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रेवाड़ी। पूर्व सीएम मनोहर लाल की घोषणा के 19 माह बाद धारूहेड़ा में नया बस स्टैंड के भवन को बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है। कस्बे के पुराने बस स्टैंड (4.8 एकड़) को करीब 8.6 करोड़ की लागत से नया रूप मिलेगा।
रोडवेज ने 12.78 करोड़ की राशि पीडब्ल्यूडी को ट्रांसफर की थी, जबकि टेंडर 8.6 करोड़ रुपये का लगाया गया है। अधिकारियों ने बताया कि जरूरत के हिसाब से राशि बढ़ाई भी जा सकती है। बस स्टैंड के निर्माण को लेकर निदेशक राज्य परिवहन ने 2 नवंबर 2023 को 12.78 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी।
वहीं, टेंडर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद पीडब्ल्यूडी की तरफ से बस स्टैंड के भवन का निर्माण शुरू कर दिया जाएगा। टेंडर भरने की अंतिम तिथि 18 मार्च है। दरअसल, जुलाई 2023 को जनसंवाद कार्यक्रम के तहत धारूहेड़ा व आसपास के लोगों की समस्याओं को जानकर उनका समाधान करने आए पूर्व मुख्यमंत्री मनोहलाल द्वारा धारूहेड़ा में बस स्टैंड निर्माण की मांग पर विचार किया गया था। उन्होंने जुलाई 2024 तक कार्य पूरा किए जाने की घोषणा मंच से की गई थी। हालांकि, कागजी प्रक्रिया के कारण स्थिति जस की तस बनी रही। अब मार्च महीने में जाकर इसका टेंडर लगा है। फिलहाल टेंडर लगने के बाद लोगों ने भी राहत की सांस ली है।
बस स्टैंड बनने के बाद लोगों को होगा काफी फायदा
कस्बा स्थित कॉलोनियों, सोसाइटियों व औद्योगिक इकाइयों सहित आसपास के करीब 50 गांवों के लोग प्रतिदिन धारूहेड़ा बस स्टैंड पहुंचते हैं। बस स्टैंड न होने के कारण क्षेत्र के लोगों को काफी परेशानी होती है। औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण यहां पर हजारों की संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है। धारूहेड़ा में नया बस स्टैंड बनाया जाना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि धारूहेड़ा से आवागमन के लिए दिल्ली, जयपुर, गुरुग्राम, मानेसर, कोटपूतली, नीमराना, कोटा, भिवाड़ी, अलवर, तिजारा, खुशखेड़ा, पलवल, सोहना, आगरा, मेवात, बावल व रेवाड़ी समेत तमाम शहरों के लिए यहां से लोग गुजरते हैं। नया बस स्टैंड बनने के बाद लोगों की समस्याएं भी दूर हो जाएंगी।
2018 को कंडम घोषित हुआ था भवन
गौरतलब है कि धारूहेड़ा बस स्टैंड का भवन वर्ष 1991 में 5 एकड़ भूमि पर बनाया गया था, जिसे पीडब्ल्यूडी विभाग ने 30 नवंबर 2018 को कंडम घोषित कर दिया था। धारूहेड़ा बस स्टैंड की कंडम बिल्डिंग की वजह से हादसे होने की आशंका को देखते हुए प्रकाश यादव द्वारा ही हरियाणा राज्य मानव अधिकार आयोग को इस पर संज्ञान लेने के लिए लिखा गया था। जिसकी लगातार सुनवाई के दौरान आयोग की तरफ से इस बिल्डिंग को गिराए जाने के आदेश पारित किए गए थे और हरियाणा सरकार व परिवहन निदेशक को लोगों को सुगम यात्रा व सुविधाएं देने के लिए बस स्टैंड के निर्माण के लिए भी कहा गया था।
जर्जर होने पर 2020 में ढहा दिया गया था भवन
धारूहेड़ा में बना बस स्टैंड दिल्ली-जयपुर राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ बना था, जो हाईवे पर वर्ष 2012 में बने फ्लाईओवर की वजह से नीचा पड़ गया था। इस जगह पर बसों ने स्टैंड के अंदर प्रवेश बंद कर दिया। वहीं, जयपुर से दिल्ली की तरफ जाने वाली बसों को स्टैंड तक आने के लिए फ्लाईओवर के अंडरपास से होकर ही आना पड़ता है। इसके बाद लोगों का आवागमन कम होने और बस स्टैंड की बिल्डिंग बगैर देखभाल के धीरे-धीरे जर्जर हो गई। इसके बाद वर्ष 2020 में यहां कोई बड़ा हादसा न हो इसे देखते हुए हरियाणा मानव अधिकार आयोग के आदेश पर जर्जर भवन की बिल्डिंग को गिरा दिया गया था।
वर्जन
हाल ही में हुई बैठक में पीडब्ल्यूडी की तरफ से धारूहेड़ा बस स्टैंड के टेंडर लगने की जानकारी दी गई है। जहां तक सवाल स्वीकृत राशि से कम रुपये का टेंडर लगने का है, जो राशि पहले बताई गई थी, वह एस्टीमेट था। निर्माण के दौरान अगर राशि बचती है तो वापस ट्रांसफर हो जाएगी। निर्माण में अगर पैसा ज्यादा खर्च होता है तो राशि उस कार्य में लग जाएगी।
-प्रदीप कुमार, जीएम, रोडवेज
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Rewari News: धारूहेड़ा बस स्टैंड के लिए 8.6 करोड़ का लगा टेंडर, 12.78 करोड़ हुए थे मंजूर