कृष्णा बाजर में आग की लपटों में घिरी तीन दुकाने। अमर उजाला
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रोहतक। शहर के सबसे व्यस्त इलाके भिवानी स्टैंड पर सोमवार सुबह तीन मंजिला तीन दुकानों में आग भीषण लग गई। जूते, कपड़ों और बैग की दुकानों के ऊपर बने गोदामों में रखा लाखों का सामान जलकर राख हो गया। दमकल विभाग की करीब 12 गाड़ियों और 35 कर्मियों ने डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। घटना की सूचना मिलने पर मेयर मनमोहन गोयल मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। दुकानदारों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाया।
दुकान के दूसरी मंजिल के गोदाम से भड़की आग ने अपने पास की दुकानों को भी चपेट में ले लिया। गोदाम से शुरू हुई आग ऊपर बढ़ने के साथ नीचे भी आ गई। इससे अफरा तफरी मच गई। आग से दुकानों के बोर्ड तक पिघल गए। गनीमत रही दमकल कर्मियों ने समय रहते आग पर काबू पा लिया। यदि सिलिंडर में आग लग जाती तो जानी नुकसान भी हो सकता था।
सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे कपड़ा व्यापारी राकेश का निजी सुरक्षाकर्मी आनंद दुकान के बाहर खड़ा था। उसकी नजर तीन मंजिला दुकान के गोदाम से निकलते धुएं पर पड़ी। उसने शोर मचाया और शोरूम संचालक को सूचना दी। शोर सुनकर आसपास के दुकानदार बाहर निकल आए। धुआं जूते, बैग और कपड़े की तीनों दुकानों के गोदामों से निकल रहा था। कुछ ही क्षण में धुआं आग की लपटों में तबदील हो गया। जिसे देख लोग बचाव के लिए दौड़े और घटना की सूचना दमकल विभाग को दी। दमकल विभाग के कर्मचारी सड़क पर हुए अतिक्रमण, भीड़ और जाम से निकल कर भिवानी स्टैंड पहुंचे। लेकिन वह बिजली के तारों के फैले जाल के चलते बचाव कार्य शुरू नहीं कर पाए। जब तक उन्होंने बिजली के तारों को हटाया आग की लपटें दुकानों के बाहर तक पहुंच गईं। तारों को हटाकर दमकल कर्मियों ने बचाव कार्य शुरू किया और मौके पर 12 गाड़ियां और 35 कर्मचारियों को बुलाना पड़ा।
जान पर खेल श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज को बचाया
तीन मंजिला तीन दुकानों में जिस वक्त आग लगी दूसरी मंजिल पर गुरदयाल सिंह का परिवार था। वह घुटनों का ऑपरेशन होने के कारण चलने फिरने में असमर्थ थे। इस दौरान उनके बेटे अर्किश ने उन्हें गोदी में उठाकर बाहर निकाला और एक दुकान में बैठाया। वहीं, उन्होंने घर के एक कमरे में श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज का प्रकाश कर रखा था, जिन्हें उनके परिवार के सदस्य ने जान की परवाह किए बिना बाहर निकाला और पूरे सम्मान के साथ अपने परिचित के घर पहुंचाया। जिस वक्त वह श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज को सिर पर रखकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज को लेकर जा रहा था लोग सामान बचाने में जुटे थे और पुलिस लोगों को पीछे हटा रही थी। जिस वक्त आग लगी अर्किश के बच्चे स्कूल गए थे। डेढ़ साल का छोटा बेटा, उसकी मम्मी, पिता गुरदयाल व मां घर में ही थे।
दमकल को छह बार किया फोन, देरी से पहुंची टीम
