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फोटो : 10रेवाड़ी। बंदरों के हमले में घायल नरेश कुमार। संवाद
संवाद न्यूज एजेंसी
कोसली। क्षेत्र में कुत्ते और बंदरों का उत्पात बढ़ गया है। स्थानीय अस्पताल में प्रतिदिन कुत्तों के काटने के 4 से 5 और बंदरों के काटने के 2 से 3 मरीज पहुंच रहे हैं। अबतक कुत्ता और बंदरों के काटने से 800 लोग पीड़ित हो चुके हैं। परेशान लोगों ने कुत्ते और बंदरों को पकडने की मांग की है।
गत वर्ष कुत्ता और बंदरों के काटने से पीड़ित एक हजार से अधिक लोग अस्पताल पहुंचे थे। इस वर्ष अबतक पीड़ितों की संख्या 800 पर पहुंची है। इनमें 500 मरीज कुत्तों और 300 मरीज बंदरों के काटने से पीड़ित हैं। 50 फीसदी मामले ऐसे हैं जिनमें पालतू कुत्तों ने अपने मालिकों को शिकार बनाया है। जानकारों का मानना है कि खतरनाक कुत्ते पालने का चलन बढ़ा है जिससे इस तरह की घटनाएं बढ़ी हैं। कई बार लोगों ने व ग्राम पंचायतों ने इसकी शिकायत की लेकिन समाधान नहीं किया गया। स्थानीय लोगों ने बेसहारा कुत्तों व बंदरों को पकड़ कर उन्हें सुरक्षित स्थान पर छोड़ने की मांग की है।
कुत्ता या बंदर के काटने पर पीड़ित व्यक्ति को एंटी रैबीज के पांच इंजेक्शन लगवाने पड़ते हैं। पहला इंजेक्शन काटने के दिन, इसके बाद तीसरे, सातवें, चौदहवें दिन और 28वें दिन रैबीज का टीका लगवाना पड़ता है। मार्केट में जहां 500 से 650 में एक टीका लगता है वहीं सरकारी अस्पताल में मात्र सौ रुपये में ही यह टीका लग जाता है।
गांव फतेहपुरी में गली से गुजर रही एक वृद्ध महिला को कुछ समय पहले कुत्तों ने मार डाला था। इसी गांव के एक युवक को खेत में काम करते कुत्तों के झुंड ने काट कर घायल कर दिया था। कुछ वर्ष पूर्व कोसली में बंदरों ने एक छात्रा पर हमला किया था जिससे उसकी मौत हो गई थी। भड़ंगीं गांव में एक युवक को बंदरों ने काट कर घायल कर दिया था।
वर्जन:
कुत्तों ओर बंदरों का आतंक काफी बढ़ रहा है। हमारे पास भी हर दिन बंदर व कुत्तों के काटने पर इलाज के लिए मरीज पहुंच रहे हैं। लोगों को अस्पताल पहुंचने पर बेहतर इलाज दिया जाता है। -डॉ. जयपाल, कोसली अस्पताल।
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Rewari News: कुत्ते और बंदरों का उत्पात, अब तक 800 लोग इलाज के लिए पहुंचे