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Rajat Sharma’s Blog | औरंगज़ेब : अबू आज़मी की तुष्टिकरण की राजनीति – India TV Hindi Politics & News

Rajat Sharma’s Blog | औरंगज़ेब : अबू आज़मी की तुष्टिकरण की राजनीति – India TV Hindi Politics & News

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Image Source : INDIA TV
इंडिया टीवी के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ रजत शर्मा।

औरंगज़ेब पर समाजवादी पार्टी के नेता अबू आज़मी के बयान की गूंज मुंबई से लेकर लखनऊ तक सुनाई दी। अबू आजमी को पूरे बजट सत्र के लिए महाराष्ट्र विधानसभा से निलम्बित कर दिया गया। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि छत्रपति शिवाजी का अपमान सहन नहीं किया जाएगा, वो अबू आजमी को “शत प्रतिशत जेल में” डालेंगे। अबू आजमी ने औरंगजेब को दयावान और इंसाफ पसंद बादशाह बताया था। महाराष्ट्र में सभी दलों ने अबू आजमी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।  इनमें वो पार्टियां भी हैं जिनका समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन है लेकिन अखिलेश यादव ने अबू आजमी के निलम्बन का विरोध किया और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सवाल उठाया। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगर अखिलेश को अबू आजमी इतने पसंद है, तो उन्हें यूपी से चुनाव लड़वा लें। शरद पवार के भतीजे रोहित पवार ने आरोप लगाया कि अबू आज़मी शिवाजी का अपमान कर बीजेपी की परोक्ष रूप से मदद कर रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि समाजवादी पार्टी औरंगजेब को अपना आदर्श मानने लगी है, जिस कमबख्त ने औरंगजेब की तारीफ की है, उसे यूपी भेज दिया जाए, यूपी सरकार उसका ढंग से इलाज कर देगी। महाराष्ट्र में सपा के दो विधायक हैं, दोनों मुस्लिम हैं, दोनों मुस्लिम बहुल सीट से जीतते हैं। इसलिए अबू आजमी हों या रईस शेख़, दोनों अपने वोट बैंक के लिहाज से बयान देते हैं। अखिलेश यादव भी जानते हैं कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी का कोई जनाधार नहीं है, अबू आज़मी अपने दम पर जीतते हैं, महाराष्ट्र में वही समाजवादी पार्टी के सर्वेसर्वा हैं, अखिलेश उन्हें पद से हटा नहीं सकते, इसलिए आज़मी का समर्थन करना अखिलेश की मजबूरी है। अखिलेश जानते हैं कि उन्हें महाराष्ट्र में तो चुनाव लड़ना नहीं है, लेकिन शरद पवार की NCP  और उद्धव की शिवसेना की सियासत तो छत्रपति शिवाजी महाराज के नाम पर चलती है। महाराष्ट्र में छत्रपति शिवाजी और संभाजी से लोगों की भावनाएं जुड़ी हैं। इसलिए उद्धव ठाकरे हों या रोहित पवार, बीजेपी हो या शिंदे शिवसेना, सब इस मामले में एकमत हैं। ये सब जानते हैं कि औरंगजेब की डफली बजाकर कोई महाराष्ट्र की सियासत में survive नहीं कर सकता। इन पार्टियों की अबू आजमी से नाराज़गी इसलिए और भी ज्यादा है कि उन्हें बड़ी मुश्किल से धनंजय मुंडे के केस को लेकर देवेन्द्र फड़णवीस के खिलाफ एक मुद्दा मिला था, वो मुद्दा अबू आज़मी के बयान के चक्कर में हाथ से निकल गया। उधर, योगी मौके पर चौका लगाना खूब जानते हैं। अबू आजमी का समर्थन करके अखिलेश यादव ने योगी के सामने फुल टॉस फेंक दी, योगी ने बिना देर किए बाउंड्री के पार भेज दिया। योगी अब तक समाजवादी पार्टी को महाकुंभ के बारे में दुष्प्रचार के मुद्दे पर घेर रहे थे, सनातन विरोधी बता रहे थे, लेकिन उन्हें फिर मौका मिल गया। औरंगजेब की क्रूरता के बारे में, हिन्दुओं के प्रति उसकी नफरत के बारे में देश का बच्चा-बच्चा जानता है। जिस औरंजगेब ने अपने पिता को मौत तक कैद में रखा हो, दिन में सिर्फ एक मुट्ठी चने खाने को देता हो, प्यासा रखता हो, जिस औरंगजेब ने अपने भाई का कत्ल करके उसकी गर्दन पूरे राज्य में घुमाई हो, सभी भाइयों को सत्ता के लिए मौत के घाट उतारा हो, जिस औरंगजेब ने एक-एक दिन में एक लाख हिन्दुओं का कत्ल किया हो, सनातन को खत्म करने की कसम खाई हो, जिस औरंगजेब ने छत्रपति संभाजी महाराज, गुरू तेगबहादुर, गुरू गोविन्द सिंह के साहिबजादों की निर्मम हत्या की हो, उन्हें शहीद किया हो, हिन्दुस्तान में रहकर कोई भी व्यक्ति उस क्रूर औरंगजेब का गुणगान कैसे कर सकता है? अबू आज़मी ने ये गुनाह किया। फिर अखिलेश यादव ने अबू आजमी का समर्थन करके आग में घी डालने का काम किया। इसीलिए योगी ने कहा कि “अब समाजवादी पार्टी के नेता न समाजवादी रह गए हैं, और न सनातनी।”

