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19सीटीके09दुर्गा भवन मंदिर के पुजारी आचार्य मनोज मिश्रा। स्रोत : पुजारी
रोहतक। कालाष्टमी 21 जनवरी को मनाई जाएगी। इस दिन भगवान कालभैरव की पूजा होती है। यह पूजा कालभैरव के भक्त बड़े ही श्रद्धाभाव से करते हैं। इस व्रत के रखने से सभी प्रकार के दुख दूर होते हैं। कालाष्टमी एक महत्वपूर्ण व्रत है। यह व्रत मंगलवार को रखा जाएगा। यह दिन विशेष रूप से कालभैरव की उपासना का है, जो शंकर के रूप में जाने जाते हैं और समय, मृत्यु व कर्तव्यों के संरक्षक माने जाते हैं।
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दुर्गा भवन मंदिर के आचार्य मनोज मिश्रा ने बताया कि कालाष्टमी के दिन कालभैरव की पूजा से व्यक्ति के जीवन में अड़चनें दूर होती हैं। वह धन, समृद्धि और खुशहाली की ओर अग्रसर होता है।
कालाष्टमी का व्रत व्यक्ति की सभी तरह की परेशानियों को समाप्त करने में सहायक होता है। कालभैरव की पूजा से सभी कष्ट दूर होते हैं और जीवन में सौभाग्य, शक्ति और शांति का वास होता है। यह व्रत विशेष रूप से उन लोगों के लिए लाभकारी है जो अपने जीवन में संघर्षों का सामना कर रहे होते हैं या जो आर्थिक रूप से कमजोर महसूस कर रहे होते हैं। इस दिन की पूजा से मानसिक तनाव कम होता है, और व्यक्ति की परेशानियों का समाधान प्राप्त होता है। कालभैरव का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करें।
कालाष्टमी पर यह करें :
-अलसुबह जल्दी उठकर शुद्धता के साथ स्नान करें।
-भगवान कालभैरव की पूजा के लिए साफ व सात्विक वस्त्र पहनें।
-पूजा स्थल को अच्छे से साफ करें।
-दीपक जलाएं। पूजन के लिए काले तिल, सिंदूर, काले फूल, मखाना आदि का होता है उपयोग।
—-व्रत में कालभैरव का करें ध्यान :
व्रत में भगवान कालभैरव का ध्यान करें। हल्दी, चंदन, फूल अर्पित करें। कालभैरव के मंदिर में जाकर भी पूजा कर सकते हैं, जहां विशेष रूप से इस दिन उनकी पूजा की जाती है। साथ ही अर्चना और मंत्र जप पूजा के दौरान ऊं कालभैरवाय नमः मंत्र का जप करें। ऊं ह्लीं कालभैरवाय नमः का उच्चारण भी किया जा सकता है। इस मंत्र के जाप से विशेष प्रकार की मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। साथ ही रात को पूरी श्रद्धा के साथ कालभैरव की पूजा उपासना करें और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करें। ताजे फल, मिठाई या अन्य पसंदीदा भोग अर्पित करें। प्रसाद सभी भक्तों में बांटें।
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Rohtak News: कालाष्टमी व्रत करें… दूर होगी आर्थिक तंगी, तनाव से मिलेगी निजात