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भारतीय रेलवे इस दौरान बदलाव दौर से गुजर रहा है। सभी रेलवे जोन को आधुनिक बनाया जा रहा है। इसी कड़ी में देशभर में 200 वंदे भारत ट्रेनों का संचालन किया जाएगा। उत्तर पश्चिम रेलवे के हिस्से में शुरुआती दौर में 5 नई ट्रेनें आई हैं। रेलवे ने इन ट्रेनों के संभावित रूट का खाका भी तैयार कर लिया गया है। फ़िलहाल रैक से लेकर ऑटोमैटिक सिग्निलिंग का काम तेजी से किया जा रहा है।
उत्तर पश्चिम रेलवे का मानना है कि 2023 तक ये ट्रेन जयपुर-दिल्ली और जोधपुर के बीच दौड़ने लग जायेंगी। तमाम सुविधाओं के साथ इस ट्रेन में सफर करना दिलचस्प होगा। जल्द ही जयपुर से जोधपुर के बीच इसके ट्रायल रन की तारीख भी सामने आने वाली है। सब कुछ ठीकठाक रहा तो कुछ ही महीनों में ये ट्रेन पटरियों पर होगी और हवा से बातें करती हुई नजर आएगी।
दरअसल, उत्तर पश्चिम रेलवे जोन में 5 नई वंदे भारत ट्रेनों का ऐलान किया गया है। इसके बाद से ही राजस्थान में कौन से रूट पर सबसे पहले वंदे भारत रेल चलेगी इसे लेकर चर्चा की जा रही है। हालाकि, उत्तर पश्चिमी रेलवे के प्रारंभिक स्तर के संभावित प्लान के अनुसार राजस्थान में जयपुर-दिल्ली, जयपुर-जोधपुर, जयपुर-उदयपुर और जयपुर से कोटा के बीच इन ट्रेनों की संचालन करने की योजना है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, प्रदेश में जयपुर, श्रीगंगानगर, अजमेर, उदयपुर और जोधपुर में मेंटेनेंस डिपो विकसित किये जायेंगे। राजस्थान में जयपुर-रींगस रूट पर एक हजार करोड़ रुपये की लागत से मेमू मेंटेनेंस डिपो तैयार किया जा रहा है। वंदे भारत को लेकर मेंटेनेस डिपो बनाने का काम शुरू हो चुका है। वंदे भारत को सेमी बुलेट ट्रेन भी कहा जाता है। इससे सफर में औसतन एक घंटे की बचत होगी। हालांकि इसका किराया दूसरी ट्रेनों के मुकाबले महंगा होगा। ये भारत की स्वनिर्मित ट्रेन होगी जो आधुनिक संसाधनों के इस्तेमाल के साथ चलेगी।
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