Rajasthan Politics: गहलोत पर सचिन पायलट का बड़ा बयान, बोले- सीएम मेरे बुजुर्ग, नकारा कहें या निकम्मा, बुरा नहीं लगता


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महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच राजस्थान से भी संकेत आ रहे हैं कि जल्द ही वहां भी कुछ बड़ा होने वाला है। इस बीच, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेरे पितातुल्य, मेरे बुजुर्ग हैं। उनकी कही बात का बुरा नहीं मानता। वे पहले भी मुझे निकम्मा, नालायक कह चुके हैं। मेरा फोकस तो 2023 के विधानसभा चुनाव जीतने पर है। 

टोंक के प्रवास पर सचिन से अशोक गहलोत और शांति धारीवाल जैसे नेताओं की टिप्पणियों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी। दरअसल, सीएम ने शनिवार को कहा कि सरकार गिराने में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट मिले हुए थे। गहलोत के बाद सीएम के करीबी मंत्री शांति धारीवाल ने भी पायलट पर जुबानी हमला बोला था। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि आज से पहले भी मुख्यमंत्री जी ने कुछ बोल दिया था। गहलोत जी ने पहले भी मुझे निकम्मा, नालायक और न जाने क्या-क्या कहा था। कोई बात नहीं, अशोक गहलोत जी मेरे बुजुर्ग हैं। मेरे लिए पितातुल्य हैं। मैं उनकी बात का बुरा नहीं मानता हूं। दिल्ली में कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने मेरे सब्र की तारीफ की थी। अगर राहुल गांधी जैसा एक नेता मेरे सब्र की तारीफ कर रहा है तो मुझे लगता है कि किसी को भी उनके (गहलोत के) बयान से किसी को विचलित होने की जरूरत नहीं है। उसे सही तरह से लेना जरूरी है। दरअसल, राहुल गांधी की तरफ से सचिन पायलट की तारीफ के बाद से गहलोत खेमा असहज महसूस कर रहा है। इसी वजह से शनिवार को गहलोत ने गैरजरूरी बयान दिया था। इसके बाद भी पायलट ने इसका सब्र के साथ और संयमित जवाब दिया है।  

मेरा फोकस क्लियर हैः पायलट
पायलट ने कहा कि 2013 में जब हमारी सरकार थी तो चुनाव में सिर्फ 21 सीटें मिली थी। एक-दो सीट कम आ जाती तो नेता प्रतिपक्ष का पद भी नहीं मिलता। 50 सीट ऐसी हैं, जो एससी-एसटी के लिए आरक्षित है। उसमें से दो ही विधायक हमारे जीतकर आए थे। कैबिनेट में से सिर्फ दो मंत्री जीतकर आए थे। उसके बाद हम सभी ने मेहनत की। पांच साल तक काम करने के बाद बीजेपी को हर मोर्चे पर, चुनावी रणक्षेत्र में हराने का काम हमने किया है। वसुंधरा जी की सरकार ने हमारे साथ जो कुछ करना था, वह सब किया। उनकी लाठियां हमने खाई। हमने संघर्ष किया। खूब रगड़ाई करने के बाद बनी है कांग्रेस की सरकार। हम तो चाहते हैं कि सरकार रिपीट हो। मैं तो हमेशा फोकस करता हूं कि सरकार को हम कैस रिपीट करें।  

मिलकर काम करेंगे तो सरकार दोहराएगी
पायलट ने यह भी कहा कि हम 2013 में जब हम सरकार से बाहर थे, तब हम कहां थे। किस हालात में थे। हमारी पार्टी कहां थी? उस समय जिन लोगों ने पार्टी के लिए काम किया, उन्हें हम कैसे भूला सकते हैं। 2023 का जो चुनाव होगा, उसमें राजस्थान के अंदर भाजपा को सत्ता से दूर रखने का काम अगर कोई करेगा तो हम लोग ही करेंगे। सरकार हमारी निश्चित तौर पर बनेगी।  

आचार्य प्रमोद के ट्वीट से बढ़ी हलचल
इससे पहले पायलट समर्थक एवं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने सोशल मीडिया पर लिखा ‘विषपान करने वाले नीलकंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है।’ आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर सचिन पायलट को जहर की तुलना घूंट पीने वाले नीलकंठ से ही नहीं की है बल्कि श्रावण मास में अभिषेक के तौर पर उन्होंने इशारे ही इशारे में कहा है कि अगले कुछ महीनों में राजस्थान में सत्ता की कुर्सी में बदलाव होगा। 

