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RBI ने ‘रुपया इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स’ पर बनाए नए नियमों का ड्राफ्ट जारी किया Business News & Hub

RBI ने ‘रुपया इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स’ पर बनाए नए नियमों का ड्राफ्ट जारी किया Business News & Hub

भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने सोमवार को रुपया इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स (IRD) से जुड़े नियमों में बदलाव का मसौदा जारी किया है. इसका मकसद बदलते फाइनेंशियल माहौल और विदेशी निवेशकों की बढ़ती भागीदारी के हिसाब से मौजूदा नियमों को अपडेट करना है.

पुराने नियमों को नया रूप देने की तैयारी

IRD से जुड़े मौजूदा नियमों में आखिरी बार जून 2019 में बदलाव किया गया था. लेकिन अब बाज़ार में नए प्रोडक्ट्स आ चुके हैं और विदेशी कंपनियों की भागीदारी भी काफी बढ़ गई है. ऐसे में आरबीआई ने नियमों की पूरी समीक्षा की है और नया ड्राफ्ट तैयार किया है, जिसका नाम है- Draft Master Direction, Reserve Bank of India (Rupee Interest Rate Derivatives) Directions, 2025.

क्या होते हैं IRD यानी इंटरेस्ट रेट डेरिवेटिव्स?

यह ऐसे फाइनेंशियल कॉन्ट्रैक्ट होते हैं जिनकी वैल्यू रुपये की ब्याज दरों, ब्याज से जुड़े वित्तीय उपकरणों या इंटरेस्ट रेट इंडेक्स पर निर्भर होती है. इन्हें आमतौर पर जोखिम से बचाव (hedging) और बाज़ार में मुनाफा कमाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

अब विदेशी कंपनियों को भी मिलेगी बड़ी राहत

नए मसौदे के तहत, अब विदेशी कंपनियां (non-resident entities) अपने सेंट्रल ट्रेज़री या ग्रुप एंटिटी के ज़रिए IRD में लेन-देन कर सकेंगी. हालांकि, शर्त यह है कि जो संस्था विदेशी निवेशकों की तरफ से डील करेगी, उसे ठीक से अधिकृत (authorised) होना चाहिए, ताकि किसी तरह की गड़बड़ी न हो.

रिपोर्टिंग की झंझट भी होगी कम

आरबीआई ने नियमों को और आसान बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया है. अब IRD ट्रांजैक्शन से जुड़ी रिपोर्टिंग प्रक्रिया को सरल किया जाएगा, जिससे बाज़ार से जुड़े लोगों पर अनुपालन (compliance) का बोझ कम हो सके. साथ ही, भारत के बाहर (globally) किए गए IRD लेन-देन की रिपोर्टिंग भी ज़रूरी करने का प्रस्ताव है, ताकि पूरे सिस्टम में पारदर्शिता बनी रहे.

सुझाव भेजने की आखिरी तारीख: 7 जुलाई 2025

आरबीआई ने बैंकों, वित्तीय संस्थाओं और IRD से जुड़े सभी बाज़ार सहभागियों से आग्रह किया है कि वे इस ड्राफ्ट पर 7 जुलाई 2025 तक अपने सुझाव और प्रतिक्रिया भेजें.

क्यों है यह बदलाव अहम?

यह कदम दिखाता है कि भारत का केंद्रीय बैंक वित्तीय बाज़ार को ग्लोबल स्टैंडर्ड्स के अनुसार विकसित करने की दिशा में गंभीर है. इससे न सिर्फ विदेशी निवेश को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारतीय कंपनियों को भी बेहतर जोखिम प्रबंधन के मौके मिलेंगे.

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Source: https://www.abplive.com/business/rbi-released-the-draft-of-new-rules-on-rupee-interest-rate-derivatives-know-what-is-ird-2963564

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