Sirsa Municipal Election: डिप्टी सीएम, बिजली मंत्री और विधायक के भाई मिलकर नहीं जिता पाए एक भी सीट


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सिरसा में स्थानीय निकाय चुनाव का चौंकाने वाला परिणाम आ चुका है। इनेेलो के गढ़ कहे जाने वाले सिरसा जिले में भाजपा सेंध लगाने में एक बार फिर नाकाम रही है। भाजपा के कद्दावर नेता के अलावा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, बिजली मंत्री रणजीत सिंह और सिरसा के विधायक के भाई गोबिंद कांडा मिलकर भी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाए। हार के बाद भाजपा अब चुनाव में मिली हार को लेकर मंथन करेगी। दूसरी तरफ भाजपा-जजपा गठबंधन को एक बार फिर मंथन करना होगा कि आखिर कमी कहां रह गई। 

डबवाली नगर परिषद, ऐलनाबाद और रानियां नगर पालिका चेयरमैन चुनाव में भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई। जहां एक ओर डबवाली और रानियां सीट पर इनेलो का कब्जा हो गया है वहीं दूसरी ओर ऐलनाबाद सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है। ऐसे में भाजपा को निराशा ही हाथ लगी है। इसके कई कारण हैं, जिन पर अब पार्टी संगठन और गठबंधन नेताओं को मंथन करना होगा। (संवाद)

ऐलनाबाद : इनेलो के गढ़ में कुछ नहीं कर पाई भाजपा, कांग्रेस ने लगाई सेंध
इस बार भाजपा-जजपा का गठबंधन हुआ। इसके तहत ऐलनाबाद नगर पालिका चेयरमैन पद के लिए भाजपा के कद्दावर नेताओं के साथ-साथ सिरसा के विधायक गोपाल कांडा का सहयोग रहा। विधायक के भाई भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने ऐलनाबाद में पूरा जोर लगाया। पिछले वर्ष अक्तूबर में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव के दौरान मिले वोट संख्या से भाजपा नेता ज्यादा आत्मविश्वास में नजर आए। इसी का नुकसान हुुुआ। जबकि ऐलनाबाद को इनेलो का गढ़ माना जाता है और यहां से अभय सिंह चौटाला विधायक भी हैं। लेकिन इसके बावजूद ऐलनाबाद सीट पर कांग्रेस कब्जा कर गई और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार राम सिंह सोलंकी के भाग्य जग गए।

रानियां : भाजपा-जजपा और बिजली मंत्री का गठबंधन नहीं दिखा पाया असर
रानियां में बिजली मंत्री ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार दीपक गाबा को मैदान में उतारा। इसलिए भाजपा-जजपा ने सहयोग किया, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान न तो इस क्षेत्र में कोई भाजपा नेता नजर आया और न ही जजपा नेता। ऐसे में बिजली मंत्री अकेले पड़ गए। इसी बात का नुकसान हुआ और इनेलो बाजी मार गई। यहां से इनेलो समर्थित उम्मीदवार मनोज सचदेवा जीत हासिल कर गए। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान बिजली मंत्री रणजीत सिंह के समर्थकों को इस बात का अंदेेशा हो गया था, लेकिन गठबंधन के कारण खुलकर समर्थक बोल भी नहीं पाए।

डबवाली : भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान से प्रचार पड़ा खटाई में
भाजपा-जजपा गठबंधन हुुआ था, लेकिन डबवाली में गठबंधन उम्मीदवार को लेकर विवाद हो गया था। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के नेता ही आपस में उलझ गए और गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन देने या न देने को लेकर अलग-अलग रास्ते कर लिए। इससे विवाद हुआ और भाजपा-जजपा गठबंधन को सीधा नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलावा यहां कांग्रेस विधायक और उनके पिता भी खास प्रभाव नहीं दिखा पाए और इसका फायदा इनेेलो को मिला। यहां से इनेलो उम्मीदवार टेक चंद छाबड़ा चेयरमैन चुने गए।

भाजपा का बढ़ा है ग्राफ, फिर भी जिला स्तर के परिणाम पर करेंगे मंथन : कपिल सोनी
देखिए, प्रदेश स्तर पर आए परिणाम की बात करें तो प्रदेेश की 28 नगर पालिका और 18 नगर परिषद के चुनाव में 31 स्थानों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। हालांकि जिला स्तर पर जो भी परिणाम आया, उसका संगठन अपने स्तर पर मंथन करेगा। जनता के फैसले का संगठन स्वागत करता है। – कपिल सोनी एडवोकेट, जिला मीडिया प्रभारी, भाजपा।

