रोहतक। बचपन के शौक और अब समय की जरूरत के अनुसार सीखा बुटीक कार्य अब राधा के जीवन की राह आसान बनाने का काम कर रहा है। सिलाई-कढ़ाई के कार्य से 12वीं पास राधा सैनी गांव में ही अपना भविष्य संवार रही हैं।
लाखन माजरा गांव की राधा ने बताया कि उन्होंने करीब 10 साल पहले 15 दिन निशुल्क प्रशिक्षण लिया। इसके बाद वे करीब छह माह रोहतक आकर सिलाई कढ़ाई सीखने लगीं। प्रशिक्षण के बाद गांव में ही उन्होंने स्वरोजगार शुरू किया। वे अब दूसरी महिलाओं को भी सिलाई कढ़ाई कार्य के लिए प्रेरित करती हैं।
वह उन्नति स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं। राधा कहती हैं कि पहले वे छोटी मशीन से सिलाई करती थी। इसमें समय अधिक लगता था। उन्होंने तीन साल पहले 25 हजार रुपये का लोन लिया। जिससे उन्होंने सिलाई और इंटरलॉक मशीनें खरीदी। इसके बाद उनका काम और बेहतर होने लगा व ऑर्डर भी ज्यादा आने लगे। इस स्वरोजगार से अब वे 10 हजार रुपये तक प्रति माह की आमदनी कर रहीं हैं।