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14सीटीके10.. नई अनाज मंडी में सोमवार को धान की फसल को उतारता मजदूर। संवाद
रोहतक। मंडी में धान और बाजरे की खरीद न होने से किसान परेशान हैं। किसानों की फसल काफी दिनों से मंडी में पड़ी हुई है। रोजाना मशीन से फसलों की नमी जांची जा रही है। कई किसानों की फसल में सोमवार को भी 17 प्रतिशत की नमी रही। किसान फसल को खुले में सूखा रहे हैं। शाम को फसल को कट्टों में भरकर शेड के नीचे रखना पड़ रहा है। सोमवार को अमर उजाला की टीम ने मंडी में पहुंचकर किसानों से बातचीत की। 1509 किस्म धान की 1500 रुपये क्विंटल बोली लगनी शुरू हुई, जो 2815 रुपये क्विंटल तक बिके। वहीं बाजरा धीमी गति से बिक रहा है।
सुबह 11 बजे मंडी आने पर धान की खरीद की जाएगी, ऐसी जानकारी मिली थी। दोपहर के दो बजे तक कोई खरीदारी नहीं हुई है। धान की 1509 किस्म करीब 50 क्विंटल लेकर आए हैं। इसके 2600 से 2900 तक भाव चल रहे हैं।
-रामकर्ण, लाढ़ोत,
पिछले एक हफ्ते से फसल लेकर आए हुए हैं। मशीन में धान की जांच करने पर 17 प्रतिशत नमी आ रही है। इसके कारण 60 क्विंटल धान सूला रखा है। पीआर धान लाया हूं। करीब 2330 रुपये क्विंटल के दाम पर बिकने की उम्मीद है।
-इंद्रजीत, टिटौली।
बाजरे का उठान धीमी गति से हो रहा है। यह हमारे लिए परेशान करने वाला है। रोज घर जाना फिर सुबह आना। काफी खर्च हो जा रहा है। करीब दो हफ्ते से 30 क्विंटल बाजरा मंडी में पड़ा हुआ है। 2625 क्विंटल में सरकारी दाम है। अभी तक खरीदारी नहीं हुई है।
-महिपाल, सुनारिया।
25 क्विंटल धान लेकर आया हूं। 1509 किस्म की धान की आज बोली लगी है। नमी के कारण धान की खरीदारी धीमी गति से हो रही है। धान अच्छे से सूख गया है। देखना है मशीन में नमी की मात्रा है या नहीं। उम्मीद है कि आज धान बिक जाएगा।
-धर्मराज, सुनारिया।
अब तक 420.20 मीट्रिक टन धान खरीदा
जिले में अब तक 420.20 मीट्रिक टन धान की खरीद की गई हैं। इसमें से रोहतक मंडी में 374.90 मीट्रिक टन धान ग्रेड ए किस्म और सांपला मंडी में 45.3 मीट्रिक टन 1509 किस्म धान की खरीद की गई है। अब तक 529.30 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद भी की जा चुकी है। महम मंडी में 371.30 मीट्रिक टन और सांपला मंडी में 158 मीट्रिक टन बाजरा की खरीद की गई है।
किसान सूखाकर व साफ कर मंडी में लाएं फसल : उपायुक्त
उपायुक्त अजय कुमार ने जिला के किसानों का आह्वान किया है कि वे अपनी फसलों को अच्छी तरह सुखाकर व साफ करके मंडियों में बिक्री के लिए लाएं। किसान फसल अवशेषों का उचित प्रबंध करें और फसल अवशेषों को न जलाएं। फसल अवशेषों को जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। किसान फसलों का उचित प्रबंधन कर अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं।
फसल अवशेष जलाने पर 15 हजार तक वसूला जाता है जुर्माना
सर्वोच्च न्यायालय व राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण की ओर से फसल के अवशेष जलाने से होने वाले दुष्प्रभावों के मद्देनजर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इन निर्देशों के अनुसार फसल अवशेषों को आग लगाने वाले किसान से जुर्माने के रूप में 2500 रुपये से 15 हजार रुपये की राशि वसूल की जाती है।
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Rohtak News: नमी से धान-बाजरे की खरीद हुई न उठान