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रेवाड़ी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश सौरभ कुमार की अदालत ने झज्जर ब्रिज पर बाइक छीनने और मारपीट के मामले में दोषी करार दिए गए रामपुरा निवासी तीन युवकों चंदन, दीपांशु और गौरव को 10-10 वर्ष की कठोर कारावास और 25 हजार रुपये जुर्माना की सजा सुनाई है।
सभी सजाएं एक साथ चलेंगी और इस मामले में जांच और ट्रायल के दौरान दोषियों ने जो सजा काटी है, उसे सजा में जोड़ा जाएगा। जुर्माना न भरने पर छह माह अतिरिक्त सरल कारावास का प्रावधान किया गया है।
अदालत ने कहा कि पूरे मामले पर विचार करने के बाद और बचाव पक्ष के वकील ने इस आधार पर नरमी की अपील की है कि दोषी व्यक्ति अपने-अपने परिवारों के अकेले कमाने वाले हैं, जिन पर माता-पिता और नाबालिग बच्चे निर्भर हैं। यह कोर्ट इन हालात को नजरअंदाज नहीं कर रहा है और उसने दोषी व्यक्तियों के परिवारों को होने वाली निजी मुश्किलों पर पूरा ध्यान दिया है।
आगे कहा कि दोषियों ने न सिर्फ पीड़ित की मोटरसाइकिल छीनने और उसे और उसके साथी को चोट पहुंचाने का गंभीर जुर्म किया है, बल्कि उन्होंने आम जनता पर भी असर डाला है और इससे रात में सड़कों पर आने-जाने वाले आम लोगों में सुरक्षा की भावना कम होती है।
इसलिए सभी जरूरी पहलुओं पर ध्यान से सोचने के बाद और समाज को कड़ा संदेश देने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए कि ऐसे जुर्मों से सख्ती से निपटा जाएगा, यह कोर्ट कानून के तहत तय सही सजा देना सही समझता है।
सुप्रीम कोर्ट के एक केस का हवाला देते हुए कहा कि सजा सुनाते समय कोर्ट के लिए यह जरूरी है कि वह दोनों पार्टियों को न्याय दिलाए। इसलिए दोषियों के बयानों और उनके पहले के रिकॉर्ड के साथ-साथ पारिवारिक हालात को ध्यान में रखते हुए सभी दोषियों को सजा सुनाई जाती है।
30 जुलाई 2023 का है पूरा मामला
मामले के अनुसार 30 जुलाई 2023 की रात लगभग साढ़े 12 बजे शिकायतकर्ता बिल्लू अपने मित्र के साथ मेहंदीपुर बालाजी से लौटकर रेवाड़ी रेलवे स्टेशन पहुंचे जहां से वे अपनी मोटरसाइकिल लेकर गांव कोयलपुर की ओर रवाना हुए। जैसे ही वे झज्जर ब्रिज पर पहुंचे, अचानक कुछ लोगों ने उनके सामने आकर मोटरसाइकिल को रोककर दोनों पर हमला कर दिया। हमले के दौरान बिल्लू व उसका दोनों नीचे गिर गया और उन्हें कई डंडों से चोटें पहुंचाई गईं। इसी दौरान दो हमलावर उनकी मोटरसाइकिल छीनकर झज्जर की ओर फरार हो गए जबकि बाकी आरोपी पुल की सीढ़ियों से नीचे उतरकर भाग निकले। पुलिस जांच के दौरान तीन आरोपियों चंदन, दीपांशु और गौरव को गिरफ्तार किया गया जबकि तीन अन्य नाबालिगों को अभिरक्षा में लिया गया था।
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने आठ गवाह पेश किए
मुकदमे के दौरान अभियोजन पक्ष ने आठ गवाह पेश किए जिनमें पीड़ित, प्रत्यक्षदर्शी, जांच अधिकारी एवं मेडिकल अधिकारी शामिल थे। पीड़ित और उसके मित्र ने अदालत में आरोपियों की स्पष्ट पहचान की। मेडिकल रिपोर्टों में उनके शरीर पर चोटों की पुष्टि हुई। वहीं पुलिस ने बाइक की बरामदगी, गिरफ्तारी मेमो, खुलासे और साइट प्लान जैसे अहम दस्तावेज भी प्रस्तुत किए। बचाव पक्ष ने आरोप लगाया कि पहचान पहली बार अदालत में हुई और कोई स्वतंत्र गवाह शामिल नहीं किया गया लेकिन अदालत ने इसे महत्वहीन माना। अदालत ने कहा कि पीड़ितों की गवाही विश्वसनीय है और बरामदगी व मेडिकल साक्ष्य इसे मजबूत करते हैं।
कोर्ट पहले ही तीन किशोरों को सुना चुकी 5-5 साल की सजा
मामले में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश जतिन गर्ग की अदालत ने दोषी पाए गए तीन बाल आरोपियों को पांच-पांच वर्ष की कठोर कारावास की दो सजाएं सुनाई हैं जो एक साथ चलेंगी। 15 हजार का जुर्माना भी लगाया गया है। जुवेनाइल जस्टिस (बच्चों की देखभाल और सुरक्षा) एक्ट 2015 की धारा 18 (डी) के अनुसार लगाया गया जुर्माना बच्चों के माता-पिता देंगे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि तीनों को 21 वर्ष की आयु पूरी होने तक प्लेस ऑफ सेफ्टी में रखा जाएगा और उसके बाद जेल में भेजा जाएगा।
वहीं अदालत के समक्ष पेश सामाजिक और मनोवैज्ञानिक रिपोर्ट में सामने आया था कि तीनों ही बालक पारिवारिक उपेक्षा, आर्थिक तंगी, सामाजिक दबाव और गलत संगत से प्रभावित थे। कुछ ने घर में मानसिक तनाव, झगड़े और मारपीट का भी उल्लेख किया।
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Rewari News: बाइक छीनने और मारपीट के तीन दोषियों को 10-10 साल की सजा, कोर्ट ने कहा- सख्त संदेश देना जरूरी


