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संवाद न्यूज एजेंसी
रेवाड़ी। नागरिक अस्पताल में एचबीए-1 सी शुगर टेस्ट शुरू हो गई है। इस जांच से मधुमेह राेगियाें के तीन माह के ब्लड शुगर का औसत स्तर पता चलता है। इससे शुगर के मरीजों को काफी राहत मिलेगी।
अस्पताल में जांच किट खत्म होने से जांच कराने के लिए आने वाले मरीजों को बड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा था। ऐसे हर रोज 10 के आसपास पीड़ित पहुंचते थे। जांच न होने से उनको बाहर लगभग 350 रुपये में जांच करानी पड़ रही थी। अब ये जांच शुरू होने से मरीजों को राहत मिली है। अभी मधुमेह राेगी ब्लड सैंपल देकर जांच का लाभ उठा सकते हैं। अस्पताल में राेज करीब 10 मधुमेह ग्रस्तराेगियाें की पहचान करके इलाज शुरू किया जा रहा है।
डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. दीपक वर्मा ने बताया कि एचबीए-1 सी टेस्ट काे ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन टेस्ट भी कहते हैं। खानपान के आधार पर ब्लड शुगर लेवल कम ज्यादा हाेता है। अगर किन्हीं मरीजाें में मुधमेह राेग की पहचान के लिए टेस्ट के विभिन्न माध्यम हैं लेकिन सटीक रिपाेर्ट एचबीए-1 सी टेस्ट से मिलती है। खून में 90 दिन से 120 दिन तक हीमोग्लोबिन कोशिकाएं रहती हैं, जाेकि नए सिरे से बनकर खून में आती हैं। इसलिए एचबीए1सी टेस्ट 120 दिन तक खून में माैजूद ग्लूकोज की मात्रा बताता है। ब्लड शुगर लेवल नियंत्रण में नहीं है ताे उसे नियंत्रण में लाने के लिए दवा शुरू दी जाती है।
शुगर लेवल 6.5 से नीचे रहना चाहिए, ज्यादा हो ताे इलाज करवाएं
डिप्टी सिविल सर्जन डाॅ. दीपक वर्मा ने बताया कि मधुमेह हाेना जेनेटिक या फिर बिगड़ी दिनचर्या के कारण संभव है। राेज ओपीडी में करीब 10 राेगी मधुमेह से ग्रस्त मिलते हैं। इनकी प्रारंभिक जांच एनसीडी क्लीनिक में ग्लूकोमीटर से करवाते हैं। उसकी रिपाेर्ट पर लैब में ब्लड सैंपल दिलवाकर और फिर तीन माह के ब्लड शुगर लेवल काे जांच के लिए एचबीए 1 सी टेस्ट करवाते हैं। शुगर लेवल 6.5 तक रहना चाहिए। इसका बढ़ना राेगी की किडनी व हार्ट के लिए सबसे ज्यादा नुकसानदेह साबित हाेता है। अगर उम्र ज्यादा है ताे 7 या इससे नीचे हाेना चाहिए। रात काे बार-बार पेशाब आना, पैराें में जलन व नसाें में दर्द और वजन कम हाेना व भूख ज्यादा लगना शुगर के लक्षण हैं।
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Rewari News: नागरिक अस्पताल में एचबीए-1 सी शुगर टेस्ट शुरू