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पंजाब में स्वाइन फ्लू से अब तक हुई मौतों का स्वास्थ्य विभाग डेथ ऑडिट कराएगा। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से पीजीआईएमईआर और दूसरे मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों की टीमों का गठन किया है। टीम यह पता करेगी कि स्वाइन फ्लू से मरने वाले व्यक्ति किसी अन्य दूसरी बीमारी से तो पीड़ित नहीं थे।
पंजाब में नवंबर से पहले ही स्वाइन फ्लू की एंट्री हो गई है। अब तक सूबे में 44 लोगों के नमूनों की जांच में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है। साथ ही फ्लू से सात लोगों की मौत हो चुकी है। सूबे के स्वास्थ्य विभाग ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए सभी जिलों को अलर्ट कर दिया है। जिला अस्पतालों में फ्लू कॉर्नर बनाने के भी निर्देश जारी किए हैं। स्वाइन फ्लू आमतौर पर नवंबर से मार्च के दौरान सर्दियों में होता है, लेकिन इस बार राज्य में फ्लू ने पहले ही दस्तक दे दी है। फ्लू से लुधियाना जिले में 3, पटियाला में 2 और मालेरकोटला और संगरूर में 1-1 मौत हुई है।
स्वाइन फ्लू को रोकने के लिए विभाग की ओर से सूबे में अब मिले कुल संक्रमितों के संपर्क में आए 134 लोगों का इलाज शुरू किया गया है। विभाग की ओर से इन लोगों को टैमीफ्लू दी गई है। अभी तक जो भी स्वाइन फ्लू के मामले आए हैं वे बिखरे हुए हैं, किसी भी समूह की सूचना नहीं मिली है। लगातार बढ़ती मौतों के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग अब तक फ्लू से मरने वाले लोगों की मौत की जांच कराएगा।
पीजीआईएमईआर और मेडिकल कॉलेजों के विशेषज्ञों की एक टीम डेथ ऑडिट करेगी। स्वाइन फ्लू से मरने वाले अधिकांश रोगी दूसरे रोगों से पीड़ित बताए जा रहे हैं। – डॉ. गगनदीप ग्रोवर, नोडल अधिकारी पंजाब।
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