दुकानदारों का आरोप है कि आग लगने की सूचना दमकल विभाग को समय पर दे दी गई थी। इसके बावजूद टीम देरी से पहुंची। लोगों ने एक नहीं छह बार कॉल किए थे। टीम थोड़ा पहले आ जाती तो शायद इतना नुकसान नहीं होता। इधर, दमकल टीम का कहना है कि सूचना मिलने के कुछ ही देर में टीम मौके पर पहुंच गई थी। कुछ विलंब हुआ। वह केवल बाजारों में अतिक्रमण, जाम व भीड़ के कारण हुआ। यहां गाड़ी घुमाने तक की जगह नहीं मिली। इसके बावजूद टीम ने समय पर बचाव करते हुए आग पर काबू किया।
कल ही आया था एक गाड़ी माल, सारा जल गया
दुकान पर सुबह ही आया था। अचानक लोगों का शोर सुनकर बाहर आया तो आग लगने का पता लगा। दुकान पर भी सब सामान्य चल रहा था। पता नहीं आग कैसे लगी। हो सकता है शॉर्ट सर्किट हुआ हो। दुकान में हम खुद थे। यहां सुबह आग नहीं थी। संभवत: गोदाम में ही आग लगी और बाद में नीचे पहुंची। सीजन का समय है। इसलिए कल ही एक गाड़ी माल आया था। यह भी जलकर राख हो गया।
– हिम्मत सिंह, बैग व्यापारी।
पांच माह पहले ही शुरू किया था शोरूम
हादसा सुबह करीब 10:30 से 10:45 के बीच का है। आग पड़ोसी की दुकान के ऊपर गोदाम में लगी थी। यहीं से हमारी दुकान के ऊपर बने गोदाम में भी आग पहुंच गई। आग ने ऊपर के दोनों हिस्से पूरी तरह बर्बाद कर दिए। हमने पांच माह पूर्व ही शोरूम शुरू किया है। आग से भारी नुकसान हुआ है। बाहर से शोर सुनाई दिया तो आग का पता लगा। दुकान में कर्मचारी सामान्य दिनों की तरह ही काम कर रहे थे। समय पर घटना का पता नहीं लगता तो नीचे भी कुछ नहीं बचता। दमकल टीम ने समय रहते आग पर काबू पाकर बड़े नुकसान से बचा लिया।
– राकेश गोयल, कपड़ा व्यापारी।
सुलझ नहीं रहा अतिक्रमण व लटकते तारों के जाल का मुद्दा
भिवानी स्टैंड पर तीन मंजिला तीन दुकानों में लगी आग ने एक बार फिर बाजारों व सड़कों पर अतिक्रमण और लटकी तारों का जाल मुद्दा बन गया है। भीड़, जाम व अतिक्रमण के चलते दमकल टीम को घटना स्थल पर पहुंचने में कुछ विलंब हुआ। यही नहीं, यह विलंब थोड़ा अधिक हो जाता तो बड़ा हादसा हो सकता है। आग की लपटें सामने वाली दुकानों को निगलने की तैयारी कर चुकी थी। यही नहीं, मकान में रखे सिलिंडरों तक आग पहुंच जाती तो बड़े हादसे से बचना मुश्किल था। ऐसे में प्रशासन के समक्ष सड़कों व बाजारों को अतिक्रमण मुक्त करने का मुद्दा फिर सिर उठा कर खड़ा हो गया है।
बाजारों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करे दमकल विभाग
बाजार में आगजनी की संभावना को देखते हुए दमकल विभाग को अतिरिक्त व्यवस्था करनी चाहिए। इसके तहत शौरी मार्केट, रेलवे रोड, किला रोड, बड़ा बाजार, कृष्णा बाजार, मालगोदाम रोड, हिसार रोड, कच्चा बेरी रोड इलाके के दुकानदारों को राहत देने के लिए अग्निशमन विभाग एक या दो वाहन पुराना राजकीय कन्या स्कूल मैदान में खड़ी रखने की व्यवस्था की जाए। भविष्य में ऐसी किसी भी अनहोनी घटित होने पर तुरंत प्रभाव से यह वाहन फर्स्ट एड का काम करे। तारों का जाल भी खत्म किया जाए।
– हेमेंत बख्शी, अध्यक्ष, रोहतक ट्रेडर्स एसोसिएशन।
वर्जन:
भिवानी स्टैंड पर आग लगने की सूचना मिली थी। इस पर टीम तुरंत रवाना कर दी गई थी। विभाग की 12 गाड़ियों व 35 कर्मचारियों ने करीब डेढ़ घंटे में आग पर काबू पाया। यहां अतिक्रमण व जाम के कारण टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में कुछ विलंब हुआ। इसके बावजूद टीम ने बेहतर प्रयास करते हुए अपनी जिम्मेदरी पूरी निष्ठा व ईमानदारी से पूरी की।
