रोहतक। शहीद भगत सिंह छात्र संगठन ने महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (एमडीयू) के मुख्य सुरक्षा अधिकारी (सीएसओ) के खिलाफ कुलपति को ज्ञापन सौंपा। इसमें विवि से इसी माह सेवानिवृत्त होने वाले सुरक्षा अधिकारी के साथ उनके भाई के भी उसी दिन सेवानिवृत्त होने पर सवाल उठाया गया है। जबकि दोनों भाई न तो जुड़वां बताए गए हैं, न ही उन्होंने साथ कार्यभार संभाला। इधर, मुख्य सुरक्षा अधिकारी ने आरोपों को निराधार बताया है।
शहीद भगत सिंह छात्र संगठन के अध्यक्ष प्रदीप मोटा ने कहा कि एमडीयू में मुख्य सुरक्षा अधिकारी व उनका भाई इस माह दोनों एक ही दिन सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इनकी डिग्रियां फर्जी हैं। यही नहीं नौकरी गलत तरीका से लगा है। इसी तरह और भी कर्मचारी हैं। इन्हें नियुक्ति नहीं दी गई है। जबकि व्यक्ति विशेष को पहुंच के चलते सारे लाभ दिए जा रहे हैं। यह अधिकारी दिल्ली बाईपास स्थिति अपने होटल में विवि के सुरक्षा कर्मचारियों से कामकाज कराता है। अनुबंधित सुरक्षा कर्मचारियों से 400 रुपये प्रति गार्ड वसूले जा रहे हैं। फर्जी डिग्रियों के कारण इस अधिकारी को एमडीयू से बर्खास्त कर दिया गया था। इसे धोखाधड़ी मामले में तीन साल की सजा के साथ दो हजार रुपये जुर्माना भी लगाया गया था। इस मामले की जांच कराई जाए। ज्ञापन देने वालों में संगठन के जिला प्रधान हिमांशू देसवाल, एमडीयू प्रधान लक्ष्य मलिक, वरुण मलिक, धनकर, चिराग, नवीन, आशीष नांदल, दीपक व अन्य छात्र मौजूद रहे।
सीएसओ ने आरोप नकारे, कहा-केस जीत कर आया हूं
सीएसओ बलराज सिंह ने भगत सिंह संगठन के आरोपों को निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि मेरी डिग्रियां पूरी तरह सही हैं। यदि डिग्री फर्जी होती तो न केस जीतता न एमडीयू कार्यभार सौंपाता। कोर्ट से केस जीत कर आया हूं। सारे दस्तावेज व काम सही और दुरुस्त हैं।
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