RBI Dividend: केंकेंद्र सरकार को फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की ओर से केंद्र सरकार को फाइनेंशियल ईयर 2025 के लिए भारतीय रिजर्व बैंक की तरफ से 2.69 लाख करोड़ रुपये के डिविडेंड का भुगतान किया जाएगा. यह पिछले साल दिए गए 2.1 लाख करोड़ रुपये से अधिक है. इस पैसे से सरकार को इस साल फिसकल डेफिसिट को 4.4 परसेंट तक कम करने में मदद मिलेगी, बैंकिंग सिस्टम में लिक्विडिटी बढ़ेगी. RBI ने अपने रिस्क बफर को भी 6.5 परसेंट से बढ़ाकर 7.5 परसेंट कर दिया है यानी कि बैंक किसी भी अप्रत्याशित जोखिम जैसे कि फाइनेंशियल मार्केट में गिरावट, आर्थिक झटके से होने वाले नुकसान के लिए पैसे अलग से रख रहा है.
3 लाख करोड़ रुपये का था अनुमान
शुक्रवार को आरबीआई सेंट्रल बोर्ड की 616वीं बैठक में अधिकारियों ने दुनिया भर में और भारत में आर्थिक जोखिमों की समीक्षा की और मोदी सरकार को 2,68,590.07 करोड़ रुपये के डिविडेंड ट्रांसफर किए जाने की मंजूरी दी. पहले अनुमान लगाया जा रहा था कि RBI इस साल 3 लाख करोड़ रुपये तक का डिविडेंड सरकार को दे सकता है, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 50 परसेंट ज्यादा है. यूनियन बजट में भी RBI और दूसरे वित्तीय संस्थानों से 2.56 लाख करोड़ रुपये के लाभांश की उम्मीद जताई गई थी.
RBI क्यों देता है डिविडेंड?
RBI हर साल भारत सरकार को आर्थिक पूंजी ढांचे (Economic Capital Framework) के नियमों के तहत डिविडेंड देता है. इसे रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान के नेतृत्व वाली समिति की रिपार्ट के आधार पर अगस्त, 2019 में लागू किया गया था. जालान समिति ने आरबीआई को बैलेंस शीट का 5.5 से 6.5 परसेंट हिस्सा जोखिम बफर के तौर पर रखने का सुझाव दिया था. इसके बाद सरप्लस अमाउंट सरकार को ट्रांसफर कर दिया जाता है. इस रकम का इस्तेमाल सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने, तमाम विकास कार्यों में और अपने खर्चों को पूरा करने के लिए करती है.
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Source: https://www.abplive.com/business/rbi-will-give-a-bumper-dividend-of-2-69-lakh-crore-to-the-government-2949508