Rajasthan Politics: कब तक टिकेगी अशोक गहलोत और सचिन पायलट की यह सुलह, इन मुद्दों का अब क्या होगा


जयपुर: राजस्थान की सियासत (Rajasthan politics) ने बीते मंगलवार की शाम को नया मोड़ ले लिया। खबर आई कि अशोक गहलोत और सचिन पायलट (Ashok Gehlot and Sachin Pilot) में सुलह हो गई है। यानी अब दोनों के बीच कोई टकराव नहीं है। लेकिन यह एक ऐसी खबर है जिस पर लोगों को विश्वास नहीं हो रहा है। मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए चार साल से चल रही जंग क्या बिना कुछ हुए ही शांत हो गई। अगर सुलह हुई भी है तो किन मुद्दों पर हुई। क्या सचिन पायलट अब गद्दार नहीं रहे। सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर यह सुलह कब तक कायम रहेगी।

सचिन पायलट समर्थकों की मांग का क्या …
सचिन पायलट समर्थक विधायक लगातार मांग कर रहे हैं कि पायलट की मेहनत की वजह से कांग्रेस सत्ता में आई है। ऐसे में पायलट को जल्द से जल्द मुख्यमंत्री बनाया जाए। अन्यथा आगामी विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सितंबर के पहले सप्ताह में पायलट समर्थक ये धमकियां दे चुके कि अब समर्थकों का सब्र टूटने वाला है। गहलोत गुट में रहे राजेन्द्र गुढा और खिलाड़ीलाल बैरवा सहित एक दर्जन विधायक सचिन पायलट की पैरवी कर रहे हैं। सियासी गलियारों में चर्चा है कि कांग्रेस आलाकमान ने पायलट समर्थकों की बात को कोई तवज्जो दी ही नहीं और फिर इस मुद्दे पर सुलह कैसे हो गई।

पायलट पर गद्दारी का आरोप अचानक कैसे धुल गए
मुख्यमंत्री बनने का सपना देखने वाले सचिन पायलट पर अशोक गहलोत उनके समर्थकों ने खूब भला बुरा कहा। पायलट के लिए ऐसे ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया गया जो कभी विपक्ष के लिए भी नहीं किए जाते हों। कांग्रेस में शायद पहली बार ऐसा हुआ जब अपनी ही पार्टी के नेता के लिए नकारा, निकम्मा और गद्दार जैसे शब्द उपयोग में लिए गए। ॉ

गहलोत VS पायलट : पहले नमस्ते, फिर बंद कमरे में मुलाकात, केसी वेणुगोपाल के ‘हाथ’ मिलवाने तक की कहानी का समझिए सार

जुलाई 2020 में अशोक गहलोत ने पायलट को नकारा और निकम्मा कहा। सितंबर 2022 में धर्मेन्द्र राठौड़, महेश जोशी और शांति धारीवाल ने पायलट को गद्दार करार दिया। कुछ दिनों पहले अशोक गहलोत ने फिर से गद्दार करार दिया। अब अचानक हाथ खड़े करके सुलह होना दिखाया गया है। सवाल यह कि अचानक ऐसा क्या हुआ है कि सचिन पायलट के पर लगे सारे आरोप स्वत धुल गए।

राहुल गांधी की भारत छोड़ो यात्रा में दिख सकता है शक्ति प्रदर्शन
कांग्रेस कार्यालय में अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच दर्शाई गई सुलह कितने दिन चलेगी, यह बड़ा सवाल है। अगले सप्ताह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा राजस्थान की सीमा में प्रवेश करने वाली है। शायद इस यात्रा में शांति बनाए रखने के लिए गहलोत और पायलट को शांत रहने की हिदायत दी गई होगी।

Congress Crisis: कांग्रेस में फिर उठी कलह की चिंगारी, ‘आग में घी’ का काम कर रहे बीजेपी के ये नेता! पढ़ें ताजा बयान

संभवतया 5 दिसंबर से 22 दिसंबर तक राहुल गांधी राजस्थान में रहेंगे। इस दरमियान दोनों को शांत रहने के लिए केसी वेणुगोपाल की ओर से हाथ खड़े करवाए गए। गहलोत और पायलट के कट्टर समर्थकों को काबू में रखना आसान नहीं है। जिन नेताओं ने केसी वेणुगोपाल की एडवाइजरी का खुला उल्लंघन किया। क्या वे नेता इस सुलह से शांत हो जाएंगे, शायद नहीं। राजनैतिक जानकारों की माने तो पायलट समर्थक विधायक अपने नेता के अपमान का बदला जरूर लेंगे। भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अपने नेता के वर्चस्व दिखाने के लिए शक्ति प्रदर्शन जरूर करेंगे। (रिपोर्ट – रामस्वरूप लामरोड़, जयपुर)

Gehlot Vs pilot : के सी वेणुगोपाल ने मिलवाया ‘हाथ’, क्या खत्म हुई तकरार


.


What do you think?

Ludhiana: अनाज मंडी ट्रांसपोर्टेशन टेंडर घोटाला में विजिलेंस ने अदालत में पेश किया पूरक चालान

Sonipat News: विवाहिता को आत्महत्या के लिए विवश करने के दोषी पति को सात साल कैद