Rohtak News: न किसी का रांझा हूं, न हीर देखता हूं, अकेले में मां की तस्वीर देखता हूं…


एमडीयू के क्षेत्रीय युवा उत्सव में कव्वाली प्रस्तुत करती छात्राए।  अमर उजाला

एमडीयू के क्षेत्रीय युवा उत्सव में कव्वाली प्रस्तुत करती छात्राए। अमर उजाला

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रोहतक। वैश्य इंजीनियरिंग महाविद्यालय में चल रहे क्षेत्रीय युवा उत्सव का खुमार युवाओं पर अंतिम दिन भी देखने को मिला। कहीं ठुकमे लगे तो कहीं गीतों की बयार बही। खट्टी-मीठी सुनहरी यादों के साथ क्षेत्रीय युवा उत्सव संपन्न हुआ। क्षेत्रीय युवा उत्सव में शानदार प्रदर्शन करते हुए वैश्य इंजीनियरिंग कॉलेज ने ओवरऑल विजेता ट्रॉफी पर कब्जा किया। एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह व वैश्य शिक्षण संस्था के प्रधान नवीन जैन ने विजेता टीम को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।
वहीं एमडीयू से पीएचडी कर रहे शोधार्थी गुरविंद्र नेन किसी का रांझा हूं, न हीर देखता हूं, जब भी अकेला होता हूं मां की तस्वीर देखता हूं पंक्तियां सुनाकर श्रोताओं को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। इसके साथ अलग-अलग हीरों की आवाज में डायलॉग सुनाए, जिसने सभी को आकर्षित किया।
क्षेत्रीय युवा उत्सव के अंतिम दिन मुख्य मंच पर कव्वाली, समूह लोक नृत्य, ऑर्केस्ट्रा, फोटोग्राफी व रंगोली की प्रतियोगिता करवाई गई। कव्वाली में जहां प्रतिभागियों ने प्यार के इजहार को शब्दों में पिरोया, वहीं समूह लोक नृत्य में हरियाणवी संस्कृति की छटा देखने को मिली। दूसरी तरफ रंगोली में रंगों का तालमेल अलग ही देखने को मिला। कव्वाली ने जहां दर्शकों के अंदर जोश भरा, वहीं लोक नृत्य की छटा ऐसी बिखरी कि दर्शक कुर्सियों पर खड़े होकर नाचने लगे। हरियाणवी नृत्य का अलग ही अंदाज देखने को मिला। साथ ही वैश्य इंजीनियरिंग महाविद्यालय की छात्राओं ने भी युवा उत्सव के दौरान हरियाणवी नृत्य का तड़का लगाया और दर्शकों को बांधे रखा।
अंतिम दिन दिखा अव्यवस्था का बोलबाला
क्षेत्रीय युवा उत्सव के अंतिम दिन अव्यवस्थाओं का बोलबाला देखने को मिला। मुख्य मंच पर जब प्रस्तुति चल रही थी तो दर्शकों के बीच से कुर्सियों के टुकड़े फेंके जा रहे थे, जो कुछ अतिथियों व विद्यार्थियों को लगे। वहीं, संस्था की तरफ से लगाए गए सिक्योरिटी गार्ड भी अभद्र व्यवहार करते हुए नजर आए। मंच से बार-बार व्यवस्था बनाने को लेकर निर्देश दिए, लेकिन व्यवस्था नहीं बन पाई। मुख्य मंच के लिए लगाए गए पंडाल के पोल पर भी युवाओं को चढ़े हुए देखा गया।

रोहतक। वैश्य इंजीनियरिंग महाविद्यालय में चल रहे क्षेत्रीय युवा उत्सव का खुमार युवाओं पर अंतिम दिन भी देखने को मिला। कहीं ठुकमे लगे तो कहीं गीतों की बयार बही। खट्टी-मीठी सुनहरी यादों के साथ क्षेत्रीय युवा उत्सव संपन्न हुआ। क्षेत्रीय युवा उत्सव में शानदार प्रदर्शन करते हुए वैश्य इंजीनियरिंग कॉलेज ने ओवरऑल विजेता ट्रॉफी पर कब्जा किया। एमडीयू कुलपति प्रो. राजबीर सिंह व वैश्य शिक्षण संस्था के प्रधान नवीन जैन ने विजेता टीम को ट्रॉफी देकर सम्मानित किया।

वहीं एमडीयू से पीएचडी कर रहे शोधार्थी गुरविंद्र नेन किसी का रांझा हूं, न हीर देखता हूं, जब भी अकेला होता हूं मां की तस्वीर देखता हूं पंक्तियां सुनाकर श्रोताओं को तालियां बजाने को मजबूर कर दिया। इसके साथ अलग-अलग हीरों की आवाज में डायलॉग सुनाए, जिसने सभी को आकर्षित किया।

क्षेत्रीय युवा उत्सव के अंतिम दिन मुख्य मंच पर कव्वाली, समूह लोक नृत्य, ऑर्केस्ट्रा, फोटोग्राफी व रंगोली की प्रतियोगिता करवाई गई। कव्वाली में जहां प्रतिभागियों ने प्यार के इजहार को शब्दों में पिरोया, वहीं समूह लोक नृत्य में हरियाणवी संस्कृति की छटा देखने को मिली। दूसरी तरफ रंगोली में रंगों का तालमेल अलग ही देखने को मिला। कव्वाली ने जहां दर्शकों के अंदर जोश भरा, वहीं लोक नृत्य की छटा ऐसी बिखरी कि दर्शक कुर्सियों पर खड़े होकर नाचने लगे। हरियाणवी नृत्य का अलग ही अंदाज देखने को मिला। साथ ही वैश्य इंजीनियरिंग महाविद्यालय की छात्राओं ने भी युवा उत्सव के दौरान हरियाणवी नृत्य का तड़का लगाया और दर्शकों को बांधे रखा।

अंतिम दिन दिखा अव्यवस्था का बोलबाला

क्षेत्रीय युवा उत्सव के अंतिम दिन अव्यवस्थाओं का बोलबाला देखने को मिला। मुख्य मंच पर जब प्रस्तुति चल रही थी तो दर्शकों के बीच से कुर्सियों के टुकड़े फेंके जा रहे थे, जो कुछ अतिथियों व विद्यार्थियों को लगे। वहीं, संस्था की तरफ से लगाए गए सिक्योरिटी गार्ड भी अभद्र व्यवहार करते हुए नजर आए। मंच से बार-बार व्यवस्था बनाने को लेकर निर्देश दिए, लेकिन व्यवस्था नहीं बन पाई। मुख्य मंच के लिए लगाए गए पंडाल के पोल पर भी युवाओं को चढ़े हुए देखा गया।

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