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Retail Inflation: भारतीय आम जनता के लिए एक राहत की खबर है. देश में खुदरा महंगाई दर (Retail Inflation) मार्च 2025 में घटकर सिर्फ 3.34 फीसदी रह गई है और ये आंकड़ा सितंबर 2019 के बाद सबसे कम है. मंगलवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, ये गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों की कीमतों में नरमी के चलते आई है.
फरवरी में भी महंगाई दर 3.61 फीसदी थी और अब इसमें और गिरावट देखने को मिली है. ये गिरावट उस समय आई है जब वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है, फिर भी भारतीय बाजार में राहत का माहौल दिख रहा है.
अर्थव्यवस्था के लिए पॉजिटिव सिग्नल
खास बात ये है कि ये आंकड़े भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की 2-6 फीसदी की सीमा में ही नहीं, बल्कि इसके लक्ष्य 4 फीसदी से भी नीचे हैं, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक पॉजिटिव सिग्नल है. अब अगर बात करें खाने-पीने की चीज़ों की तो फूड इंफ्लेशन मार्च में 2.69 फीसदी पर आ गया, जो फरवरी में 3.75 फीसदी था. सब्जियों की महंगाई में तो बड़ी गिरावट आई, फरवरी में जहां -1.07 फीसदी की गिरावट थी, वहीं मार्च में ये गिरकर -7.04 फीसदी हो गई.
आम आदमी को मिली राहत
अनाज की महंगाई 5.93 फीसदी रही जबकि दालों की कीमतों में 2.73 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई. ये उन लोगों के लिए बहुत बड़ी राहत है जिनका बजट दाल-रोटी और सब्जी पर ही टिका होता है. ईंधन और बिजली (Fuel & Light) की महंगाई भी घटकर 1.48 फीसदी रह गई है, जबकि ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में महंगाई दर में कमी आई है. ग्रामीण महंगाई फरवरी के 3.79 फीसदी से घटकर 3.25 फीसदी हो गई है और शहरी महंगाई भी अब 2.48 फीसदी पर आ गई है.
आगे क्या होगा?
RBI गवर्नर संजय मल्होत्रा ने हाल ही में कहा कि महंगाई में गिरावट का ट्रेंड जारी रहेगा और FY26 (वित्त वर्ष 2025-26) में और राहत मिल सकती है. उन्होंने बताया कि खाद्य वस्तुओं की कीमतों में स्थिरता बनी रही तो घरों पर खर्च का दबाव कम होगा. हालांकि RBI ने ये भी कहा कि वैश्विक अनिश्चितता, जैसे अमेरिका द्वारा बढ़ाए गए टैरिफ, अब भी एक बड़ा खतरा हैं. उदाहरण के लिए, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर 26 फीसदी आयात शुल्क लगाया था, हालांकि चीन को छोड़कर बाकी देशों को 90 दिनों की राहत भी दी गई है.
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Retail Inflation: महंगाई से मिली जनता को राहत! 67 महीने के निचले स्तर पर आई खुदरा महंगाई दर