– रमेश कुमार, सुरक्षा अधिकारी, दमकल विभाग।
रोहतक। शहर के सबसे व्यस्त इलाके भिवानी स्टैंड पर सोमवार सुबह तीन मंजिला तीन दुकानों में आग भीषण लग गई। जूते, कपड़ों और बैग की दुकानों के ऊपर बने गोदामों में रखा लाखों का सामान जलकर राख हो गया। दमकल विभाग की करीब 12 गाड़ियों और 35 कर्मियों ने डेढ़ घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगने की आशंका जताई जा रही है। घटना की सूचना मिलने पर मेयर मनमोहन गोयल मौके पर पहुंचे और नुकसान का जायजा लिया। दुकानदारों से बातचीत कर उन्हें ढांढस बंधाया।
दुकान के दूसरी मंजिल के गोदाम से भड़की आग ने अपने पास की दुकानों को भी चपेट में ले लिया। गोदाम से शुरू हुई आग ऊपर बढ़ने के साथ नीचे भी आ गई। इससे अफरा तफरी मच गई। आग से दुकानों के बोर्ड तक पिघल गए। गनीमत रही दमकल कर्मियों ने समय रहते आग पर काबू पा लिया। यदि सिलिंडर में आग लग जाती तो जानी नुकसान भी हो सकता था।
सोमवार सुबह करीब साढ़े 10 बजे कपड़ा व्यापारी राकेश का निजी सुरक्षाकर्मी आनंद दुकान के बाहर खड़ा था। उसकी नजर तीन मंजिला दुकान के गोदाम से निकलते धुएं पर पड़ी। उसने शोर मचाया और शोरूम संचालक को सूचना दी। शोर सुनकर आसपास के दुकानदार बाहर निकल आए। धुआं जूते, बैग और कपड़े की तीनों दुकानों के गोदामों से निकल रहा था। कुछ ही क्षण में धुआं आग की लपटों में तबदील हो गया। जिसे देख लोग बचाव के लिए दौड़े और घटना की सूचना दमकल विभाग को दी। दमकल विभाग के कर्मचारी सड़क पर हुए अतिक्रमण, भीड़ और जाम से निकल कर भिवानी स्टैंड पहुंचे। लेकिन वह बिजली के तारों के फैले जाल के चलते बचाव कार्य शुरू नहीं कर पाए। जब तक उन्होंने बिजली के तारों को हटाया आग की लपटें दुकानों के बाहर तक पहुंच गईं। तारों को हटाकर दमकल कर्मियों ने बचाव कार्य शुरू किया और मौके पर 12 गाड़ियां और 35 कर्मचारियों को बुलाना पड़ा।
जान पर खेल श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज को बचाया
तीन मंजिला तीन दुकानों में जिस वक्त आग लगी दूसरी मंजिल पर गुरदयाल सिंह का परिवार था। वह घुटनों का ऑपरेशन होने के कारण चलने फिरने में असमर्थ थे। इस दौरान उनके बेटे अर्किश ने उन्हें गोदी में उठाकर बाहर निकाला और एक दुकान में बैठाया। वहीं, उन्होंने घर के एक कमरे में श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज का प्रकाश कर रखा था, जिन्हें उनके परिवार के सदस्य ने जान की परवाह किए बिना बाहर निकाला और पूरे सम्मान के साथ अपने परिचित के घर पहुंचाया। जिस वक्त वह श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज को सिर पर रखकर श्री गुरु ग्रंथ साहिब महाराज को लेकर जा रहा था लोग सामान बचाने में जुटे थे और पुलिस लोगों को पीछे हटा रही थी। जिस वक्त आग लगी अर्किश के बच्चे स्कूल गए थे। डेढ़ साल का छोटा बेटा, उसकी मम्मी, पिता गुरदयाल व मां घर में ही थे।
दमकल को छह बार किया फोन, देरी से पहुंची टीम
दुकानदारों का आरोप है कि आग लगने की सूचना दमकल विभाग को समय पर दे दी गई थी। इसके बावजूद टीम देरी से पहुंची। लोगों ने एक नहीं छह बार कॉल किए थे। टीम थोड़ा पहले आ जाती तो शायद इतना नुकसान नहीं होता। इधर, दमकल टीम का कहना है कि सूचना मिलने के कुछ ही देर में टीम मौके पर पहुंच गई थी। कुछ विलंब हुआ। वह केवल बाजारों में अतिक्रमण, जाम व भीड़ के कारण हुआ। यहां गाड़ी घुमाने तक की जगह नहीं मिली। इसके बावजूद टीम ने समय पर बचाव करते हुए आग पर काबू किया।
