के अधिकारियों की माने तो बिना मौसम की सब्जियों की फसल नेट और बांस की तकनीक पर की जाती है। राजस्थान और पंजाब से क्षेत्र लगा होने के कारण जिले में सब्जियों की मांग निरंतर बनी रहती है। ड्रिप प्रणाली लगाने वाले किसानों को विभाग की तरफ से विशेष अनुदान दिया जाता है।

कृषि विशेषज्ञों के अनुसार एक साल में किसान खीरे की तीन फसल तक ले लेता है। खीरे की फरवरी से मार्च, जून से अगस्त और अक्तूबर से दिसंबर तक बिजाई की जाती है। तीनों सीजन में किसान को सबसे अच्छा मुनाफा जून माह में तैयार होने वाली फसल से मिलता है, क्योंकि गर्मी के मौसम में सब्जियों की मांग बढ़ जाती है और उत्पादन कम हो जाता है। इसलिए अच्छे दाम किसानों को मिल जाते हैं।

पॉलीहाउस पर मिलता है अनुदान

पॉलीहाउस पर विशेष अनुदान बागवानी विभाग द्वारा दिया जाता है। पॉलीहाउस दो तरह से तैयार किया जाता है। एक नेट के माध्यम से, दूसरा प्लास्टिक की पन्नी लगाकर तैयार होता है। तेज आंधी के कारण प्लास्टिक की पन्नी से बना पॉलीहाउस ज्यादा कामयाब नहीं होता, इसलिए नेट से बने पॉलीहाउस किसान लगा रहे हैं। इसके लिए सामान्य श्रेणी के किसान को 50 प्रतिशत अनुदान मिलता है, वहीं अनुसूचित श्रेणी के किसान को 85 प्रतिशत अनुदान दिया जाता है। इसके लिए 4000 स्कवेयर मीटर रकबा होना जरूरी है।

आधे खर्च में विभाग देता है पौध तैयार करके

बागवानी विभाग के पास जिले में आठ नर्सरी पौध तैयार करने की है। सबसे उच्च तकनीक वाली नर्सरी मांगेआना में है। विभाग किसानों को आधे खर्च में पौध तैयार करके देता है। विभाग की ओर किसानों से बीज लिया जाता है और उसकी पौध तैयार करके किसानों को सौंप दी जाती है। इससे किसानों को पौध तैयार करने पर समय बर्बाद नहीं करना पड़ता। जिसके बाद सीधे ही पौध लगाकर फसल का उत्पादन शुरू कर देता है। पंजीकरण करवाने पर किसानों को फसल खराब होने पर सरकार से मुआवजा मिलता है।

थोक में सब्जी के भाव

घीया – 40

तुरई – 50

करेला – 40

गोभी – 60

खीरा 40

कोट्स

बिना मौसम की सब्जियों की खेती में किसानों को अच्छा लाभ मिल रहा है। सरकार भी नियमानुसार खेती का पंजीकरण कर अनुदान किसानों को दे रही है। गर्मी के मौसम में अच्छे दाम कमाकर प्रति एकड़ तीन से चार लाख रुपये किसान कमा रहे हैं। मौजूदा समय में घीया, खीरा, गोभी, करेला जैसी सब्जियां उगाकर किसान अच्छी कमाई कर रहे हैं।

-डॉ. पुष्पेंद्र सिंह राठौर, जिला बागवानी अधिकारी।

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