Punjab News: फरार होने से पहले दीपक टीनू ने कहा था- तीसरी बार भागा तो हाथ नहीं आऊंगा, कई और बड़े खुलासे


दीपक टीनू।

दीपक टीनू।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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29 मई को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद गैंगस्टर दीपक टीनू की चार जुलाई को गिरफ्तारी हुई थी। तब मानसा पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान उसने एक पुलिसकर्मी से कहा था कि वह दो बार हिरासत से भागा मगर दोनों बार पकड़ा गया। इस बार भागने का कोई इरादा नहीं है लेकिन फरार हुआ तो पुलिस के हाथ नहीं आऊंगा। प्रितपाल सिंह यह बात अच्छी तरह जानता था कि टीनू फरार हो सकता है। 

प्रितपाल को दिया था बड़ी रिकवरी का झांसा
सूत्रों ने बताया कि गैंगस्टर टीनू ने प्रितपाल सिंह को यह झांसा दिया था कि वह उसे अवैध हथियारों की बड़ी रिकवरी कराएगा। साथ ही गैंगस्टरों के बारे में सटीक जानकारी देगा। इसी लालच में प्रितपाल सिंह टीनू पर मेहरबान हुआ था। 

आरोपी सीआईए प्रभारी को बिना हथकड़ी लगाए पुलिस ने अदालत में किया पेश 
अक्सर छोटे मोटे मामलों में पकडे़ गए आरोपियों को अदालत में पेश करते समय पंजाब पुलिस हथकड़ी लगाकर अदालत में लाती है। हालांकि कोर्ट में पेश करने से पहले हथकड़ी खोल देती है। सीआईए प्रभारी प्रितपाल के मामले में पुलिस ने ऐसा नहीं किया। सोमवार को जब मानसा पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया तो उसके हाथों में कोई हथकड़ी नहीं थी। अदालत से बाहर आते समय भी उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। 

योजनाबद्ध तरीके से टीनू को लाया गया था मानसा 
प्राथमिक जांच में सामने आया है कि प्रितपाल सिंह और टीनू की दोस्ती उसकी गिरफ्तारी के दौरान ही हुई थी। टीनू को तब भी सीआईए स्टाफ मानसा में ही रखा गया था। प्रभारी प्रितपाल सिंह ही था। सूत्रों का कहना है कि इसी दौरान दोनों में एक बड़ी डील हुई। पता यह भी चला है कि टीनू को योजनाबद्ध तरीके से एक अन्य केस में दोबारा सीआईए मानसा में इसलिए लाया गया था ताकि उसे कोई तकलीफ न हो। यहां उसकी पूरी मेहमान नवाजी का इंतजाम प्रितपाल सिंह ने ही किया था।

पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि टीनू ने बैंक से पैसे भी निकलवाए थे। हिरासत के दौरान किस बैंक से कितने पैसे निकलवाए गए, एसएसपी गौरव धूरा इसकी जांच में खुद जुटे हैं। इस पूरे केस में कितना पैसा लिया गया है, इसकी जांच तेजी से चल रही है। पुलिस ने जांच में आर्थिक अपराध शाखा को भी शामिल कर लिया है।

मूसेवाला केस की जांच पूरी हो चुकी है, दीपक टीनू की फरारी अलग विषय: गुरमीत चौहान
एंटी गैंगस्टर फोर्स के एआईजी गुरमीत चौहान का कहना है कि मूसेवाला हत्याकांड में गिरफ्तारी व जांच हो चुकी है। उसकी जांच आला अधिकारियों ने की थी। इसमें प्रितपाल सिंह का कोई अहम रोल नहीं था। दीपक टीनू की फरारी के मामले में अब अधिकारी जांच कर रहे हैं। यह अलग विषय है। 

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29 मई को पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या के बाद गैंगस्टर दीपक टीनू की चार जुलाई को गिरफ्तारी हुई थी। तब मानसा पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर आई थी। सूत्रों का कहना है कि पूछताछ के दौरान उसने एक पुलिसकर्मी से कहा था कि वह दो बार हिरासत से भागा मगर दोनों बार पकड़ा गया। इस बार भागने का कोई इरादा नहीं है लेकिन फरार हुआ तो पुलिस के हाथ नहीं आऊंगा। प्रितपाल सिंह यह बात अच्छी तरह जानता था कि टीनू फरार हो सकता है। 

प्रितपाल को दिया था बड़ी रिकवरी का झांसा

सूत्रों ने बताया कि गैंगस्टर टीनू ने प्रितपाल सिंह को यह झांसा दिया था कि वह उसे अवैध हथियारों की बड़ी रिकवरी कराएगा। साथ ही गैंगस्टरों के बारे में सटीक जानकारी देगा। इसी लालच में प्रितपाल सिंह टीनू पर मेहरबान हुआ था। 

आरोपी सीआईए प्रभारी को बिना हथकड़ी लगाए पुलिस ने अदालत में किया पेश 

अक्सर छोटे मोटे मामलों में पकडे़ गए आरोपियों को अदालत में पेश करते समय पंजाब पुलिस हथकड़ी लगाकर अदालत में लाती है। हालांकि कोर्ट में पेश करने से पहले हथकड़ी खोल देती है। सीआईए प्रभारी प्रितपाल के मामले में पुलिस ने ऐसा नहीं किया। सोमवार को जब मानसा पुलिस ने उसे अदालत में पेश किया तो उसके हाथों में कोई हथकड़ी नहीं थी। अदालत से बाहर आते समय भी उसके चेहरे पर कोई शिकन नहीं थी। 

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