विस्तार

महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट के बीच राजस्थान से भी संकेत आ रहे हैं कि जल्द ही वहां भी कुछ बड़ा होने वाला है। इस बीच, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत मेरे पितातुल्य, मेरे बुजुर्ग हैं। उनकी कही बात का बुरा नहीं मानता। वे पहले भी मुझे निकम्मा, नालायक कह चुके हैं। मेरा फोकस तो 2023 के विधानसभा चुनाव जीतने पर है। 

टोंक के प्रवास पर सचिन से अशोक गहलोत और शांति धारीवाल जैसे नेताओं की टिप्पणियों पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी। दरअसल, सीएम ने शनिवार को कहा कि सरकार गिराने में केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सचिन पायलट मिले हुए थे। गहलोत के बाद सीएम के करीबी मंत्री शांति धारीवाल ने भी पायलट पर जुबानी हमला बोला था। पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से जब प्रतिक्रिया मांगी गई तो उन्होंने कहा कि आज से पहले भी मुख्यमंत्री जी ने कुछ बोल दिया था। गहलोत जी ने पहले भी मुझे निकम्मा, नालायक और न जाने क्या-क्या कहा था। कोई बात नहीं, अशोक गहलोत जी मेरे बुजुर्ग हैं। मेरे लिए पितातुल्य हैं। मैं उनकी बात का बुरा नहीं मानता हूं। दिल्ली में कुछ दिन पहले राहुल गांधी ने मेरे सब्र की तारीफ की थी। अगर राहुल गांधी जैसा एक नेता मेरे सब्र की तारीफ कर रहा है तो मुझे लगता है कि किसी को भी उनके (गहलोत के) बयान से किसी को विचलित होने की जरूरत नहीं है। उसे सही तरह से लेना जरूरी है। दरअसल, राहुल गांधी की तरफ से सचिन पायलट की तारीफ के बाद से गहलोत खेमा असहज महसूस कर रहा है। इसी वजह से शनिवार को गहलोत ने गैरजरूरी बयान दिया था। इसके बाद भी पायलट ने इसका सब्र के साथ और संयमित जवाब दिया है।  

मेरा फोकस क्लियर हैः पायलट

पायलट ने कहा कि 2013 में जब हमारी सरकार थी तो चुनाव में सिर्फ 21 सीटें मिली थी। एक-दो सीट कम आ जाती तो नेता प्रतिपक्ष का पद भी नहीं मिलता। 50 सीट ऐसी हैं, जो एससी-एसटी के लिए आरक्षित है। उसमें से दो ही विधायक हमारे जीतकर आए थे। कैबिनेट में से सिर्फ दो मंत्री जीतकर आए थे। उसके बाद हम सभी ने मेहनत की। पांच साल तक काम करने के बाद बीजेपी को हर मोर्चे पर, चुनावी रणक्षेत्र में हराने का काम हमने किया है। वसुंधरा जी की सरकार ने हमारे साथ जो कुछ करना था, वह सब किया। उनकी लाठियां हमने खाई। हमने संघर्ष किया। खूब रगड़ाई करने के बाद बनी है कांग्रेस की सरकार। हम तो चाहते हैं कि सरकार रिपीट हो। मैं तो हमेशा फोकस करता हूं कि सरकार को हम कैस रिपीट करें।  

मिलकर काम करेंगे तो सरकार दोहराएगी

पायलट ने यह भी कहा कि हम 2013 में जब हम सरकार से बाहर थे, तब हम कहां थे। किस हालात में थे। हमारी पार्टी कहां थी? उस समय जिन लोगों ने पार्टी के लिए काम किया, उन्हें हम कैसे भूला सकते हैं। 2023 का जो चुनाव होगा, उसमें राजस्थान के अंदर भाजपा को सत्ता से दूर रखने का काम अगर कोई करेगा तो हम लोग ही करेंगे। सरकार हमारी निश्चित तौर पर बनेगी।  

आचार्य प्रमोद के ट्वीट से बढ़ी हलचल

इससे पहले पायलट समर्थक एवं कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद ने सोशल मीडिया पर लिखा ‘विषपान करने वाले नीलकंठ का अभिषेक श्रावण मास में किया जाता है।’ आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर सचिन पायलट को जहर की तुलना घूंट पीने वाले नीलकंठ से ही नहीं की है बल्कि श्रावण मास में अभिषेक के तौर पर उन्होंने इशारे ही इशारे में कहा है कि अगले कुछ महीनों में राजस्थान में सत्ता की कुर्सी में बदलाव होगा। 

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