13सीटीके39..पीजीआई में नर्सिंग एसोसिएशन की हड़ताल के दौरान मरीज को संभाल थे तीमारदार। संवाद
कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ दरिंदगी के बाद हत्या को लेकर मंगलवार को पीजीआईएमएस के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इसके चलते ओपीडी प्रभावित हुईं। वरिष्ठ चिकित्सक और प्रोफेसर ने ओपीडी में मरीजों की जांच की। प्रत्येक ओपीडी में एक ही चिकित्सक की उपलब्धता के कारण परामर्श के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ा। दोपहर एक बजे तक मरीजों की लंबी कतार लगी रही। करीब 40 चिकित्सकों ने 3 हजार से ज्यादा मरीजों की ओपीडी को संभाला।
मंगलवार को करीब 600 रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर रहे। इस दौरान उन्होंने सिर्फ आपातकालीन विभाग में अपनी सेवाएं दी। प्रत्येक ओपीडी में दो से तीन रेजिडेंट डॉक्टर बैठते हैं। लेकिन, आज एक-एक वरिष्ठ चिकित्सक ने ओपीडी के जिम्मेदारी संभालने से मरीज हलकान रहे। रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के प्रधान डॉ. पीराजवाला ने मांग की है कि सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर सीबीआई जांच की जाए। साथ ही चिकित्सकों की सुरक्षा की गारंटी सरकार ले। इसके बाद ही वह कार्य पर लौटेंगे। कोलकाता की घटना से चिकित्सक और विद्यार्थियों में डर है।
नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल के चलते मरीज परेशान
नर्सिंग स्टाफ की हड़ताल ने मरीज समेत तीमारदारों को भी परेशान कर रखा है। तीमारदार मरीज को स्ट्रेचर पर छोड़कर कार्ड बनाने में व्यस्त हैं। कार्ड मिल रहा तो मरीज को ड्रिप लगवाने के लिए इंतजार करना पड़ रहा है। बमुश्किल ड्रीप किसी पीजी विद्यार्थी ने लगा दी तो उन्हें ड्रीप स्टैंड नहीं मिलता। तीमारदार ड्रीप हाथ से पकड़कर घंटों खड़े रहते हैं। तीमारदार मरीज को स्ट्रेचर पर लिए वार्ड दर वार्ड भटक रहे हैं। बच्चों के वार्ड 14 के ज्यादातर बेड खाली रहे।
पीजी छात्र भी हो गए हैं परेशान
हड़ताल से पीजी छात्र भी परेशान हो गए हैं। उन पर अत्यधिक दबाव है। पीजी छात्रों को बिल्कुल आराम का मौका नहीं है। लगातार बिना अवकाश के काम कर रहे छात्रों को आराम करने के लिए अस्पताल परिसर में एम कमरे तक का भी इंतजाम नहीं है।
Rohtak News: ओपीडी में 40 वरिष्ठ चिकित्सकों ने संभाले 3 हजार से ज्यादा मरीज