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किसान : भगवंत मान को सब्र रखना चाहिए था

पंजाब में भगवंत मान की सरकार ने किसानों को ताकत दिखाई। संयुक्त किसान मोर्चा ने चंडीगढ़ मार्च का ऐलान किया था लेकिन भगवंत मान सरकार ने चंडीगढ़ को किसानों के लिए नो एंट्री ज़ोन घोषित कर दिया, ढाई हजार पुलिस वाले तैनात किए गए, पंजाब पुलिस ने चंडीगढ़ के सभी 18 एंट्री प्वाइंट्स सील कर दिए, सभी सड़कों पर बैरीकेडिंग कर दी गई, चंडीगढ़ आने-जाने वाले सभी रास्तों पर जाम लग गया। अब तक भगवंत मान किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे लेकिन जैसे ही किसानों ने आम आदमी पार्टी को उसके वादे याद दिलाए, तो पंजाब सरकार का रुख बदल गया। किसान चाहते हैं कि मान की सरकार उन मांगों को पूरा करे, जिनपर डेढ़ साल पहले सहमति बनी थी, किसानों के बिजली के बिल माफ किए जाएं, प्री-पेड मीटर न लगाए जाएं, किसानों के नाबार्ड लोन का वन-टाइम सेटेलमेंट हो। पंजाब में 21 जगहों पर भगवंत मान के पुतले जलाए गए। जिन किसानों को भगवंत मान पंजाब के लोगों को परेशानी में डालने वाला बता रहे हैं, मंत्री अमन अरोड़ा किसानों को ब्लैकमेलर बता रहे हैं, इन्हीं किसानों को पिछले महीने तक भगवंत मान अन्नदाता कहते थे। जब किसानों ने दिल्ली कूच की कॉल दी, तालकटोरा स्टेडियम में डेरा डाला, तो मान ने किसानों की सेवा के लिए पंजाब से वॉलेंटियर भेजे। केजरीवाल की सरकार ने किसानों के लिए खाने-पीने, ठहरने का इंतजाम किया। उस वक्त मान कहते थे कि आंदोलन की आजादी संविधान ने दी है, केन्द्र सरकार किसानों को रोक कर लोकतन्त्र की हत्या कर रही है। जब किसान हरियाणा सीमा पर धरना दे रहे थे तो भगवंत मान बार बार उनका समर्थन करने जाते थे, लेकिन जब किसानों ने मान के खिलाफ प्रोटेस्ट शुरू किया, तो मान किसानों को अपनी ताकत दिखाने लगे। तो क्या ये किसानों पर जुल्म नहीं है? इसे कहते हैं, “पर उपदेश कुशल बहुतेरे”। मुझे लगता है कि अगर भगवंत मान नाराज होकर किसानों की मीटिंग से न निकलते, उनकी बात सुनते, कुछ वक्त मांगते, तो किसानों को सड़क पर आने की ज़रूरत ही न पड़ती।

एक्ट्रेस ने सोने की स्मगलिंग क्यों की ?

बैंगलुरू एयरपोर्ट पर DGP रैंक के पुलिस अफसर की बेटी एक्ट्रेस रान्या राव को 14 किलो सोने के साथ गिरफ्तार किया गया। रान्या राव कन्नड़ और तमिल फिल्मों की एक्ट्रेस हैं, DGP रैंक के IPS ऑफ़िसर रामचंद्र राव की सौतेली बेटी हैं। रान्या राव दुबई से बैंगलुरू लौटी थीं। उसने गोल्ड बार को एक ख़ास तरह की बेल्ट में छुपाया हुआ था। DRI ने रान्या राव के घर से भी दो करोड़ छह लाख रु. के सोने के गहने और दो करोड़ 67 लाख रुपए कैश बरामद किए। रान्या राव ने चार महीने पहले ही शादी की थी और वो  पिछले पंद्रह दिनों में चार बार दुबई जा चुकी थीं। इसीलिए एजेंसीज उन पर निगाह रख रहीं थी। IPS ऑफ़िसर रामचंद्र राव ने कहा कि सौतेली बेटी की इस करतूत से वो ख़ुद हैरान हैं, रान्या राव उनसे अलग रहती थी।  दो बातें तो साफ हैं,  पहला ये कि रान्या ने अपने पिता के सीनियर पुलिस ऑफिसर होने का और दूसरी बात ये कि उसने अपने एक्टर होने का फायदा उठाया। उन्होंने सोचा था कि उन्हें पकड़ पाना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन होगा। इसीलिए वो बार बार दुबई जाने लगीं। जाहिर है, गोल्ड स्मगलिंग भी बार बार हुई होगी। जल्द अमीर बनने के चक्कर में रान्या ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। ऐसे मामलों में पूरा गैंग काम करता है। वो इसी गैंग की चक्कर में आई होंगी। इस घटना से ये सबक सीखने की जरूरत है कि लालच बुरी बला है, किसी भी गैरकानूनी तरीके से पैसा कमाना, किसी न किसी दिन महंगा पड़ सकता है। (रजत शर्मा)

देखें: ‘आज की बात, रजत शर्मा के साथ’ 5 मार्च, 2025 का पूरा एपिसोड

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