29 मई को मानसा के गांव जवाहरके के पास पंजाबी गायक शुभदीप सिंह उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद शूटर प्रियवर्त फौजी, अंकित सेरसा और अंकित जाटी रास्ता भटक गए थे। ये करीब एक घंटे तक अज्ञात जगह पर छिपे रहे थे। यह खुलासा पुलिस चार्जशीट में आरोपी केशव ने अपने बयान में किया है। इसके बाद आरोपी केशव किसी वाहन से घटनास्थल वाले गांव में पहुंचा और सभी शूटरों को लेकर वापस सरदूलगढ़ रोड से फतेहाबाद गया था। जांच में यह भी सामने आया है कि मानसा जेल में बंद मोहना ने जग्गू भगवानपुरिया के कहने पर शूटरों के रहने का इंतजाम अपने घर पर करवाया था। चार्जशीट में लॉरेंस बिश्नोई ने माना है कि उसने ही गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर मूसेवाला की हत्या की साजिश रची। उसने शूटरों के लिए हरियाणा के मोनू डांगर से संपर्क किया था।
मोनू डांगर ने भी अपने बयान में माना कि उसी ने ही प्रियवर्त फौजी, अंकित सेरसा, अंकित जाटी और दीपक मुंडी की जान-पहचान लॉरेंस बिश्नोई से करवाई थी। इसके बाद सभी शूटरों ने गोल्डी बराड़ और सचिन थापन का आदेश मिलने के बाद मूसेवाला की गोली मारकर हत्या कर दी थी।पूछताछ में लॉरेंस ने बताया था कि उसको नहीं पता कि शूटरों के पास एके 47 और हैंड ग्रेनेड कहां से पहुंचे। इस बारे में सचिन थापन और अनमोल बिश्नोई को ही पता है।
चार्जशीट में प्रियवर्त फौजी ने अपना कबूलनामा दर्ज करवाया कि मूसेवाला की हत्या के बाद सभी लोग फरार हो गए थे लेकिन घटनास्थल से कुछ दूरी पर जाकर शूटर जगरूप रूपा ने एक ऑल्टो गाड़ी को छीन लिया था और अपनी कोरोला गाड़ी वहीं छोड़ दी थी। इसी दौरान ऑल्टो कार चला रहा रूपा अपने साथियों समेत हमारी बोलेरो गाड़ी से पीछे रह गया और हम सब लोग रास्ता भटक गए थे। इसके बाद हमने केशव को बुलाया था, जो हमें आगे लेकर गया था। शूटर फौजी ने माना कि जब हम रास्ता भटक गए तो एक अज्ञात जगह पर थे। इसी दौरान हमने मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल की 30 बोर और 9 एमएम का पिस्टल उसी जगह बिजली के खंभे के नीचे दबा दिया था।
पुलिस पकड़ लेती तो खुद को लेबर वाला बताते
पुलिस की चार्जशीट में दर्ज कबूलनामे में प्रियवर्त फौजी ने बताया कि मूसेवाला की हत्या के बाद वह रास्ता भटके तो किसी सुनसान जगह पर थे। दूर-दूर से गाड़ियां जाती दिख रही थीं। वह डर के मारे छिपे रहे। अगर पुलिस उन्हें पकड़ लेती तो खुद को लेबर वाला बताकर बचने की योजना थी। पुलिस की चार्जशीट में दर्ज कबूलनामे में शूटर प्रियवर्त फौजी, केशव कुमार ने माना कि सभी शूटरों के पास 9 एमएम और 30 बोर के पिस्टल थे। इसके अलावा उनके पास 315 बोर का हथियार भी था।
फतेहबाद के साबरिया होटल में ठहरे सभी आरोपी
शूटर प्रियवर्त फौजी, केशव कुमार, दीपक उर्फ टीनू ने पुलिस पूछताछ में माना कि मूसेवाला की हत्या के बाद वह फतेहाबाद चले गए थे। जहां पर गोल्डी बराड़ ने उनके पास एक क्रेटा गाड़ी भेजी थी। जिस पर सवार होकर वह साबरिया होटल फतेहबाद चले गए थे। वहां सचिन भिवानी नामक युवक मिला और उसने उनसे सभी असलहे ले लिए जो मूसेवाला की हत्या में इस्तेमाल हुए थे।
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