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रोहतक। जिला बार एसोसिएशन के लिए तैयार मतदाता सूची से 1217 वोट कटने पर मंगलवार को वकीलों के बीच हंगामा हो गया। निवर्तमान प्रधान अरविंद श्योराण व पूर्व प्रधान लोकेंद्र फौगाट उर्फ जोजो ने आरोप लगाया भेदभाव पूर्ण तरीके से वोट काटा गया है, ताकि दूसरे पक्ष को फायदा पहुंचाया जा सके। एक नियम होने के बावजूद सांसद दीपेंद्र हुड्डा की वोट छोड़ दी, जबकि पूर्व वित्तमंत्री कैप्टन अभिमन्यु की काट दी।
उधर, चुनाव अधिकारियों ने आरोप को खारिज करते हुए पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल के नियमों का हवाला दिया है। अब वीरवार को निवर्तमान प्रधान पक्ष ने हाउस की बैठक बुलाई है। जबकि चुनाव अधिकारी ने बैठक को गैर कानूनी करार दिया है।
पंजाब एवं हरियाणा बार काउंसिल की तरफ से पूरे प्रदेश में वकीलों के 28 फरवरी को चुनाव करवाए जा रहे हैं। काउंसिल की ओर से एडवोकेट प्रदीप मलिक व ओपी पूनिया को चुनाव अधिकारी, गुगन सिंह हुड्डा को मुख्य चुनाव अधिकारी व अनिल शर्मा को सहायक चुनाव अधिकारी नियुक्त किया था। सोमवार व मंगलवार को नामांकन दाखिल किए। दोपहर 12 बजे चुनाव अधिकारी ने जैसे ही मतदाता सूची जारी की, तुरंत हंगामा हो गया। 3536 वकीलों ने शपथ पत्र व फीस जमा करवाकर वोट बनवाने के लिए आवेदन किया था, लेकिन मतदाता सूची में 2319 वकीलों के ही नाम मिले।
निवर्तमान प्रधान अरविंद श्योराण व पूर्व प्रधान लोकेंद्र फौगाट के नेतृत्व में वकील चुनाव अधिकारियों से मिले और वोट काटे जने पर सवाल उठाए। जोजो ने समर्थक वकीलों की बार हाउस में बैठक बुलाई और पूरा ब्योरा रखा। बताया कि कई मृत वकीलों के नाम सूची में हैं, लेकिन बार में लंबे समय से वकालत कर रहे वकीलों के नाम गायब हैं।
आमने-सामने
भेदभाव पूर्ण तरीके से वोट काटे गए हैं। 3536 वकीलों को वोट डालने का अधिकार दिया जाए या हर काटे गए वोट को लेकर चुनाव अधिकारी वीरवार तक जवाब दें। जवाब नहीं मिला तो वीरवार को हाउस की दोबारा बैठक होगी। बैठक में हाउस मौजूदा चुनाव कमेटी को भंग करके नई कमेटी बनाकर चुनाव कराने का निर्णय ले सकता है।
अरविंद श्योराण, निवर्तमान प्रधान जिला बार एसोसिएशन
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चुनाव अधिकारियों ने नियमों के तहत बार काउंसिल की तरफ से भेजी गई 3536 वोटों की जांच की। जांच में 115 शपथ पत्र फर्जी मिले। 150 वकीलों ने कहा वे महम में वोट डालेंगे। 34 वकील सांपला, 18 खरखौदा व अन्य जगह के मिले। सीओपी को लेकर जांच कर वोट काटी गई। 700 के करीब वोट ऐसे थी, जिनकी फीस दूसरों ने जमा करवाई थी। कई नंबर तो ऐसे थे कि 30-30 वकीलों की फीस उससे जमा हुई थी। जिन वकीलों ने पुख्ता तथ्य दिए, उनके वोट नहीं काटे गई। सूची को लेकर दबाव बनाया गया। पहले दिन चुनाव अधिकारी ओपी पूनिया से गलत व्यवहार हुआ। मंगलवार को चारों चुनाव अधिकारियों को बंधक बनाने का प्रयास हुआ। पुलिस बुलाई तो पुलिस को वापस भेज दिया गया। सूची बार काउंसिल को भेज दी गई है। किसी को आपत्ति है तो काउंसिल में अपील करें। बार हाल में बुलाई वकीलों की बैठक नियमों के खिलाफ है।
एडवोकेट प्रदीप मलिक, चुनाव अधिकारी जिला बार
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चुनाव कमेटी राजनीति कर रही है, जबकि वकील राजनीति से ऊपर उठकर बार में काम करते हैं। मैं कांग्रेस से हूं, जबकि भाजपा जिला अध्यक्ष रणबीर ढाका मेरे साथी हैं। दूसरा, नियमों के तहत उन वकीलों को वोट डालने का अधिकार नहीं, जिनके एनरोलमेंट दूसरे राज्य की बार काउंसिल से है। पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु व सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा के एनरोलमेंट दिल्ली बार काउंसिल से हैं। इसके बावजूद चुनाव कमेटी ने पक्षपात करते हुए कैप्टन अभिमन्यु का नाम मतदाता सूची से काट दिया। सरेआम भेदभाव किया जा रहा है। मामले को बार काउंसिल के सामने उठाया जाएगा।
लोकेंद्र फौगाट उर्फ जोजो, पूर्व प्रधान जिला बार एसोसिएशन
यूं हुए हंगामे के बीच नामांकन
पद प्रत्याशी
प्रधान अरविंद श्योराण व दीपक हुड्डा
उप प्रधान सुशीला देशवाल, अभिजीत सिंह व अजय ओहल्याण
महासचिव हर्षवर्धन मलिक, राजकरण पंघाल व कर्ण सिंह नारंग।
सह सचिव साक्षी लांबा व डिंपल
लाइब्रेरी अनिल कुमार, मंजीत सिंह व अशोक
कार्यकारी सदस्य 84
बुधवार को नामांकन की जांच, वीरवार को नाम वापसी
चुनाव अधिकारी ने बताया कि बुधवार को नामांकन की जांच की जाएगी। जबकि वीरवार को नाम वापसी होगी। इसके बाद वकील अपना प्रचार शुरू कर देंगे।
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11सीटीके18..जिला बार में अधिवक्ताओं से बातचीत करती पुलिस। संवाद
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Rohtak News: मतदाता सूची से 1217 वोट काटने पर वकीलों में हंगामा, दीपेंद्र हुड्डा का छोड़ा, कैप्टन का काटा