रेवाड़ी। जिले के 12 गांवों में उप स्वास्थ्य केंद्र (सब हेल्थ सेंटर) बनाने को लेकर टेंडर जारी किए गए हैं। प्रत्येक सब हेल्थ सेंटर पर करीब 46.63 लाख रुपये खर्च होंगे।
शुरुआती दौर में गांव बेरवल, छिल्लर, मोहनपुर, रोहडाई, मामडिया आसमपुर, सुठानी, झाबुआ, नेहरूगढ़, सुठानी, नांगल शहबाजपुर, जैतपुर शेखपुर, सुर्खपुर में उप स्वास्थ्य केंद्र बनेंगे। इससे करीब 50 हजार की आबादी को इससे फायदा होगा। स्वास्थ्य विभाग ने 48 गांवों में सब हेल्थ सेंटर बनाने की योजना बनाई है। इनमें से 24 हेल्थ सेंटर का प्रस्ताव भेजा गया है। जिन गांव में सब हेल्थ सेंटर बनाने की योजना है, वहां पर जमीन खरीदने की पूरी होने के बाद टेंडर जारी किए जा रहे हैं। फिलहाल अभी करीब 12 गांवों में सब हेल्थ सेंटर बनाने के लिए टेंडर जारी किए गए हैं। भविष्य में बाकी बचे सभी हेल्थ सेंटर के टेंडर जारी किए जाएंगे।
जिन 48 गांव में सब हेल्थ सेंटर खोलने की योजना बनाई गई है, वहां पहले स्वास्थ्य विभाग ने सर्वे किया था। यह देखा गया कि आसपास स्वास्थ्य की सुविधा कैसी है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने 48 गांवों को सब हेल्थ सेंटर के लिए चिह्नित किया गया था। इनका प्रस्ताव मुख्यालय भेजा गया था। मंजूरी मिलने के बाद टेंडर जारी किए गए हैं।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि एक सब हेल्थ सेंटर 5 हजार लोगों के बीच खोला जाता है। इनमें कई सुविधाएं होती हैं। सब हेल्थ सेंटर खुलने से लोगों को मामूली बीमारियों के इलाज के लिए शहर नहीं आना पड़ेगा।
यहां पीएचसी में अपग्रेड होंगे सब सेंटर गांव टींट, गांव नांगल तेजू व शहबाजपुर खालसा के सब सेंटर को पीएचसी में अपग्रेड किया जाएगा। पीएचसी 30 हजार की आबादी पर खुलते हैं। धारूहेड़ा व भाड़ावास की पीएससी को सीएचसी बनाया जाएगा। बावल की सीएससी को सीएचसी कम एसडीएच के रूप में विकसित किया जाएगा। गोकलगढ़ में 200 बेड के नागरिक अस्पताल के लिए जमीन खरीदने की प्रक्रिया अभी चल रही है।
गांव लुखी में बनेगा सब हेल्थ सेंटर का भवन
कोसली-कनीना मार्ग पर स्थित गांव लुखी में सब हेल्थ सेंटर का भवन बनाया जाएगा। इस पर 55 लाख 88 हजार रुपये खर्च होंगे। इसका टेंडर जारी कर दिया गया है। मौजूदा भवन पांच दशक पहले बना था, जोकि खंडहर में तब्दील हो चुका है। अभी लोगों को स्वास्थ्य संबंधी जानकारी व इलाज के लिए नाहड़ स्थित सीएचसी में पांच किलोमीटर चलकर आना जाना पड़ता है। लुखी एक ऐसा गांव है जहां सबसे ज्यादा 47 स्वतंत्रता सेनानी हुए हैं। मगर यहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है। सीएचसी इंचार्ज डॉ. मनीष ने बताया कि नया भवन बनाने के लिए पैसे आए हैं। फिलहाल भवन के अभाव में आंगनबाड़ी केंद्र में एक एएनएम और एक सहायक बैठते हैं, जो स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का निदान करते हैं।
वर्जन:
48 गांवों में सब हेल्थ सेंटर बनाने की योजना है। इनमें से 50 फीसदी गांवों में सब हेल्थ सेंटर बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया था। संबंधित विभाग की तरफ से टेंडर लगाए जा रहे हैं। -डॉ. दीपक वर्मा, डिप्टी सिविल सर्जन रेवाड़ी