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बॉलीवुड अभिनेता Saif Ali Khan पर गुरुवार रात उनके घर में घुसे चोर ने चाकू से हमला कर दिया था. घायल हालत में उन्हें लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां वह अब खतरे से बाहर हैं. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए हमलावर की पहचान सुनिश्चित कर ली है. सैफ के घर की सीढ़ियों से उतरते हुए वह CCTV में कैद हो गया. इसके अलावा पुलिस ने डेटा डंपिंग टेक्नोलॉजी की मदद लेकर भी हमलावर का पता लगा लिया है. आइये जानते हैं कि यह टेक्नोलॉजी क्या होती है.
डेटा टंप टेक्नोलॉजी में क्या होता है?
जांच एजेंसियां आमतौर पर इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती है. इसमें टेक्स्ट, ईमेल, फोटो, ऐप्स और ब्राउजिंग हिस्ट्री आदि को खंगाला जाता है. सैफ के हमलावर के मामले में पुलिस ने इसी टेक्नोलॉजी के एक हिस्से टावर डंपिंग का इस्तेमाल किया था. दरअसल, जब कोई भी मोबाइल किसी टावर से कनेक्ट होता है तो उस टावर उसका एक अकाउंट (लॉग) बना लेता है. इसमें मोबाइल की IMEI नंबर, IP एड्रेस और लोकेशन आदि स्टोर हो जाती है. जब मोबाइल उस एरिया से निकलकर दूसरे टावर से कनेक्ट होता है तो वहां भी उसका लॉग बन जाता है.
इससे क्या पता चलता है?
इस लॉग से यह पता चल जाता है कि किसी पर्टिकुलर समय एक टावर से कितने मोबाइल कनेक्टेड थे और उनमें से कितने एक्टिव थे. इन सारे मैट्रिक्स की मदद से यह भी पता लगाया जा सकता है कि टावर के नेटवर्क वाले इलाके में किसी फोन की लोकेशन क्या थी और क्या वह उस समय एक्टिव था. इसी टेक्नोलॉजी का सहारा लेकर पुलिस सैफ पर हमला करने वाले हमलावर की पहचान पता करने में सफल हुई. CCTV कैमरा फुटेज ने उस पहचान को वेरिफाई कर दिया. यह पहली बार नहीं है, जब इस टेक्नोलॉजी की मदद से आरोपियों की पहचान की गई है. जांच एजेंसियां पहले भी इसका यूज करती आई हैं.
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