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कोसली। कृषि विभाग ने फसल अवशेष प्रबंधन के लिए सीआरएम के नाम से स्कीम शुरू की हुई है। इसके अंतर्गत किसानों को पराली नहीं जलाने पर 1200 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान दिया जाता है।
एसडीएम विजय कुमार यादव ने बताया कि धान की पराली का किसान अपने खेत में ही प्रबंधन कर इस योजना का लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने बताया कि खेत में ही रोटावेटर आदि मशीन का प्रयोग कर धान की पराली को मिट्टी में मिलाया जा सकता है।
इससे भूमि की उर्वरा शक्ति में वृद्धि होगी। इसके अलावा पराली को थ्रेसर से कटवा कर चारा के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। एक अन्य विकल्प बेलर से इसकी गांठें बनवा कर उनको बेचने का भी है।
एसडीएम ने बताया कि पराली को जलाया तो प्रदूषण निरोधक अधिनियम के तहत दोषी को तीस हजार रुपये जुर्माना या 6 माह की सजा हो सकती है। ऐसे व्यक्ति को रेड मार्क कर दो साल के लिए कृषि विभाग की योजनाओं और एमएसपी पर फसल बेचने से वंचित कर दिया जाता है। उन्होंने बताया कि नाहड़ खंड में 128 किसान 400 एकड़ भूमि के लिए सीआरएम स्कीम में मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण करवा चुके हैं।
सरसों की बिजाई करने में किसान अभी जल्दी ना करें:
खंड कृषि अधिकारी नवीन कुमार ने बताया कि सरसों की बिजाई करने में किसान अभी जल्दी ना करें। फिलहाल धरती का तापमान अधिक है और ऐसे में बिजाई करने पर धौलिया कीट का प्रकोप सरसों में हो सकता है। मौसम विभाग के अनुसार चार-पांच दिन में बारिश आने की संभावना जताई जा रही है। इसलिए दीवाली पर्व के बाद ही सरसों की बिजाई शुरू करें।
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Rewari News: पराली नहीं जलाने पर 1200 रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मिलेगा अनुदान