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जींद। जिले की सभी तहसील व उपतहसीलों में एक नवंबर से पेपर रहित रजिस्ट्री होगी। अधिकारी इसकी तैयारी में जुट गए हैं। प्रशासन ने रजिस्ट्री के लिए अब स्टांप पेपर नहीं खरीदने की सलाह दी है। जिन लोगों ने खरीद लिए हैं वह अपनी रजिस्ट्री एक नवंबर से पहले करा लें।
अब तक रजिस्ट्री के लिए स्टांप खरीदना होता था और उसके साथ जमीन से संबंधित कागज लगाने होते थे। इससे लोगों को कागजात उठाकर तहसील के चक्कर काटने पड़ते थे लेकिन अब पेपर रहित रजिस्ट्री शुरू होने के बाद किसी दलाल या दुकान पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा दूर से आने वाले लोगों के लिए काफी सहूलियत हो जाएगी। इससे भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी वहीं तहसील में लगने वाली भीड़ से भी छुटकारा मिलेगा।
अब ऐसे होगी रजिस्ट्री
एक नवंबर से जिस व्यक्ति को भी रजिस्ट्री करानी है वह पोर्टल पर ऑनलाइन जमीन से संबंधित दस्तावेज अपलोड करेंगे। स्टांप का भुगतान भी ऑनलाइन सरकारी खजाने में किया जाएगा। जैसे ही सारे दस्तावेज अपलोड होंगे। यह सीधे संबंधित तहसीलदार के पास दिखाए देने शुरू हो जाएंगे। इसके बाद पांच दिन के अंदर रजिस्ट्री क्लर्क सारे दस्तावेज देखेंगे और यदि कोई कमी होगी तो रजिस्ट्री कराने वालों को तुरंत बताएंगे। कमी पूरी कराने के बाद आवेदकों को टोकन देकर केवल एक बार फोटो व साइन करने के लिए ही बुलाया जाएगा। रजिस्ट्री भी ऑनलाइन दी जाएगी।
जिले में रोजाना होती हैं 450 से ज्यादा रजिस्ट्री
जींद जिले में पांच तहसील और दो उपतहसील हैं। इनमें जींद, नरवाना, सफीदों, उचाना और जुलाना तहसील हैं। इनके अलावा, अलेवा और पिल्लूखेड़ा उपतहसील है। इनमें रोजाना 450 से ज्यादा रोजाना रजिस्ट्री होती हैं। इसके चलते सैकड़ों लोगों को रोजाना तहसीलों के चक्कर काटने पड़ते हैं।
भ्रष्टाचार पर भी लगेगा अंकुश, समय भी बचेगा
पेपर रहित रजिस्ट्री शुरू होने पर काफी हद तक भ्रष्टाचार पर रोक लगेगी। वहीं समय की भी बचत होगी। अब रजिस्ट्री करवाने के लिए पूरा दिन भी गुजर जाता है। इसके अलावा कागजात तैयार करवाने से लेकर रजिस्ट्री होने तक भ्रष्टाचार से गुजरना पड़ता है। अब घर बैठे कागजात पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं। अपने मोबाइल नंबर का प्रयोग कर यूजर और पासवर्ड बना सकते हैं। उसके बाद मोबाइल नंबर पर ओटीपी आने के बाद ही लॉग इन हो पाएगा।
इंतकाल को लेकर होगी जिम्मेदारी तय
रजिस्ट्री के बाद इंतकाल के लिए लोग चक्कर लगाते नजर आते थे। इंतकाल के लिए पहले पटवारी, फिर कानूनगो, उसके बाद नायब तहसीलदार की रिपोर्ट लगती थी। अब रजिस्ट्री के बाद इंतकाल की पेंडेंसी न रहे। इसके लिए जिला प्रशासन संबंधित की जिम्मेदारी तय करेगा। इसके लिए पटवारी, कानूनगो और नायब तहसीलदार का समय भी निर्धारित किया जाएगा।
वर्जन
पेपर रहित रजिस्ट्री के लिए कर्मचारियों को पोर्टल से संबंधित ट्रेनिंग दे दी गई है। उन्हें पेपर रहित रजिस्ट्री के लिए कोई परेशानी नहीं आएगी।-राजेश गौतम, जूनियर प्रोग्रामर, जींद
वर्जन
पेपर रहित रजिस्ट्री के लिए प्रशासन ने पिल्लूखेड़ा उपतहसील में ट्रायल किया था जो कि सफल रहा। उपतहसील में पेपर रहित रजिस्ट्री भी हुई हैं।-राजकुमार, जिला राजस्व अधिकारी, जींद
वर्जन
एक नवंबर से जिले की सभी तहसील और उपतहसील में पेपर रहित रजिस्ट्री होंगी। इसके लिए लोगों को कागजात उठाकर तहसील के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। -मोहम्मद इमरान रजा, डीसी जींद
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Rohtak News: पेपर रहित रजिस्ट्री से तहसील की भाग-दौड़ से मिलेगा छूटकारा


