रोहतक। डीएलसी सुपवा (दादा लखमी चंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ परफॉर्मिंग एंड विजुअल आर्ट्स) के डिजाइन संकाय ने विश्वविद्यालय के रैंप स्टूडियो में फैशन शो का आयोजन किया।
भारतीय-पश्चिमी फ्यूजन थीम पर आधारित इस शो में डिजाइन और दृश्य कला संकाय के 25 से अधिक प्रतिभाशाली विद्यार्थियों ने अपनी रचनात्मकता और डिजाइन कौशल का प्रदर्शन किया। निर्णायक मंडल ने न केवल डिजाइनों की रचनात्मकता और तकनीकी निष्पादन का मूल्यांकन किया, बल्कि प्रतिभागियों की अपनी कलात्मक दृष्टि को स्पष्ट करने की क्षमता को भी आँका।
फैशन शो में पारंपरिक भारतीय सौंदर्यशास्त्र और समकालीन पश्चिमी फैशन का एक शानदार मिश्रण दिखाई दिया। विद्यार्थियों ने भारतीय पोशाक की शान और पश्चिमी परिधानों की आधुनिकता को एक साथ जोड़कर इस थीम की अपनी अनूठी व्याख्या पेश की।
कार्यक्रम का एक अतिरिक्त आकर्षण इंटरैक्टिव प्रश्नोत्तर सत्र था। प्रतिभागियों को कुलपति गजेंद्र चौहान, रजिस्ट्रार डॉ. गुंजन मलिक, प्रसिद्ध मेकअप आर्टिस्ट नैना सपरा और प्रसिद्ध फैशन स्टाइलिस्ट निकिता यादव सहित एक प्रतिष्ठित जूरी के सवालों का सामना करना पड़ा।
कुलपति चौहान ने कहा कि फैशन उद्योग में ऐसे आयोजनों के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि फैशन उद्योग फल-फूल रहा है और फैशन शिक्षा की मांग भी बढ़ रही है। चूंकि पिछले कुछ वर्षों में फैशन उद्योग का दायरा और पैमाना काफी बढ़ गया है, इसलिए नए कपड़ों और वस्त्रों की मांग भी बढ़ रही है। ऐसे मंच महत्वाकांक्षी डिजाइनरों के बीच रचनात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
रजिस्ट्रार डॉ. गुंजन मलिक ने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल विद्यार्थियों के बेहतरीन काम को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि व्यक्तित्व विकास में भी मदद करते हैं।
कार्यक्रम का आयोजन डिजाइन विभाग की प्रमुख डॉ. शैली खन्ना ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी जैसे परीक्षा नियंत्रक वी.पी. नांदल, डीन अकादमिक डॉ. अजय कौशिक, डीन छात्र कल्याण डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, निदेशक जनसंपर्क डॉ. बेनुल तोमर, दृश्य कला प्रमुख डॉ. पी.डी. खांडेय, फिल्म टीवी प्रमुख डॉ. महेश, अन्य संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।
रजिस्ट्रार डॉ गुंजन मलिक ने छात्रों के प्रदर्शन की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन न केवल विद्यार्थियों के बेहतरीन काम को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि व्यक्तित्व विकास और मंच के डर से छुटकारा पाने में भी मदद करते हैं। विद्यार्थियों की ओर से डिजाइन किए गए परिधान और सहायक उपकरण अभूतपूर्व हैं।“
कार्यक्रम का आयोजन डिजाइन विभाग की प्रमुख डॉ शैली खन्ना ने किया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी जैसे परीक्षा नियंत्रक श्री वी.पी. नांदल, डीन अकादमिक डॉ. अजय कौशिक, डीन छात्र कल्याण डॉ. ज्ञानेंद्र सिंह, निदेशक जनसंपर्क डॉ. बेनुल तोमर, दृश्य कला प्रमुख डॉ. पी.डी. खांडेय, फिल्म टीवी प्रमुख डॉ. महेश, अन्य संकाय सदस्य और छात्र-छात्राएं मौजूद थे।
Rohtak News: भारतीय सौंदर्यशास्त्र और पश्चिमी परिधानों का दिखा संगम