Rajasthan Political Crisis:नोटिस मिलते हो ठंडा होने लगा अशोक गहलोत कैम्प, जानिए क्या बन रहे सियासी समीकरण


जयपुर: कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव से पहले राजस्थान में छाया सियासी संकट अब नए मोड पर आ गया है। विधायकों के इस्तीफे पर कांग्रेस आलाकमान की नाराजगी के बाद गहलोत कैंप बैकफुट पर आ गया है। बताया जा रहा है कि पूरे घटनाक्रम पर आलाकमान ने नाराजगी जाहिर की है। हालांकि सीएम गहलोत की इस पूरे एपिसोड में भूमिका के मुद्दे पर उन्हें क्लीनचिट दे दी गई है। इधर विधायकों को इस्तीफे के लिए लेकर पहुंचे नेताओं को पार्टी की ओर से नोटिस जारी किए हैं। नोटिस जारी होने के बाद मंगलवार को ही मीडिया के सामने आकर मंत्री शांति धारीवाल, प्रतापसिंह खाचरियावास और महेश जोशी ने अपना पक्ष रखा।


खाचरियावास ने कहा कि – जल्दबाजी में दिए गए इस्तीफे
कैबिनेट मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने इसे लेकर मंगलवार शाम को प्रेसवार्ता की। खाचरियावास ने पूरे प्रकरण पर अपने पक्ष रखते हुए कहा कि रविवार 25 सितंबर को विधायकों और मंत्रियों के इस्तीफे दिए जाने की घटना जल्दबाजी में हुई। जयपुर में अपने सरकारी आवास पर मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि रविवार रात को जो हुआ अचानक ही हुआ। जल्दबाजी में किसी को कुछ सुझा नहीं था। ऐसे में 90 या 92 जितने भी विधायक थे। सभी ने डॉ. सीपी जोशी को इस्तीफे दे दिए। उन्होंने हंसी मजाक के लहजे में कहा कि अब गेंद डॉ. सीपी जोशी के पाले में हैं। वे यूनिवर्सिटी से प्रोफेसर रहे हैं। उन्हें ही अपना निर्णय लेना है।

धारीवाल भी पड़े नरम, बोले- वहीं होगा , जो मूंजरे सोनिया गांधी होगा…
इधर विधायकों को बस में बैठाकर ले जाने के आरोप झेल रहे शांति धारीवाल ने भी पूरे मामले में मीडिया के सामने सफाई दी है। उन्होंने मीडिया के सामने कांग्रेस आलाकमान की निर्णय को सर्वमान्य बताते हुए अपनी बात रखी है। धारीवाल ने मीडिया के सामने शायराना अंदाज में कहा कि सोनिया गांधी ही राजस्थान में सीएम पद को लेकर निर्णय करेगी। धारीवाल मीडिया के सामने बोले कि मुद्दई लाख मुराद चाहे तो क्या होता है, होता वही है जो मंजूर ए सोनिया गांधी होता है। इससे पहले शांति धारीवाल ने पायलट को सीएम बनाए जाने के मुद्दे पर कहा था कि गद्दारी करने वालों को पुरस्कार देना हमें बर्दाश्त नहीं है, हालांकि मंगलवार को उनके तेवर ढ़ीले पड़ गए।

महेश जोशी बोले- हम राहुल- सोनियां से सच्चे सिपाही
सियासी संकट के मुद्दे पर नोटिस मिलने पर मंत्री महेश जोशी ने भी मीडिया में अपनी सफाई दी है। उन्होंने कहा कि फिलहाल मुझे कोई नोटिस नहीं मिला है। लेकिन मैं इतना कहना चाहता हूं कि यदि नोटिस आएगा, तो पूरे अनुशासन के साथ हम जवाब देंगे। हम सोनिया और राहुल गांधी के सच्चे सिपाही है।

राजस्थान में कैसे बदलेगा सियासी समीकरण
गहलोत कैंप के नरम पड़ने के बाद माना जा रहा है कि राजस्थान में अब माहौल सचिन पायलट के पक्ष में जाता जा रहा है। पायलट को मुख्यमंत्री बनाए जाने के फैसले पर अंतिम मोहर कब लगेगी, फिलहाल यह तय वहीं है। लेकिन बड़ी बात यह है कि इस पूरे एपिसोड में कांग्रेस आलाकमान ने अशोक गहलोत को क्लीन चिट दे दी है।

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