नई दिल्ली3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक
वित्त वर्ष 2022-23 में सरकार को ₹87,416 करोड़ का सरप्लस मिला था।
RBI बोर्ड ने वित्त वर्ष 2025 के लिए सरकार को रिकॉर्ड 2.69 लाख करोड़ रुपए के सरप्लस ट्रांसफर को मंजूरी दी है। पिछले वित्त वर्ष 2023-24 में RBI ने सरकार को 2.10 लाख करोड़ का सरप्लस ट्रांसफर किया था। यानी, ये पिछले साल की तुलना में 28% ज्यादा है।
सरप्लस का ये ट्रांसफर FY25 के लिए है, लेकिन यह FY26 के लिए सरकार के अकाउंट में दिखाई देगा। सरप्लस की घोषणा RBI के सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स की 616वीं मीटिंग में की गई।
आय और व्यय के बीच का अंतर है सरप्लस
RBI की आय और व्यय के बीच के अंतर को सरप्लस कहते हैं। RBI रिजर्व के लिए प्रोविजन और रिटेन्ड अर्निंग के बाद सरप्लस को सरकार को ट्रांसफर करता है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 47 (अलॉकेशन ऑफ सरप्लस प्रॉफिट) के अनुसार, ये ट्रांसफर होता है।


RBI सरप्लस कैसे जनरेट करता है? आरबीआई की इनकम:
- घरेलू और विदेशी प्रतिभूतियों की होल्डिंग पर ब्याज
- सर्विसेस से फीस और कमीशन
- फॉरेन एक्सचेंज ट्रांजैक्शन से प्रॉफिट
- सब्सिडियरी और एसोसिएट कंपनियों से रिटर्न
आरबीआई का व्यय:
- करेंसी नोटों की छपाई
- जमा और उधार पर ब्याज का भुगतान
- कर्मचारियों का वेतन और पेंशन
- कार्यालयों और शाखाओं का ऑपरेशनल खर्च
- अचानक पैसों की जरूरत और डेप्रिसिएशन के लिए प्रावधान
अब तक का सबसे ज्यादा सरप्लस
ये अब तक का सबसे ज्यादा एनुअल सरप्लस ट्रांसफर है। एक्सपर्ट के अनुसार सरप्लस अमाउंट में तेज उछाल का एक कारण फॉरेक्स होल्डिंग से रिजर्व बैंक की कमाई है। एक्सपर्ट ने कहा कि अपेक्षा से ज्यादा सरप्लस केंद्र सरकार के लिए अच्छी खबर है क्योंकि यह केंद्र के लिक्विडिटी सरप्लस और उसके बाद व्यय को सपोर्ट करेगा।
- इससे सरकार को अपना वित्तीय घाटा कम करने में मदद मिलेगी
- सरकार को नई योजनाओं पर पैसे खर्च करने में आसानी होगी
- विनिवेश लक्ष्य चूक जाने के बाद रेवेन्यू कलेक्शन में आई कमी की भरपाई
Source: https://www.bhaskar.com/business/news/rbi-to-transfer-record-269-lakh-crore-surplus-to-government-135087752.html