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Faridabad News: शरद पूर्णिमा 2025 इस वर्ष 6 अक्टूबर को है. इसे अमृत वर्षा वाला दिन माना जाता है. चंद्र दर्शन रात 08:30 बजे से प्रातःकाल तक शुभ है.
शरद पूर्णिमा का पर्व इस वर्ष 6 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा. इसे अमृत की बारिश वाला दिन माना जाता है. सनातन परंपरा में इसका खास महत्व है और इसे शांति, सुख और समृद्धि लाने वाला दिन माना जाता है.

फरीदाबाद के महंत स्वामी कामेश्वरानंद वेदांताचार्य के अनुसार, इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ उदित होता है. ऐसा माना जाता है कि पृथ्वी पर अमृत वर्षा करता है. माता लक्ष्मी का जन्मोत्सव भी इसी दिन मनाया जाता है.

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्र दर्शन का समय रात 08:30 बजे से प्रातःकाल तक है. खासकर रात 11:30 बजे से 12:30 बजे का समय पूजन और दर्शन के लिए सर्वोत्तम माना गया है. चंद्रोदय शाम 05:27 बजे होगा.

शरद पूर्णिमा पर खीर बनाकर चांदनी में रखने की परंपरा है. अगले दिन इसे प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है. ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति प्राप्त होती है.

आयुर्वेद के अनुसार शरद पूर्णिमा के समय मौसम बदलता है. वर्षा ऋतु समाप्त होती है और शरद ऋतु का प्रारंभ होता है. चंद्रमा की किरणें शुद्ध और शीतल होती हैं जो शरीर और मन को आराम देती हैं.

शरद पूर्णिमा को कोजागर या कोजागरी पूर्णिमा कहते हैं. इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने रास रचाया था. अमृत की वर्षा हुई थी. जागरण करने वालों को धन-समृद्धि का आशीर्वाद मिलता है. ब्रज में इसे रास पूर्णिमा भी कहते हैं.
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