कल ही आया था एक गाड़ी माल, सारा जल गया
दुकान पर सुबह ही आया था। अचानक लोगों का शोर सुनकर बाहर आया तो आग लगने का पता लगा। दुकान पर भी सब सामान्य चल रहा था। पता नहीं आग कैसे लगी। हो सकता है शॉर्ट सर्किट हुआ हो। दुकान में हम खुद थे। यहां सुबह आग नहीं थी। संभवत: गोदाम में ही आग लगी और बाद में नीचे पहुंची। सीजन का समय है। इसलिए कल ही एक गाड़ी माल आया था। यह भी जलकर राख हो गया।
– हिम्मत सिंह, बैग व्यापारी।
पांच माह पहले ही शुरू किया था शोरूम
हादसा सुबह करीब 10:30 से 10:45 के बीच का है। आग पड़ोसी की दुकान के ऊपर गोदाम में लगी थी। यहीं से हमारी दुकान के ऊपर बने गोदाम में भी आग पहुंच गई। आग ने ऊपर के दोनों हिस्से पूरी तरह बर्बाद कर दिए। हमने पांच माह पूर्व ही शोरूम शुरू किया है। आग से भारी नुकसान हुआ है। बाहर से शोर सुनाई दिया तो आग का पता लगा। दुकान में कर्मचारी सामान्य दिनों की तरह ही काम कर रहे थे। समय पर घटना का पता नहीं लगता तो नीचे भी कुछ नहीं बचता। दमकल टीम ने समय रहते आग पर काबू पाकर बड़े नुकसान से बचा लिया।
– राकेश गोयल, कपड़ा व्यापारी।
सुलझ नहीं रहा अतिक्रमण व लटकते तारों के जाल का मुद्दा
भिवानी स्टैंड पर तीन मंजिला तीन दुकानों में लगी आग ने एक बार फिर बाजारों व सड़कों पर अतिक्रमण और लटकी तारों का जाल मुद्दा बन गया है। भीड़, जाम व अतिक्रमण के चलते दमकल टीम को घटना स्थल पर पहुंचने में कुछ विलंब हुआ। यही नहीं, यह विलंब थोड़ा अधिक हो जाता तो बड़ा हादसा हो सकता है। आग की लपटें सामने वाली दुकानों को निगलने की तैयारी कर चुकी थी। यही नहीं, मकान में रखे सिलिंडरों तक आग पहुंच जाती तो बड़े हादसे से बचना मुश्किल था। ऐसे में प्रशासन के समक्ष सड़कों व बाजारों को अतिक्रमण मुक्त करने का मुद्दा फिर सिर उठा कर खड़ा हो गया है।
बाजारों के लिए अतिरिक्त व्यवस्था करे दमकल विभाग
बाजार में आगजनी की संभावना को देखते हुए दमकल विभाग को अतिरिक्त व्यवस्था करनी चाहिए। इसके तहत शौरी मार्केट, रेलवे रोड, किला रोड, बड़ा बाजार, कृष्णा बाजार, मालगोदाम रोड, हिसार रोड, कच्चा बेरी रोड इलाके के दुकानदारों को राहत देने के लिए अग्निशमन विभाग एक या दो वाहन पुराना राजकीय कन्या स्कूल मैदान में खड़ी रखने की व्यवस्था की जाए। भविष्य में ऐसी किसी भी अनहोनी घटित होने पर तुरंत प्रभाव से यह वाहन फर्स्ट एड का काम करे। तारों का जाल भी खत्म किया जाए।
– हेमेंत बख्शी, अध्यक्ष, रोहतक ट्रेडर्स एसोसिएशन।
वर्जन:
भिवानी स्टैंड पर आग लगने की सूचना मिली थी। इस पर टीम तुरंत रवाना कर दी गई थी। विभाग की 12 गाड़ियों व 35 कर्मचारियों ने करीब डेढ़ घंटे में आग पर काबू पाया। यहां अतिक्रमण व जाम के कारण टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में कुछ विलंब हुआ। इसके बावजूद टीम ने बेहतर प्रयास करते हुए अपनी जिम्मेदरी पूरी निष्ठा व ईमानदारी से पूरी की।
– रमेश कुमार, सुरक्षा अधिकारी, दमकल विभाग।
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