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: 20सीटीके08-यश मलिंडा। संवाद
रोहतक। यश, जाट कॉलेज का छात्र है। वर्ष 2016 से ताइक्वांडो खेल रहे हैं। पिता बाबूूलाल मलिंडा से ताइक्वांडो सीख रहे इस बेटे ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में जगह बनाकर खुद को साबित कर दिखाया है। अब वहां पदक जीतकर पिता का सपना पूरा करना है।
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पिता आर्थिक तंगी व अन्य कारणों से बड़े स्तर पर खेलने से वंचित रहे तो बच्चों को गुर देकर चैंपियन बनाने का सपना संजोया। बच्चों ने भी पिता की मेहनत को जाया न करके खेल में शानदार प्रदर्शन कर उनका नाम राेशन किया है। संवाद न्यूज एजेंसी से बातचीत में यश ने अपना संघर्ष व पिता का सपना साझा किया।
मूलरूप से जयपुर (राजस्थान) निवासी यश मलिंडा चार भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं। इस ताइक्वांडो खिलाड़ी ने शानदार खेल का प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड यूनिवर्सिटी में गेम्स में जगह बनाई है। जर्मनी में जुलाई 2025 में होने वाले इन खेलों में वह विवि का प्रतिनिधित्व करेंगे। यश के चयन से परिवार व विवि में खुशी का माहौल है। यश परिवार में पहले ताइक्वांडो खिलाड़ी नहीं हैं। पिता के अलावा छोटा भाई जय ऑल इंडिया इंटर यूनिवर्सिटी 2024 के स्वर्ण पदक विजेता हैं। बहन कनक भी खेलों इंडिया की कांस्य पदक विजेता बन चुकी हैं। इन तीनों ने अपने कोच पिता से ही ताइक्वांडो के गुर सीखे हैं।
बच्चों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर अधूरा सपना पूरा किया : बाबूलाल
कोच बाबूलाल ने बताया कि जब मैं खेलता था, तब सुविधाओं की कमी व घर की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। इस कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर तक नहीं खेल पाया। उस समय अपने बच्चों को ताइक्वांडो का चैंपियन बनाने व बड़े स्तर पर खिलाड़ी तैयार करने की ठानी थी। बच्चों ने भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर मेरा अधूरा सपना पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुझे इन पर गर्व है।
यश की उपलिब्धयां
यश ने बताया कि वर्ष 2016 में ताइक्वांडो खेलना शुरू किया। मां सुशीला गृहिणी हैं। सबसे छोटी बहन नव्या पढ़ती हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर पिता का सपना पूरा करना ही मेरा लक्ष्य है। वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स को लेकर तैयारी चल रही है। रोजाना दिन में आठ घंटे अभ्यास कर रहा हूं। एमडीयू कोच अशोक की देखरेख में विवि की टीम से खेलने का अवसर मिला है। वर्ष 2025 के नेशनल गेम्स में कांस्य पदक जीता। वर्ष 2023 नेशनल गेम्स में रजत पदक जीता। वर्ष 2018 में वर्ल्ड चैंपियनशिप, 2019 में एशियन चैंपियनशिप, 2022 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में भाग लिया।
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Rohtak News: पिता से ताइक्वांडो के गुर सीख रहे यश ने वर्ल्ड यूनिवर्सिटी गेम्स में बनाई जगह