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सिरसा में स्थानीय निकाय चुनाव का चौंकाने वाला परिणाम आ चुका है। इनेेलो के गढ़ कहे जाने वाले सिरसा जिले में भाजपा सेंध लगाने में एक बार फिर नाकाम रही है। भाजपा के कद्दावर नेता के अलावा डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला, बिजली मंत्री रणजीत सिंह और सिरसा के विधायक के भाई गोबिंद कांडा मिलकर भी एक भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाए। हार के बाद भाजपा अब चुनाव में मिली हार को लेकर मंथन करेगी। दूसरी तरफ भाजपा-जजपा गठबंधन को एक बार फिर मंथन करना होगा कि आखिर कमी कहां रह गई। 

डबवाली नगर परिषद, ऐलनाबाद और रानियां नगर पालिका चेयरमैन चुनाव में भाजपा अपना खाता भी नहीं खोल पाई। जहां एक ओर डबवाली और रानियां सीट पर इनेलो का कब्जा हो गया है वहीं दूसरी ओर ऐलनाबाद सीट कांग्रेस के खाते में चली गई है। ऐसे में भाजपा को निराशा ही हाथ लगी है। इसके कई कारण हैं, जिन पर अब पार्टी संगठन और गठबंधन नेताओं को मंथन करना होगा। (संवाद)

ऐलनाबाद : इनेलो के गढ़ में कुछ नहीं कर पाई भाजपा, कांग्रेस ने लगाई सेंध

इस बार भाजपा-जजपा का गठबंधन हुआ। इसके तहत ऐलनाबाद नगर पालिका चेयरमैन पद के लिए भाजपा के कद्दावर नेताओं के साथ-साथ सिरसा के विधायक गोपाल कांडा का सहयोग रहा। विधायक के भाई भाजपा नेता गोबिंद कांडा ने ऐलनाबाद में पूरा जोर लगाया। पिछले वर्ष अक्तूबर में हुए ऐलनाबाद उपचुनाव के दौरान मिले वोट संख्या से भाजपा नेता ज्यादा आत्मविश्वास में नजर आए। इसी का नुकसान हुुुआ। जबकि ऐलनाबाद को इनेलो का गढ़ माना जाता है और यहां से अभय सिंह चौटाला विधायक भी हैं। लेकिन इसके बावजूद ऐलनाबाद सीट पर कांग्रेस कब्जा कर गई और कांग्रेस समर्थित उम्मीदवार राम सिंह सोलंकी के भाग्य जग गए।

रानियां : भाजपा-जजपा और बिजली मंत्री का गठबंधन नहीं दिखा पाया असर

रानियां में बिजली मंत्री ने अपने पसंदीदा उम्मीदवार दीपक गाबा को मैदान में उतारा। इसलिए भाजपा-जजपा ने सहयोग किया, लेकिन चुनाव प्रचार के दौरान न तो इस क्षेत्र में कोई भाजपा नेता नजर आया और न ही जजपा नेता। ऐसे में बिजली मंत्री अकेले पड़ गए। इसी बात का नुकसान हुआ और इनेलो बाजी मार गई। यहां से इनेलो समर्थित उम्मीदवार मनोज सचदेवा जीत हासिल कर गए। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान बिजली मंत्री रणजीत सिंह के समर्थकों को इस बात का अंदेेशा हो गया था, लेकिन गठबंधन के कारण खुलकर समर्थक बोल भी नहीं पाए।

डबवाली : भाजपा नेताओं की आपसी खींचतान से प्रचार पड़ा खटाई में

भाजपा-जजपा गठबंधन हुुआ था, लेकिन डबवाली में गठबंधन उम्मीदवार को लेकर विवाद हो गया था। चुनाव प्रचार के दौरान भाजपा के नेता ही आपस में उलझ गए और गठबंधन प्रत्याशी को समर्थन देने या न देने को लेकर अलग-अलग रास्ते कर लिए। इससे विवाद हुआ और भाजपा-जजपा गठबंधन को सीधा नुकसान उठाना पड़ा। इसके अलावा यहां कांग्रेस विधायक और उनके पिता भी खास प्रभाव नहीं दिखा पाए और इसका फायदा इनेेलो को मिला। यहां से इनेलो उम्मीदवार टेक चंद छाबड़ा चेयरमैन चुने गए।

भाजपा का बढ़ा है ग्राफ, फिर भी जिला स्तर के परिणाम पर करेंगे मंथन : कपिल सोनी

देखिए, प्रदेश स्तर पर आए परिणाम की बात करें तो प्रदेेश की 28 नगर पालिका और 18 नगर परिषद के चुनाव में 31 स्थानों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है। हालांकि जिला स्तर पर जो भी परिणाम आया, उसका संगठन अपने स्तर पर मंथन करेगा। जनता के फैसले का संगठन स्वागत करता है। – कपिल सोनी एडवोकेट, जिला मीडिया प्रभारी, भाजपा।

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