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फोटो : 25ओलावृष्टि व आंधी तूफान चलने की वजह से बिछी फसल। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
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रेवाड़ी। ओलावृष्टि से बावल और धारूहेड़ा खंड में सरसों और गेहूं की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। अब किसानों ने 50 हजार रुपये प्रति एकड़ की दर से क्षतिपूर्ति देने की है।
केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत ने रेवाड़ी, महेंद्रगढ़ समेत अन्य जिलों में ओलावृष्टि से हुए नुकसान पर कहा कि किसानों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। हरियाणा सरकार जल्द गिरदावरी कर किसानों के नुकसान की भरपाई करेगी। उन्होंने संबंधित जिलों के उपायुक्तों को गिरदावरी कराकर सरकार को रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। कहा कि उनके पास कार्यकर्ताओं व किसानों के लगातार फोन आए हैं कि ओलावृष्टि से फसलों को खासा नुकसान पहुंचा है। पहले भी हरियाणा सरकार की ओर से ओलावृष्टि में नुकसान की भरपाई की गई थी, उसी प्रकार अब भी की जाएगी।
एसयूसीआई कम्युनिस्ट के राज्य सचिव राजेंद्र सिंह ने गांव खटा वाली, राजपुरा, ढाकिया, राजपुरा, खरखड़ा आगि गांवों का जायजा लिया। बताया कि धारूहेड़ा और बावल ब्लॉक के अधिकांश गांवों में सरसों और सब्जी की खेती को शत प्रतिशत नुकसान पहुंचा है। ओलावृष्टि से अगैती और पिछेती सरसों खराब हो गई है। सरकार को किसान के साथ हुए इस प्राकृतिक विपदा से निपटने के लिए तुरंत कारगर कदम उठाए जाने चाहिए। भूमिहीन किसानों ने दूसरे की जमीन जो सालाना 35000 रुपये प्रति एकड़ से लेकर फसल बोई है, उसकी पूर्ति सरकार करे। सरसों का 50000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दिया जाए।
अब किसान दूसरी फसल नहीं बो सकता : वेदप्रकाश
स्वयंसेवी संस्था ग्रामीण भारत के अध्यक्ष वेदप्रकाश विद्रोही ने कहा कि वर्षा व ओलावृष्टि से अहीरवाल के रेवाडी, बावल, धारूहेडा, कनीना, महेन्द्रगढ़, पटौदी, बादशाहपुर सहित दक्षिणी हरियाणा के चरखी दादरी, बाढडा, हथीन क्षेत्र में गेंहू व सरसों व सब्जी फसलों को नुकसान हुआ है। मुख्यमंत्री से मांग की कि किसानों को प्रति एकड़ 50 हजार रुपये का मुआवजा दिया जाए। उन्होंने कहा कि दिसंबर के अंतिम सप्ताह में हुई इस ओलावृष्टि से जो किसानों को भारी नुकसान हुआ है, उसके चलते नष्ट फसलों के स्थान पर इस समय न तो किसान कोई नई फसल उगा सकता है और इस तरह से पूरे रबी फसल सीजन के लिए किसान बर्बाद हो गया।
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Rohtak News: किसानों ने की 50 हजार रुपये प्रति एकड़ फसल की दर से क्षतिपूर्ति देने की मांग