
एनएसएस कैंप के दौरान मुख्य वक्ता का स्वागत करती प्राचार्या डॉ. शबनम राठी व एनएसएस कार्यक्रम अधि
रोहतक। जाट कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) का सात दिवसीय शिविर के पांचवें दिन युवाओं में बढ़ते नशे के दुष्प्रभाव, स्वास्थ्य, योग के महत्व, पर्यावरण जागरूकता विषय विस्तार से जानकारी दी गई।
शिविर में कॉलेज की पांचों एनएसएस यूनिट्स के वाॅलंटियर्स भाग ले रहे हैं। सभी वक्ताओं का कॉलेज प्राचार्य डॉ. शबनम राठी व एनएसएस के कार्यक्रम अधिकारियों ने स्वागत किया। वॉलंटियर्स ने गढ़ी बोहर में घरों में जाकर सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि पर सर्वेक्षण भी किया।
शिविर में मुख्य वक्ता ड्रग एंड एडिक्शन रिहेब्लिटेशन सेंटर रोहतक के पूर्व निदेशक डॉ. नाहर सिंह रहे। उन्होंने कहा कि नशे की शुरुआत में युवा वर्ग स्मोकिंग या शराब का सेवन करते हैं। नशे की लत ने बसे-बसाए कई परिवारों को उजाड़ दिया। नशे की दलदल में एक बार कोई फंस गया, उसका बाहर निकलना काफी मुश्किल होता है।
रिहेब्लिटेशन ट्रेनिंग सेंटर के योग थेरेपिस्ट डॉ. संजीव राठी ने कहा कि नशे की लत से छुटकारा दिलाने में योग अहम भूमिका निभा रहा है। नशे के चंगुल में जकड़े लोगों को आजाद कराने में योग की भूमिका महत्वपूर्ण है। नशे के आदि लोगों के आत्मबल और इच्छाशक्ति को मजबूत करने में योग के विभिन्न आसन संजीवनी का काम करता है।
प्राचार्य डॉ. शबनम राठी ने कहा कि युवा नशे से दूर रहकर देश सेवा में अपना योगदान दें। नशा करने वालों को भी जागरूक कर उन्हें नशे से बचाएं। द प्रेम रावत फाउंडेशन कैलिफोर्निया की लाइफ स्किल वर्कशॉप में प्रेरकों ने शरीर की आंतरिक ऊर्जा पर विस्तार से जानकारी दी।
इस मौके अवसर पर एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी डॉ. सुशीला डबास, डॉ. जसमेर सिंह, डॉ. शमशेर धनखड़, डॉ. मनीषा दहिया, डॉ. शीशपाल राठी, राजेश तक्षक के अलावा सभी पांचों यूनिट के वाॅलंटियर्स उपस्थित रहे।
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