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फोटो: 29रेवाड़ी। गांव झाबुआ में बाघ की सूचना पर पहुंचे वन विभाग के अधिकारी। स्रोत: ग्रामीण
संवाद न्यूज एजेंसी
बावल। सरिस्का टाइगर रिजर्व (अलवर) से भटके बाघ के रेवाड़ी के गांव झाबुआ के आसपास होने की सूचना मिलने के बाद वन विभाग की टीम सक्रिय हो गई है। गांव झाबुआ में पहुंची वन विभाग की टीम ने मुनादी कराकर ग्रामीणों को बाघ के होने की सूचना दी और घर से नहीं निकलने की अपील की। शुक्रवार की देर शाम एक ग्रामीण ने बाघ के गांव में आने की जानकारी दी थी।
अमर उजाला में शनिवार के अंक में पेज संख्या एक पर ”राजस्थान सीमा पर बाघ के पहुंचने की आशंका” शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसके बाद बाघ के रेवाड़ी में प्रवेश करने की पुष्टि हुई है। शनिवार सुबह के समय वन विभाग की टीम दल बल के साथ गांव में पहुंची। वन विभाग की टीम ने जब जांच की तो बाघ के पंजे के निशान मिले। फिलहाल अब वन विभाग की टीम ने भी बाघ के रेवाड़ी में प्रवेश करने की पुष्टि कर दी है। बाघ गांव झाबुआ के वन क्षेत्र में ही कहीं छुपा हुआ है। रेवाड़ी में बाघ के आने की सूचना जैसे ही सरिस्का वन विभाग की टीम को लगी वह भी यहां पर पहुंची। अब रेवाड़ी वन विभाग की टीम के साथ सरिस्का की टीम बाघ की खोज कर रही है। अलवर डीएफओ राजेंद्र ने बताया कि 50 वनकर्मियों की टीम सर्च आपरेशन में लगी है। बाघ को पकड़ने का प्रयास चल रहा है।
सरिस्का टाइगर रिजर्व (अलवर) से भागे बाघ ने खैरथल-तिजारा जिले में वीरवार को 6 घंटे में 5 लोगों पर हमला किया था। बाघ ने रेलवे कर्मचारी पर भी हमलाकर उसे घायल किया था। दूसरी बार में खेत में काम कर रहे चार लोगों पर हमला बोला। इस दौरान उसने कुछ युवकों के सीने पर कई वार किए। दोनों हमले में 5 लोग घायल हो गए हैं। यह क्षेत्र रेवाड़ी से 40 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
7 महीने पहले जंगल से निकलकर गया था रेवाड़ी
गौरतलब है कि 7 महीने पहले भी ये टाइगर सरिस्का के जंगल से निकलकर रेवाड़ी तक चला गया था। उस समय हरियाणा बॉर्डर के आस-पास गांव में वनकर्मियों पर हमला कर दिया था, जिसमें एक वनकर्मी को टाइगर ने दबोच लिया था, लेकिन वह बच गया था। वहीं, फॉरेस्टर बेहोश हो गया था। उससे पहले कोटकासिम के पास एक किसान पर हमला किया था। एक नीलगाय को खाने की भी पुष्टि हुई थी।
वर्जन :
गांव झाबुआ में बाघ के होने की पुष्टि हुई है। इसकी जानकारी होने पर शनिवार की सुबह वन विभाग की टीम गांव में पहुंच गई। बाघ को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है। – प्रेम कुमार, वन रेंज अधिकारी, बावल।
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Rewari News: रेवाड़ी पहुंचा बाघ, गांव झाबुआ में मिले पंजे के निशान