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साइबर ठगी
– फोटो : अमर उजाला
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रोहतक में साइबर अपराधियों ने एक मेडिकल छात्रा काे डिजिटल अरेस्ट करके उससे करीब 14.72 लाख रुपये की धोखाधड़ी कर ली। साइबर अपराधियों ने नकली सीबीआई और हैदराबाद पुलिस के अधिकारी व कर्मचारी बनकर इस वारदात को अंजाम दिया।
साइबर ठगों ने छात्रा को पांच दिन तक डिजिटल अरेस्ट किए रखा और इस दौरान समय-समय पर पैसे अपने खातों में मंगाते रहे। इसके बाद जब छात्रा ने बात परिजन को बताई तो पता चला कि उनके साथ साइबर धोखाधड़ी हो गई है। पीड़ित छात्रा ने साइबर थाने में मामले की शिकायत की। पीड़ित छात्रा की शिकायत पर पुलिस ने बीएनएस की धाराओं में मुकदमा दर्ज करके जांच शुरू कर दी है। हरियाणा में डिजिटल अरेस्टिंग की शुरुआत फरीदाबाद से हुई थी, जहां पर बीटेक छात्रा से करीब आठ लाख रुपये की ठगी हुई थी और उसे तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट किया था।
मूलरूप से कर्नाटक के बिडर निवासी एस. भावना रोहतक स्थित पीजीआईएमएस की मेडिकल की छात्रा है। वह यहां से कम्युनिटी मेडिसिन डिपार्टमेंट से (एमडी प्रथम वर्ष) की पढ़ाई कर रही है। 9 अगस्त को हैदराबाद से छात्रा के पास कॉल आई, जिसमें एक महिला ने खुद को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) से बताया। आरोपी महिला ने छात्रा से कहा कि तुमने एसबीआई का क्रेडिट कार्ड ले रखा है और उसका बिल जमा नहीं किया है। इस पर छात्रा ने क्रेडिट कार्ड से इन्कार किया तो उन्होंने छात्रा की कॉल हैदराबाद पुलिस को ट्रांसफर कर दी।
साइबर ठग ने छात्रा को धमकाया और फिर किसी दूसरे से फोन पर बात कराई, जिसने गिरफ्तारी का डर दिखाया। चूंकि उसके नाम पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज है और आतंकवादी गतिविधियों में लिप्त है। छात्रा अपने आपको निर्दोष बताती रही, लेकिन उन्होंने यह कहकर फोन काटने की चेतावनी दी कि अब तो आईपीएस अधिकारी ही इस मामले को देखेंगे। फोन काटने से पहले साइबर ठग ने छात्रा को एक नंबर दिया कि यदि मामला सुलझाना है तो इस नंबर पर बात कर लो।
इसी दिन छात्रा ने दिए गए नंबर पर संपर्क किया तो वीडियो कॉल आई और उससे दस्तावेज मांगे, साथ ही बैंक की पासबुक के अंतिम पेज की कॉपी मांगी। इसके बाद साइबर ठगों ने छात्रा को सुप्रीम कोर्ट के कागजात, मनी लांड्रिंग व आतंकवाद से जुड़े कागजात की कॉपी भेज दी। इन्हें देखकर छात्रा डर गई। उन्होंने छात्रा से कहा कि वह सीबीआई के खुफिया विभाग से है। आपको डिजिटल तरीके से गिरफ्तार कर लिया है। छात्रा को चेतावनी दी कि अब हम आप पर चार दिन तक निगरानी रखेंगे और इस तरह असल में गिरफ्तार नहीं होना है तो वीडियो कॉल पर रहोगी।
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Rohtak: पीजीआई की मेडिकल छात्रा को पांच दिन तक रखा डिजिटल अरेस्ट, आरोपियों ने पीड़िता से 14 लाख 72 हजार ठगे