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12सीटीके21..पीजीआई स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में सोमवार को सिविल सर्जन को ज्ञापन देते सीनियर
रोहतक। जिले के सरकारी दंत चिकित्सकों ने अपनी लंबे समय से लंबित मांगों के समर्थन में शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करते हुए काले बैज लगाकर रोष जताया। सोमवार को सभी दंत चिकित्सकों ने मरीजों का इलाज करते हुए अपने कोट पर काले रिबन लगाए रखे। जिले में करीब 40 डेंटल सर्जन हैं। दोपहर करीब 2:30 बजे नागरिक अस्पताल के सभी डेंटल सर्जन डॉ. अतुल शर्मा की अगुवाई में सिविल सर्जन कार्यालय पहुंचे। यहां सीएमओ डॉ. रमेश चंद्र को मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस अवसर पर मुख्य तौर पर डॉ. अतुल शर्मा, वरिष्ठ दंत चिकित्सक, रोहतक, डॉ. नवीन जिंदल, डॉ. सुधीर कुमार, डॉ. ममता, डॉ. विशाल मोंगिया व डॉ. रोमा राठी उपस्थित रहे।

चिकित्सकों की माने तो 2008 से पहले तक एमओ और सिविल सर्जन दोनों के पे स्केल बराबर थे। पदोन्नति पॉलिसी भी एक जैसी ही थी। अब हो यह रहा है कि सिर्फ 20 प्रतिशत डेंटल सर्जन की पदोन्नति हो रही है। बाकी 80 प्रतिशत को यूं ही अपने हाल पर छोड़ दिया जा रहा है। पदोन्नति और पे-स्केल न बढ़ने के कारण उनका मनोबल गिर रहा है। एक तरफ जहां एमओ हर पांच साल में पदोन्नति सौ प्रतिशत पा रहे हैं तो वहीं डेंटल सर्जन की पदोन्नति की प्रक्रिया छठे वर्ष से शुरू होती है। आज से 16 साल पहले ऐसा बिल्कुल नहीं था।
-मेडिकल ऑफिसर की तरह समान वेतनमान किया जाए।
– मेडिकल ऑफिसर की तरह समयबद्ध तरक्की दी जाए।
– स्पेशलिस्ट कैडर व दंत चिकित्सकों के साथ साल 2008 से हो रहे सभी प्रकार के भेदभाव दूर किए जाएं।
12सीटीके21..पीजीआई स्थित सिविल सर्जन कार्यालय में सोमवार को सिविल सर्जन को ज्ञापन देते सीनियर

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Rohtak News: 80 प्रतिशत डेंटल सर्जन की नहीं होती पदोन्नति, न बढ़ता पे स्केल