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भारतीय बाजार में तेज उतार-चढ़ाव को देखते हुए ज्यादातर निवेशक कम जोखिम के साथ गारंटीड रिटर्न चाहते हैं। ऐसे निवेशकों के लिए आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड (एफआरएसबी) बेहतर विकल्प हो सकता है। इन बॉन्ड्स की ब्याज दर हमेशा नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी) की ब्याज दर से 0.35% ज्यादा रखी जाती है।
उदाहरण के लिए अगर एनएससी स्कीम पर सालाना 7% ब्याज मिलता है, तो एफआरएसबी पर 7.35% ब्याज मिलेगा। फिलहाल एफआरएसबी पर ब्याज की दर सालाना 8.05% है। जैसा कि नाम से जाहिर है, यह बॉन्ड फ्लोटिंग रेट पर आधारित है। इसका मतलब है कि ब्याज दर हर छह महीने में बदली जाती है। इसका सीधा संबंध डेट मार्केट के रुझान से है। हालांकि इस बाजार में उतार-चढ़ाव कम होता है।
आरबीआई फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड किनके लिए बेहतर है?
- सुरक्षित, नियमित आय चाहने वाले: जो निवेशक बाजार के जोखिम से बचना चाहते हैं और जिन्हें नियमित आय की जरूरत है, उनके लिए यह बॉन्ड सही है।
- पेंशनर्स, वरिष्ठ नागरिक: पेंशनर्स और वरिष्ठ नागरिकों के लिए रिटायरमेंट प्लान के तौर पर यह बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें हर छह माह में ब्याज मिलता है।
- लंबी अवधि के निवेशक: जो लोग लंबी अवधि में फिक्स्ड इनकम चाहते हैं, उनके लिए एफआरएसबी अच्छा विकल्प है।
कैसे खरीदें आरबीआई के फ्लोटिंग रेट सेविंग बॉन्ड? ये बॉन्ड आरबीआई रिटेल डायरेक्ट वेबसाइट, बैंकों के एप/साइट, बैंक ब्रांच या डाकघर से खरीद सकते हैं। पैन जरूरी है, न्यूनतम निवेश ~1000 और अधिकतम निवेश असीमित है।
- 7 वर्ष की लॉक-इन अवधि: 7 साल से पहले ये बॉन्ड नहीं भुना सकते। हालांकि 60-70 साल के निवेशक 6 वर्ष बाद प्रीमेच्योर रिडम्पशन कर सकते हैं। 70-80 साल के निवेशक 5 साल बाद और 80 साल से ऊपर के निवेशक 4 साल बाद प्रीमेच्योर रिडम्पशन कर सकते हैं। पर पेनल्टी देनी पड़ती है।
- सरकारी गारंटी: एफआरएसबी की ब्याज दरें हर छह महीने में बदलती हैं। अगर ब्याज दरें बढ़ती हैं, तो ज्यादा रिटर्न मिलेगा। इसके अलावा यह बॉन्ड सरकारी गारंटी के साथ आता है, इसलिए जोखिम न के बराबर है।

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RBI फ्लोटिग रेट सेविंग बॉन्ड में FD से ज्यादा ब्याज: सुरक्षित निवेश और गारंटीड रिटर्न का बेहतर ऑप्शन, इसमें 7 साल का लॉक-इन पीरियड