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रामसिंहपुरा डंपिंग यार्ड में लगा कचरे का ढेर। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
रेवाड़ी। दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे-48 पर स्थित रामसिंहपुरा डंपिंग यार्ड में पड़े लाखों टन कचरे के निस्तारण के लिए नगर परिषद ने तीन माह में दूसरी बार टेंडर लगाया है। इससे पहले सितंबर में टेंडर लगाया गया था, तब नगर परिषद ने विशेष टेंडर जारी किया था। अब दिसंबर में फिर से टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है। करीब 24.23 करोड़ रुपये से कचरे के निस्तारण का कार्य होगा।
बीते मार्च में एस्टीमेट बनाकर फाइल स्वीकृति के लिए शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय को भेजी गई थी। प्रदेश सरकार से मंजूरी के बाद इसकी टेंडर की प्रक्रिया फिर से शुरू कर दी गई है। डंपिंग यार्ड में डाले जा रहे कूड़े से क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों के लोगोें को परेशानी हो रही है। हवा चलने पर बदबू फैल जाती है जिससे लोगों का सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इससे बीमारी फैलने की आशंका है। अगस्त 2023 में गांव रामसिंहपुरा के समीप बनाए गए डंपिंग यार्ड को लेकर 20 से अधिक गांवों के ग्रामीणों ने रामसिंहपुरा के मंदिर में महापंचायत की थी।
ग्रामीणों के विरोध के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने मौके पर पहुंच जनसुनवाई की थी। तब एडवोकेट चौधरी चरण सिंह ने कहा था कि रेवाड़ी से लेकर गुरुग्राम-मानेसर तक का कचरा लाकर रामसिंहपुरा में डाला जा रहा है, जिससे यहां का वातावरण बदबूदार हो गया है। तेज हवा चलने पर आसपास के गांवों के ग्रामीणों का सांस लेना भी दूभर हो जाता है। कई बार अधिकारियों को इसको यहां से स्थानांतरित करने को लेकर ज्ञापन भी दे चुके हैं।
यहां मानेसर तक से कचरा लाकर डाला गया है। कई निकायों का कूड़ा यहां डाले जाने से कूड़े का पहाड़ बन गया है। रेवाड़ी नगर परिषद अब कचरा डालने वाली निकायों से कचरा निस्तारण का खर्च देने की आस लगाए बैठी है। सोनीपत स्थित मुरथल यूनिवर्सिटी (दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) की ओर से कराई गई गणना में यहां 2 लाख 85 हजार टन (एक टन का मतलब 1 हजार किलोग्राम) से अधिक का कचरा मिला था। रेवाड़ी, नारनौल, अटेली, धारूहेड़ा, बावल, महेंदगढ़ मानेसर से कूड़ा आता रहा है। स्थानीय लोगों ने इसका विरोध भी किया था। डंपिंग यार्ड की जगह अस्पताल या काॅलेज बनाने की मांग की थी।
समय पर नहीं हुआ निस्तारण
डंपिंग यार्ड बावल व धारूहेड़ा नगर निकाय क्षेत्रों के लिए बनाया गया था। बाद में धारूहेड़ा व बावल के लिए अलग टेंडर किए गए, ताकि सभी रामसिंहपुरा पर निर्भर न रहें। रामसिंहपुरा में रेवाड़ी जिले के शहरी क्षेत्र के साथ ही मानेसर व एचएसआईआईडीसी तक का कूड़ा डाला गया है। यहां निस्तारण का काम साथ-साथ होना चाहिए था, लेकिन यह नहीं हो पाया। निस्तारण नहीं होने से यहां कचरे का पहाड़ बन गया है। इससे डंपिंग यार्ड फुल हो गया। हालात ये थे कि अगस्त 2023 में डोर-टू डोर के नए टेंडर किए गए तो उन्हें निस्तारण प्लांट लगाने के लिए 4 एकड़ जगह बनाने में कई दिन लग गए।
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वर्जन
रामसिंहपुरा डंपिंग साइट पर कचरे के निस्तारण को लेकर 24.23 करोड़ का एस्टीमेट बनाकर मुख्यालय भेजा गया था। कचरे के निस्तारण की अनुमति मिल गई थी। इसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू की गई है।-पूनम यादव, चेयरपर्सन, नगर परिषद रेवाड़ी।
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Rewari News: रामसिंहपुरा डंपिंग यार्ड में पड़े कचरे के निस्तारण के लिए लगाया टेंडर