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राजस्थान में राज्यसभा चुनाव को लेकर हलचल काफी तेज है। वहीं राज्यसभा चुनाव से पहले ही कांग्रेस के 80 से ज्यादा विधायक उदयपुर के एक होटल में डेरा जमाए हुए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक परसादी लाल मीणा, बी डी कल्ला, ममता भूपेश और सुरेश टॉक और कुछ निर्दलीय समेत कई मंत्री उदयपुर के होटल में मौजूद हैं।
भाजपा का डर
कांग्रेस पार्टी को डर है कि कहीं भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त न कर ले, इसलिए पार्टी ने अपने विधायकों को एक जगह रखने का फैसला किया है। शुक्रवार को लगभग 2.30 बजे 40 से अधिक विधायकों को लेकर एक बस होटल पहुंची। बस गुरुवार शाम विधायकों के साथ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आवास से निकली थी और भीलवाड़ा में रुकी, जहां राज्य के राजस्व मंत्री रामलाल जाट ने रात्रिभोज की मेजबानी की।
सचिन पायलट भी पहुंचे होटल
वहीं सूत्रों ने बताया कि पार्टी के बाकी विधायक अपनी सुविधानुसार होटल पहुंचेंगे। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, राज्यसभा सीट के लिए तीन उम्मीदवारों में से एक प्रमोद तिवारी और कुछ अन्य विधायकों के साथ हवाई मार्ग से उदयपुर पहुंचे।
भाजपा पर साधा निशाना
उदयपुर के डबोक हवाईअड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि कांग्रेस के पास तीन सीटें जीतने के लिए पर्याप्त समर्थन है। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव विधानसभा में संख्या के आधार पर लड़ा जाता है। साथ ही कहा कि भाजपा बल्लेबाजी तो करना चाहती है लेकिन पिच पर नहीं आना चाहती।
मीडिया से बात करते हुए सचिन पायलट ने कहा कि भाजपा ने राज्यसभा चुनाव में एक निर्दलीय उम्मीदवार का समर्थन किया है, लेकिन सुभाष चंद्रा के नामांकन के समय जो लोग मौजूद थे, वे केवल भाजपा विधायक थे और नामांकन के समय एक भी निर्दलीय विधायक नहीं था।
हालांकि सचिन पायलट, कुछ देर ही अरावली रिसोर्ट में रुके पायलट और दिल्ली रवाना हो गए, वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के छह विधायक जयपुर में नाराज होकर बैठे हैं, जिनको मनाने में सीएम गहलोत जुटे हुए हैं।
निर्दलीय विधायकों के वोट महत्वपूर्ण
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि भाजपा विधायकों की खरीद-फरोख्त करना चाहती है। उन्होंने कहा कि राज्य विधानसभा में अपने 108 विधायकों के साथ सत्तारूढ़ कांग्रेस के रूप में यह बयान दिया कि चार में से दो सीटें जीतने के लिए तैयार हैं। दो सीटें जीतने के बाद, कांग्रेस के पास 26 अधिशेष वोट होंगे, तीसरी सीट जीतने के लिए आवश्यक 41 में से 15 कम, जो निर्दलीय विधायकों का समर्थन महत्वपूर्ण बनाता है।
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