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शिरोमणि अकाली दल के नेता डॉ दलजीत सिंह चीमा।
शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने 21 जनवरी को होने वाली एसजीपीसी सदस्यों की बैठक स्थगित कर दी है। अब यह बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में होगी। यह जानकारी शिरोमणि अकाली दल के प्रवक्ता डॉ. दलजीत सिंह चीमा ने सोशल मीडिया अकाउंट एक
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हालांकि पार्टी के संसदीय बोर्ड की बैठक पूर्व निर्धारित समय के अनुसार कल 20 जनवरी को दोपहर 1 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में होगी। सभी पार्टी नेताओं से अनुरोध है कि वे कल सुबह से पार्टी मुख्यालय से सदस्यता पुस्तिकाएं प्राप्त कर लें।
इस मुद्दे को लेकर बुलाई जा रही बैठक
डॉ. चीमा ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि शिरोमणि अकाली दल ने एसजीपीसी मतदाता सूचियों में बड़े पैमाने पर फर्जी वोट दर्ज होने के मामले में अपने एसजीपीसी सदस्यों की बैठक बुलाने का फैसला किया है। यह बैठक पहले 21 जनवरी को होनी थी। अब शिरोमणि अकाली दल के एसजीपीसी सदस्यों की बैठक 22 जनवरी को दोपहर 12 बजे चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में होगी।
चूंकि रिटर्निंग अधिकारियों के पास आपत्तियां दर्ज कराने की अंतिम तिथि 23 जनवरी है, इसलिए पार्टी ने अपने सभी सदस्यों और अन्य नेताओं से अपील की है कि वे गैर-सिख और अन्य फर्जी वोटों के बारे में सभी आपत्तियां समय रहते संबंधित रिटर्निंग अधिकारियों के पास लिखित रूप में दर्ज कराएं। इसके बाद शिरोमणि अकाली दल नेतृत्व गुरुद्वारा चुनाव के मुख्य आयुक्त के समक्ष पूरा मामला उठाएगा।
संसदीय बोर्ड की बैठक कल 20 जनवरी को दोपहर 1 बजे तय कार्यक्रम के अनुसार चंडीगढ़ स्थित पार्टी मुख्यालय में होगी। सदस्यता अभियान भी कल 20 जनवरी से शुरू होगा। सभी पार्टी नेताओं से अनुरोध है कि वे कल सुबह से पार्टी मुख्यालय से सदस्यता पुस्तिकाएं प्राप्त कर लें।
डॉ. दलजीत सिंह चीमा द्वारा शेयर की गई पोस्ट।
प्रधान पद के लिए चुनाव 1 मार्च को
SAD से मिली जानकारी के अनुसार सदस्यता अभियान 20 फरवरी से 25 मार्च तक चलाया जाएगा। 25 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी हलकों के लिए प्रभारियों की ड्यूटी लगाई गई है। नए प्रधान का चुनाव 1 मार्च को होगा, क्योंकि सुखबीर सिंह बादल के इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है।
सुखबीर बादल को कुछ दिन पहले अकाल तख्त ने धार्मिक सजा सुनाई थी। जिसमें उन पर मुख्य रूप से 3 आरोप थे। पहला आरोप बेअदबी मामले में सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख राम रहीम को माफ करने का था। इसके अलावा उन पर सरकार में रहते हुए भी श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी को न रोक पाने और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई न कर पाने का आरोप था। इस सजा से पहले ही सुखबीर बादल ने प्रधान पद से इस्तीफा दे दिया था।
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SAD के SGPC सदस्यों की मीटिंग अब 22 को: 21 जनवरी की बैठक स्थगित, पार्टी ने लिया फैसला, कल से शुरू होगा सदस्यता अभियान – Punjab News