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09सीटीके06 पुराना आईटीआई मैदान में बच्चों प्रवासियों के बच्चों को पढ़ाती हुई सोनिया। संवाद
::::ये तस्वीर है नजीर::::नए साल पर प्रवासी बच्चों का भविष्य सुधारने का संकल्प लिया, अब उनकी झुग्गी के बाहर ही रोज दो घंटे पढ़ाती हैं सोनिया
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रोहतक। समाज और व्यवस्था में बदलाव की बात हर कोई करता है, पर तस्वीर सुधारने के लिए प्रयास करने वाले कम होते हैं। ऐसे में ज्ञान के उजियारे से बदलाव की चाह रखने वाली पुरानी हाउसिंग बोर्ड निवासी सोनिया की छोटी पहल बड़ी नजीर है।
दरअसल, सोनिया नए साल पर जरूरतमंद परिवारों को खाना खिलाने गई थी। पुराना आईटीआई मैदान के पास प्रवासियों के बच्चे खेलते मिले। बात की तो पता लगा कि आर्थिक तंगी के चलते उनका जीवन शिक्षा के उजाला से वंचित है। मन में टीस हुई। फिर संकल्प लिया कि ज्ञान के उजियारे से उनके जीवन में उजाला लाना है। परिवार से समर्थन और प्रोत्साहन पाकर जरूरतमंदों का भविष्य संवारने में जुटीं सोनिया की पहल सुखद अहसास कराती है।
सोनिया ने बताया कि वह गृहिणी है। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से एमए-बीएड की शिक्षा ग्रहण की है। पति रोहित चोपड़ा निजी कंपनी में एकाउंटेंट है। वह भी सात साल की बेटी की मां है। मां के तौर पर अपनी बच्ची के बेहतर भविष्य के लिए उन्होंने भी सपने संजो रखे हैं। ऐसे ही सपने इन झुग्गियों में रहने वाले बच्चों के लिए उनके माता-पिता ने देखे होंगे। यही सोचकर पुराना आईटीआई मैदान के पास बनी झुग्गियों में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया था। अब पुराना आईटीआई के पास मैदान में शाम तीन से पांच बजे तक उन्हें पढ़ा रही हूं।
फीस की तंगी को नहीं बनने दूंगी बाधा :
अपनी पहल साझा करते हुए सोनिया ने बताया कि शुरू में पांच बच्चे थे। अब यह संख्या बढ़ कर 10 हो गई है। पहले बच्चाें को पेंसिल पकड़नी तक नहीं आती थी। अब ये लिख-पढ़ पा रहे हैं। स्कूल में दाखिले शुरू होने पर इन बच्चों का वहां दाखिला कराया जाएगा, ताकि पढ़ लिख कर ये अपना भविष्य सुधार सकें। इन बच्चों को दाखिला होने के बाद फीस की तंगी के कारण पढ़ाई न छोड़नी पड़े, इस बात का भी ख्याल रखा जाएगा। भविष्य में ऐसे और बच्चों को तलाश कर ज्ञान के मंदिर यानी स्कूल तक पहुंचाया जाएगा।
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Rohtak News: छोटी पहल से बड़े बदलाव का अरमान