डेरा जीवन नगर विवाद में घायल अनुयायी। संवाद
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संवाद न्यूज एजेंसी
रानियां / सिरसा। डेरा जीवन नगर के साथ लगती जमीन पर कब्जे का विवाद एक बार फिर हिंसक झड़प में तब्दील हो गया। डेरा मस्तनाथ के अनुयायी रविवार सुबह आठ बजे जैसे ही विवादित जमीन पर झंडे लगाने और स्प्रे का छिड़काव करने लगे, वैसे ही डेरे से गोलियां चलनी शुरू हो गईं। आधे घंटे तक जीवन नगर डेरे के अंदर से गोलियां चलती रहीं। इस दौरान गोली लगने से आठ लोग घायल हो गए। घायलों को नागरिक अस्पताल सिरसा में प्राथमिक उपचार के बाद लुधियाना ले जाया गया। इनमें से दो की स्थिति नाजुक बनी हुई है। घटना के दौरान मौके पर पहुंची पुलिस पर भी डेरे से गोलियां चलाई गईं। एसएचओ की गाड़ी पर भी गोलियां लगीं। पुलिसकर्मियों ने गाड़ियों के पीछे छिपकर अपनी जान बचाई।
एसपी विक्रांत भूषण पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने दोनों पक्षों को शांत करवाया। अब प्रशासनिक अधिकारी जमीन की जांच करेंगे और उसके बाद जमीन को लेकर कोई निर्णय किया जाएगा। तनावपूर्ण माहौल देखते हुए मौके पर पुलिस बल तैनात किया गया है, ताकि कोई विवाद पैदा न हो।
डेरा मस्तनाथ के अनुयायी बोले- धान में स्प्रे करने गए थे
घायल गांव नकौडा के पूर्व सरपंच सुखचैन सिंह ने बताया कि डेरे की 11 एकड़ 1 कनाल जमीन जीवन नगर डेरे के साथ लगती है। डेरे की जमीन को लेकर कुछ समय से विवाद चल रहा है। डेरा मस्तनाथ के अनुयायी रविवार सुबह अपने खेत में धान में स्प्रे करने के लिए गए थे। इस दौरान डेरा जीवन नगर के अनुयायियों ने उन पर गोलियां चलानी शुरू कर दीं। वहां 50 से 60 आदमी मौजूद थे। सुखचैन ने आरोप लगाया कि जिस तरह से गोलियां चलाई गई है। उससे पता चलता है कि सबकुछ साजिश रचकर किया गया है। विवाद होने की सूचना पर डेरा मस्तनाथ के अनुयायी जमा हो गए। हालांकि उन्होंने कोई गोलियां नहीं चलाई। दूसरा पक्ष ही हमलावर बना रहा। पुलिस ने किसी तरह से बीच में आकर विवाद को शांत करवाया।
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दोनों पक्षों ने पुलिस को किया सूचित
डेरा जीवन नगर व डेरा मस्तनाथ के अनुयायियों के विवाद होने की सूरत में दोनों ने पुलिस को 112 नंबर पर फोन किया था। जब पुलिस मौके पर पहुंची तो गोलियां चला रही थीं। रानियां थाना प्रभारी, जीवन नगर चौकी पुलिस सबसे पहले मौके पर पहुंचे। तब एक पक्ष की ओर से गोलियां चलाई जा रही थीं।
पहले भी हो चुका है विवाद
डेरा जीवन नगर ठाकुर दलीप सिंह व डेरा मस्तनाथ ठाकुर उदय सिंह के अंतर्गत आता है। दोनों पक्षों के बीच इस जमीन को लेकर 20 सालों से विवाद चल रहा है। 10 से 12 साल पहले भी इस जमीन को लेकर विवाद हुआ था। इस जमीन पर पहले धारा 145 लग चुकी है। ऐसे में कई सालों के बाद फिर से विवाद जमीन को लेकर खड़ा हो गया है। कुछ अनुयायी जमीन की पैमाइश कर मौके पर झंडे लगा रहे थे। इस कारण स्थिति बिगड़ गई।
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