संवाद न्यूज एजेंसी
रेवाड़ी। अब राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी निजी विद्यालयों की तर्ज पर परिचय पत्र (आई कार्ड) दिए जाएंगे। विद्यार्थियों को गले में आई कार्ड लगा कर ही विद्यालय जाना होगा, ताकि उनकी ठीक से पहचान हो सके।
फिलहाल पहली से पांचवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को परिचय पत्र दिए जाएंगे। इसको लेकर स्कूल शिक्षा निदेशालय ने जिले के डीईओ व डीईईओ को पत्र लिखकर जरूरी दिशा निर्देश भी दिए हैं। वहीं, स्कूल स्तर पर बच्चों के आई कार्ड बनाने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है। जिले में 397 राजकीय प्राइमरी स्कूल हैं। जहां 40 हजार से ज्यादा बच्चे पढ़ाई करते हैं। वहीं, अगर निजी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों की बात करें तो यहां हर बच्चे के गले में आई कार्ड होता है। उसी आई कार्ड के जरिये स्कूल में एंट्री व पहचान मिलती है। आई कार्ड के बगैर स्कूल में एंट्री नहीं मिलेगी। क्लास शुरू होने से लेकर छुट्टी होने तक आईडी कार्ड को गले में डाले रहना होगा।
आई कार्ड बनाने की योजना के तहत विभाग की ओर से एक एप लॉन्च किया गया है। राजकीय स्कूलों को पहली से पांचवीं कक्षा तक के बच्चों का डाटा उक्त एप पर अपलोड करना होगा। बच्चों का पूरा डाटा एप पर अपलोड होने के बाद आई कार्ड बनने की प्रक्रिया शुरू होगी और करीब एक सप्ताह में उनके आइकार्ड बनकर बनकर आ जाएंगे। निदेशालय ने एप संबंधित जानकारी भी विभाग को भेज दी है। ताकि विद्यार्थियों को डाटा अपलोड करने में किसी प्रकार की कोई परेशानी का सामना न करना पड़े और जल्द से जल्द अध्यापक अपनी-अपनी कक्षा का डाटा एप पर अपलोड कर सकें और आई कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू हो।
वर्जन:
राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को आई कार्ड दिए जाएंगे। इसके लिए एप लांच किया गया है। इस पर सभी विद्यार्थियों का नाम, जन्मतिथि, कक्षा व फोन नंबर के साथ अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भरनी होगी। साथ ही फोटो देनी होगी।-कपिल पूनिया, जिला शिक्षा अधिकारी रेवाड़ी।
Rewari News: अब सरकारी विद्यालयों के विद्यार्थी भी लगाएंगे आई कार्ड