सीएम गहलोत ने इससे पहले इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना को लेकर एक ट्वीट किया। उन्होंने बताया कि राज्य के शहरी क्षेत्रों के परिवारों, विशेष रूप से आर्थिक रूप से कमजोर, असहाय और बेरोजगार परिवारों के लिए खास योजना लाई जा रही। उन्हें आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए मनरेगा की तर्ज पर बजट ऐलान के अनुरूप शहरों में भी अब रोजगार सुनिश्चित करने के लिए ये योजना लागू की जा रही है।
जयपुर में दो छात्राओं से मिले सीएम गहलोत, ट्वीट कर दी जानकारी
वहीं जयपुर में इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना के शुभारम्भ के मौके पर सीएम गहलोत की मुलाकात दो छात्राओं कांति माथुर और प्रज्ञा पटेल से मुलाकात हुई। जो हमारी सरकार के महात्मा गांधी राजकीय अंग्रेजी मीडियम स्कूल की विद्यार्थी हैं। दोनों पहले निजी स्कूल में पढ़ती थीं जिसकी करीब 1 लाख रुपये फीस थी। अब दोनों महात्मा गांधी राजकीय इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ती हैं जहां ट्यूशन फीस शून्य है। दोनों अच्छी तरह अंग्रेजी में बोल सकती हैं। हमारी सरकार द्वारा शुरू किए गए महात्मा गांधी अंग्रेजी मीडियम स्कूल अच्छी और कम खर्च में शिक्षा देकर क्रांतिकारी बदलाव ला रहे हैं। इस बात का जिक्र सीएम गहलोत ने ट्वीट के जरिए दिया।
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इसलिए शुरू की गई योजना, मुख्यमंत्री ने बताया
योजना को लेकर सीएम गहलोत ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण अर्थव्यवस्था के साथ ही आम लोगों की आजीविका पर भी संकट आ गया। इस दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को रोजी-रोटी के संकट से उबारने के लिए मनरेगा ने अहम योगदान दिया। लेकिन शहरी क्षेत्रों में इस प्रकार की योजना नहीं है। ऐसे में नई योजना में शहरी क्षेत्र के बेरोजगार लोगों को आजीविका की दृष्टि से हर साल 100 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाया जाएगा। इस योजना के लिए राज्य सरकार ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए 800 करोड़ रूपए का बजट प्रावधान रखा है।
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