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संवाद न्यूज एजेंसी
रेवाड़ी। जिले में शुक्रवार को विभिन्न स्कूलों और स्वास्थ्य केंद्रों में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया। इस दौरान मलेरिया के लक्षण और बचाव के तरीके बताए गए। मलेरिया से बचाव के लिए विभाग की ओर से जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इसके बाद भी हर साल मलेरिया के मामले दर्ज किए जा रहे हैं। पिछले 8 वर्ष में मलेरिया के 55 केस मिले हैं। सबसे अधिक 2018 में मलेरिया के 13 केस मिले। राहत की बात यह है कि मलेरिया से एक भी मौत नहीं हुई है।
वर्ष 2017 में जिले में लगातार मलेरिया के केस मिल रहे हैं। इस वर्ष अभी मलेरिया का कोई मामला नहीं मिला है। इस वर्ष डेंगू के दो मामले सामने आ चुके हैं। स्वास्थ्य विभाग ने बचाव के लिए नागरिक अस्पताल में 10 आईसीयू वार्ड की व्यवस्था की है। सरकार ने 2030 तक मलेरिया को जड़ से खत्म करने का लक्ष्य रखा है। इस पर काम किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित तालाबों में गंबूजिया मछछियां छोड़ीं हैं, लेकिन सड़कों के किनारे, खाली प्लाट, सीवर, नालियों के पानी में दवा का छिड़काव नहीं किया गया है।
चिकित्सकों के मुताबिक मलेरिया एनाफिलीज मादा मच्छर के काटने से होता है। इस प्रजाति के मच्छर बारिश के मौसम में अधिक होते हैं। मच्छरों के काटने की वजह से व्यक्ति को बुखार और सिर दर्द होता है। मलेरिया में बुखार कभी कम तो कभी ज्यादा हो जाता है। मलेरिया के मच्छर अधिकतर शाम या रात को काटते हैं। इसलिए इस समय संभव हो तो घर में ही रहें। मलेरिया से बचने के लिए शरीर को ढक कर रखें। घर के आसपास जलभराव नहीं होने दें।
मलेरिया के ये होते हैं लक्षण : बुखार आना, सिर दर्द होना, उल्टी होना, मन का मचलना, ठंड लगना, चक्कर आना, थकान होना, पेट दर्द, तेजी से सांस लेना।
वर्ष केस मिले
2017
2018

2019
2020
2021
2022
2023
2024
2025
–
वर्जन
मलेरिया से बचाव के लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जहां डेंगू के केस मिले हैं, वहां स्वास्थ्य विभाग की टीमें लोगों के खून की जांच कर रही हैं। लोगों से सावधानी बरतने की अपील की जा रही है।-डॉ. अमित यादव, नोडल अधिकारी डेंगू एवं मलेरिया।
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Rewari News: मलेरिया के 2018 में आए सबसे ज्यादा 13 केस