रेवाड़ी। माजरा में बनने वाले एम्स के शिलान्यास को लेकर मनेठी एम्स संघर्ष समिति की ओर से पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत पांच फरवरी को एक व्यक्ति एक ईंट अभियान के तहत शिलान्यास किया जाएगा। सुबह करीब 10 बजे सभी ग्रामीण मनेठी की उपतहसील में एकत्रित होंगे। उसके बाद ही आगे के कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की जाएगी। हालांकि समिति के पदाधिकारियों का कहना है कि माजरा गांव के ग्रामीणों की सहमति के बाद ही शिलान्यास का कार्यक्रम होगा अन्थया नहीं। बतादें कि मनेठी एम्स संघर्ष समिति के आंदोलन के प्रयासों से ही यहां एम्स की स्थापना की जा रही है। समिति के सदस्य लंबे समय से एम्स के शिलान्यास की मांग कर रहे हैं। ऐसे में मनेठी एम्स संघर्ष समिति के आह्वान पर 5 फरवरी को एक व्यक्ति एक ईंट अभियान के तहत स्वयं शिलान्यास का कार्यक्रम निर्धारित किया गया था। इसके लिए जनजागरण अभियान भी चलाया गया है। उधर, दूसरी ओर माजरा गांव के ग्रामीणों ने माजरा एम्स संघर्ष समिति का गठन कर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह पर शिलान्यास को लेकर विश्वास जताया था और पांच फरवरी के कार्यक्रम से किनारा करने को कहा था। ऐसे में अनुमान लगाया जा रहा था कि एम्स संघर्ष समिति की दो फाड़ हो गई, लेकिन मनेठी एम्स संघर्ष समिति अपने पूर्व प्रस्तावित कार्यक्रम के तहत पांच फरवरी को मनेठी की उपतहसील प्रांगण में सभा करेगी, लेकिन इसमें एम्स के शिलान्यास के कार्यक्रम के लिए माजरा गांव के लोगों की सहमति ली जाएगी। अगर माजरा के ग्रामीणों ने सहमति नहीं दी तो शिलान्यास का कार्यक्रम रद्द कर दिया जाएगा।
मनेठी एम्स संघर्ष समिति के प्रवक्ता राजेंद्र सिंह एडवोकेट ने बताया कि समिति चाहती है कि एम्स का शिलान्यास जल्द हो, लेकिन इसमें माजरा गांव की सहमति जरूरी है। किसी भी सूरत में आपसी भाईचारा खराब नहीं करेंगे।
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